facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

Infosys को 32,403 करोड़ रुपये का GST नोटिस, कर अ​धिकारियों ने समीक्षा के संकेत दिए

कर अधिकारी पड़ताल करेंगे कि क्या इस मामले में धारा 11ए लागू की जा सकती है

Last Updated- August 02, 2024 | 7:41 AM IST
GST Probe: More than 20,000 notices issued for tax demand of Rs 80,000 crore, most focus on assessment year 2017-18 जीएसटी जांच: 80,000 करोड़ रुपये की कर मांग के लिए 20,000 से अधिक नोटिस जारी, आकलन वर्ष 2017-18 पर सबसे अधिक ध्यान

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग के जांच प्रकोष्ठ द्वारा इन्फोसिस को भेजी गई 32,403 करोड़ रुपये के कर मांग नोटिस के एक दिन बाद ही कर अ​धिकारियों ने इस मामले की समीक्षा करने के संकेत दिए हैं। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।

अन्य आईटी कंपनियों को भी इसी तरह के जीएसटी नोटिस मिलने की आशंका जताए जाने के मद्देनजर विभाग हरकत में आया है। कर नोटिस के डर से उद्योग के संगठन नैसकॉम ने आज अधिकारियों से मुकदमेबाजी और व्यापार अनिश्चितता पर निवेशकों की चिंताओं पर ध्यान देने का आग्रह किया।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अ​धिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि मामले की योग्यता के आधार पर हरेक मामले की जांच की जाएगी। एक शख्स ने बताया कि जीएसटी अ​धिकारी देखेंगे कि इस पर 26 जून के सर्कुलर के अंतर्गत विचार किया जा सकता है।

सर्कुलर में कहा गया है कि सेवाओं के आयात के मामले में यदि इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध है तो लेनदेन की ओपन मार्केट वैल्यू शून्य मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि इन्फोसिस इसके तहत पात्र है या नहीं।

अ​धिकारी ने कहा कि उसके अनुसार इस पर जीएसटी कानून की नई धारा 11ए के तहत विचार किया जाएगा। नई लागू की गई धारा कर अ​धिकारियों को उद्योग में प्रचलित कार्यप्रणालियों से उत्पन्न बकाया को माफ करने की अनुमति देती है। एक अन्य आ​धिकारिक सूत्र ने कहा, ‘कुछ ऐसे क्षेत्र जिसे व्यापक व्याख्या के आधार पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं, उनका मूल्यांकन किया जा सकता है और उन्हें सामान्य किया जा सकता है।’

डीजीजीआई नोटिस

जीएसटी का जांच विभाग – जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने 30 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा था कि कंपनी ने ग्राहकों को सेवाएं देने के लिए विदेश में शाखाएं खोली हैं। आईजीएसटी अ​धिनियम के तहत ऐसी शाखाएं और कंपनी को ‘विशिष्ट व्यक्ति’ माना जाता है।

इसके साथ ही कंपनी भारत से अपने निर्यात इन्वॉयस में विदेशी शाखाओं पर किए गए खर्चों को शामिल कर रही थी और उक्त निर्यात मूल्यों के आधार पर रिफंड की गणना कर रही थी।

इन्फोसिस का जवाब

कंपनी ने एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा है कि इन्फोसिस ने सभी बकाये का निपटारा कर दिया है और कंपनी द्वारा किए गए खर्च पर जीएसटी लागू नहीं होता है, जैसा कि डीजीजीआई दावा कर रहा है। रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म वस्तुओं या सेवाओं के प्राप्तकर्ता पर लागू होता है न के आपूर्तिकर्ता पर।

नैसकॉम भी इन्फोसिस के समर्थन में आ गया है। नैसकॉम ने कहा कि इन्फोसिस को भेजा गया कर नोटिस इस उद्योग के कामकाज के तरीकों के बारे में कम ज्ञान को दर्शाता है।

First Published - August 2, 2024 | 6:51 AM IST

संबंधित पोस्ट