केंद्र सरकार आठ साल में पहली बार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) से लाभांश का अपना लक्ष्य पार करती दिख रही है। चालू वित्त वर्ष में वह सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 36,835 करोड़ रुपये लाभांश जुटा चुकी है।
सरकार ने 2022-23 के बजट में 40,000 करोड़ रुपये का लाभांश सीपीएसई से जुटाने का लक्ष्य रखा था और उसका 92 प्रतिशत वह हासिल भी कर चुकी है।
पिछली बार 2014-15 में वित्त मंत्रालय ने सीपीएसई से लाभांश का लक्ष्य पूरा किया था। उस साल वित्त मंत्रालय ने 31,692 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त किया था, जो 27,815 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से ज्यादा था।
पिछले आठ वित्त वर्षों में सरकार ने अपने संशोधित अनुमानों में लाभांश का बजट अनुमान घटाया है। कोरोना की मार वाले वित्त वर्ष 2020-21 में लक्ष्य सबसे ज्यादा घटाया गया था, जब सरकार ने 57,487 करोड़ रुपये का बजट अनुमान रखा था और केवल 35,543 करोड़ रुपये हासिल किए।
वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2017 के बीच सरकार ने संशोधित अनुमानों में सीपीएसई लाभांश आमदनी के लक्ष्य को बजट अनुमान के मुकाबले हमेशा बढ़ाया है। मगर एक साल बाद वास्तविक अनुमान जारी होने पर इसे हमेशा कम किया गया है।
सीपीएसई लाभांश में तेल एवं गैस कंपनियों का बड़ा योगदान रहता है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियां पिछड़ती हुई दिख रही हैं क्योंकि कच्चे तेल के दाम बढ़ जाने के कारण उन्हें भारी घाटा हो रहा है।
सरकारी तेल एवं गैस उत्पादन कंपनियों को कीमतों से फायदा हुआ है, लेकिन वे विंडफॉल टैक्स (अप्रत्याशित लाभ पर कर) चुका रही हैं। पिछली तिमाही में केंद्र के लाभांश में सबसे बड़ा योगदान देने वालों में कोल इंडिया (6,113 करोड़ रुपये), ओएनजीसी (5,001 करोड़ रुपये), पावर ग्रिड(1,791 करोड़ रुपये), बीपीसीएल (690 करोड़ रुपये) और सेल (604 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
सरकार वित्त वर्ष 2023 का अपना बजट लक्ष्य हासिल कर सकती है क्योंकि कई केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में अपने लाभांश की घोषणा करते हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने खबर दी थी कि निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) सीपीएसई से मिलने वाले लाभांश को विनिवेश संग्रह में शामिल कराना चाहता है क्योंकि दोनों से ही सरकार को कमाई होती है। सीपीएसई से मिलने वाला लाभांश (गैर-कर राजस्व का हिस्सा) और विनिवेश (विविध पूंजीगत आय का हिस्सा) दीपम की दो अलग-अलग राजस्व देने वाली जिम्मेदारियां हैं।
इस साल अब तक दीपम ने ऑफर फॉर सेल, आरंभिक सार्वजनिक निर्गम और शेयर बायबैक के जरिये 31,107 करोड़ रुपये की विनिवेश राशि हासिल की है, जबकि लक्ष्य 65,000 करोड़ रुपये का था।