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भारत को चाहिए ‘ग्रीन फाइनेंस इंस्टिट्यूशन’, CII ने बजट से पहले रखी बड़ी मांग

अनुमान यह है कि हरित परियोजनाओं को धन जुटाने के लिए अगले 10 से 15 वर्षों में करीब 1 लाख करोड़ रुपये और वर्ष 2070 तक 10 लाख करोड़ डॉलर का अंतर आ सकता है।

Last Updated- December 01, 2025 | 9:27 AM IST
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भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार से आगामी बजट में हरित परियोजनाओं को धन जुटाने में बढ़ती खाई को पाटने के लिए प्रतिबद्ध वित्तीय संस्थान (जीएफआई) स्थापित करने की मांग की है। अनुमान यह है कि हरित परियोजनाओं को धन जुटाने के लिए अगले 10 से 15 वर्षों में करीब 1 लाख करोड़ रुपये और वर्ष 2070 तक 10 लाख करोड़ डॉलर का अंतर आ सकता है। इस औद्योगिक निकाय के अनुसार हालिया हरित वित्त की आपूर्ति जरूरत का मात्र एक चौथाई पूरा कर पाती है।

सीआईआई ने कहा कि प्रस्तावित संस्था को बैलेंस शीट ऋणदाता के बजाय एक मध्यस्थ के रूप में बनाया जाना चाहिए। इसमें बहुपक्षीय विकास बैंक, सॉवरिन फंड्स और परोपकारी संस्थाएं शामिल हों और इसमें कोई प्रत्यक्ष राजकोषीय व्यय शामिल न हो।

GFI को गिफ्ट सिटी में स्थापित करने की सिफारिश

इसने विनियामक की मजबूती का लाभ उठाने और वैश्विक पूंजी को आकर्षित करने के लिए जीएफआई को गिफ्ट सिटी में स्थापित करने की सिफारिश की है। यह संस्था नवीकरणीय ऊर्जा, मोबिल्टी, भवनों और औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन में परियोजना लागत को कम करने के लिए रियायती वित्त, क्रेडिट गारंटी, इक्विटी समर्थन और छोटे ग्रीन एसेट्स का प्रतिभूतिकरण प्रदान करेगी। उद्योग निकाय ने भारतीय क्लीन-टेक कंपनियों को वैश्विक स्थिरता और टेक्नॉलजी प्लेटफॉर्मों में नवाचारों को प्रदर्शित करने में मदद करने के लिए ग्रीन टेक एक्सपो फंड बनाने का भी प्रस्ताव रखा। इससे अंतराष्ट्रीय निवेशकों और खरीदारों के साथ गठजोड़ सक्षम हो सकेगा।

CII ने दी सर्कुलर इकॉनमी पर चेतावनी

सीआईआई ने सर्कुलर इकॉनमी पर चेतावनी दी कि ईवी, रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण सहित उभरते क्षेत्रों में बिना ढांचागत रिसाइकलिंग फ्रेमवर्क के लीथियम, कोबाल्ट और निकल जैसे महत्त्वपूर्ण खनिज भारत की उच्च आयात निर्भरता जोखिम पैदा करती है। इसने बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अनिवार्य रीसाइक्लिंग और शहरी खनन लक्ष्यों की सिफारिश की। साथ ही बिना संसाधित स्क्रैप के निर्यात को रोकने के लिए सख्त प्रमाणन की भी सिफारिश की है।

First Published - December 1, 2025 | 9:27 AM IST

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