सरकार इस बात पर मंथन करने में जुट गई है कि कि भारत का 80वां केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जा सकता है या नहीं। इस माथापच्ची की जरूरत इसलिए आन पड़ी है क्योंकि 1 फरवरी को रविवार है और उसी दिन गुरु रविदास जयंती भी है। दिल्ली सहित देश के कुछ उत्तरी राज्यों में गुरु रविदास जयंती के दिन सरकारी अवकाश रहता है।
शुक्रवार को अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय बजट रविवार 1 फरवरी को पेश किया जा सकता है। जब पूछा गया कि क्या केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा तो इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेण रीजीजू ने कहा कि इन मामलों पर संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति उचित समय पर निर्णय लेती है।
सरकारी सूत्रों ने तर्क दिया कि ऐसे उदाहरण रहे हैं जब विशेष अवसरों पर रविवार को संसद सत्र बुलाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु रविदास जयंती न तो केंद्र सरकार के लिए ‘सार्वजनिक छुट्टी’ का दिन है और न ही देश के अधिकांश राज्यों के लिए। उन्होंने कहा कि देश के कुछ उत्तरी राज्यों जैसे दिल्ली और हरियाणा में इस दिन ‘सार्वजनिक अवकाश’ रहता है।
यह केंद्र सरकार के लिए ‘प्रतिबंधित छुट्टी’ है सार्वजनिक छुट्टी नहीं। हालांकि, 2025 में रविदास जयंती बुधवार 12 फरवरी को मनाई गई थी। उस समय संसद सत्र चल रहा था इसलिए उस दिन दोनों सदनों की बैठक नहीं हुई थी। वर्ष 2017 से केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश हो रहा है और 2026 में इस दिन रविवार होगा।
अधिकारियों ने कहा कि सरकार वर्ष 2026-27 का केंद्रीय बजट भी 1 फरवरी को ही पेश करने में दिलचस्पी दिखा रही है, भले ही उस दिन रविवार ही क्यों नहीं है। 2020 और 2025 में निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश किया था और इन दोनों मौकों पर दिन शनिवार था। ऐसे उदाहरण हैं जब विशेष परिस्थितियों में संसद सत्र रविवार को आयोजित हुआ है। वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी और 13 मई 2012 को संसद 60वीं वर्षगांठ के अवसर संसद की पहली बैठक रविवार को हुई थी।
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ऐसे उदाहरण भी हैं जब दोनों सदनों में सार्वजनिक अवकाश के दिन काम हुए हैं। 13 मई 1957 बुद्ध पूर्णिमा के कारण अवकाश का दिन था मगर उस दिन राष्ट्रपति ने दोनों सदनों को संबोधित किया और दोनों सदनों की अलग-अलग बैठक भी हुईं।
राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार,‘बैठकों को तय करते समय भारत सरकार के कार्यालयों में वैकल्पिक छुट्टियों को हालांकि ध्यान में नहीं रखा जाता है और उन दिनों बैठकें तय की जा सकती हैं। लेकिन कुछ अन्य छुट्टियां भी हैं जो सदन द्वारा मनाई जाती हैं मगर वे भारत सरकार के कार्यालयों के लिए सार्वजनिक अवकाश का अवसर नहीं होती हैं।
रक्षा बंधन ऐसा ही त्योहार है।18 फरवरी 1981 को जब राज्य सभा की बैठक हुई थी तो उस दिन गुरु रविदास के जन्मदिन के कारण छुट्टी मनाने के संबंध में एक मुद्दा उठाया गया। कुछ चर्चा के बाद सदन को सुबह 11.06 बजे स्थगित कर दिया गया। राज्य सभा की बैठक 24 फरवरी, 1986 (गुरु रविदास का जन्मदिन) को पहले से तय थी। राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार 1981 के उदाहरण और अध्यक्ष के निर्देश को देखते हुए उस दिन के लिए तय की गई बैठक रद्द कर दी गई और सदस्यों को एक संसदीय बुलेटिन के माध्यम से सूचित किया गया।
वर्ष 2017 से पहले केंद्रीय बजट फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर पेश किया जाता था। तब यह तय हुआ था कि अगर 28 या 29 फरवरी को रविवार पड़ता है तो बजट एक दिन पहले यानी शनिवार हो पेश होगा। 1 फरवरी की तारीख इसलिए चुनी गई ताकि 1 अप्रैल को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में बजट का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
इस अखबार में पहले प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार 1947 से अब तक पिछले 79 केंद्रीय बजटों में केवल दो मौके ऐसे रहे हैं जब फरवरी की अंतिम तारीख रविवार को थी मगर संबंधित वित्त मंत्री ने बजट पहले यानी शुक्रवार को ही पेश कर दिया। अन्य सभी अवसरों पर जब फरवरी का अंतिम दिन रविवार को पड़ा तो बजट पिछले दिन यानी शनिवार को पेश किया गया।
2026-27 का केंद्रीय बजट 1947 के बाद 80वां बजट होगा और सीतारमण द्वारा पेश किया जाने वाला लगातार 8वां बजट होगा। इस तरह वह इस मामले में मोरारजी देसाई की बराबरी कर लेंगी। देसाई ने अपने आठ बजट दो अलग-अलग कार्यकालों में पेश किए जिनमें एक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में और दूसरा इंदिरा गांधी की सरकार में।