चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार का पूंजीगत व्यय बजट अनुमान का 24.5 प्रतिशत यानी 2.75 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में हुए बजट अनुमान के 16.3 प्रतिशत व्यय की तुलना में अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण पूंजीगत व्यय कम रहा था।
गुरुवार को महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में शुद्ध कर राजस्व बजट अनुमान का 19 प्रतिशय या 5.4 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसमें सालाना आधार पर 2 प्रतिशत की कमी आई है। वित्त वर्ष 2026 की अप्रैल जून तिमाही के दौरान पूंजीगत व्यय चुनाव के पहले के वित्त वर्ष2024 की समान अवधि की तुलना में अभी भी कम है। राज्यों को जारी किया गया ऋण पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ा है, जो बजट अनुमान का 31 प्रतिशत है।
इक्रा में अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘जून 2025 में प्रत्यक्ष कर संग्रह में सुस्ती के कारण सकल कर राजस्व प्रदर्शन खराब हुआ है। ’राजकोषीय घाटा जून के अंत में पूरे वित्त वर्ष के लक्ष्य का 17.9 प्रतिशत रहा है। पिछले वित्त वर्ष के पहले 3 महीनों में यह 2024-25 के बजट अनुमान (बीई) का 8.4 प्रतिशत था। मूल्य के हिसाब से राजकोषीय घाटा, या सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर, चालू वित्त वर्ष (2025-26) की अप्रैल-जून अवधि में 2,80,732 करोड़ रुपये था।