राष्ट्र की बात: 44 साल बाद मोदी की नई भाजपा
सन 1977 में जनता पार्टी के रूप में जो प्रयोग हुआ था और जिसमें भारतीय जनसंघ का विलय हुआ था, उसकी नाकामी के बाद 6 अप्रैल, 1980 को जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना हुई तो लाल कृष्ण आडवाणी ने वादा किया था कि यह पार्टी अन्य राजनीतिक दलों से अलग होगी। वह ईस्टर […]
राष्ट्र की बात: अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा भारतीय विपक्ष
Lok Sabha Elections: आम चुनावों के पहले चरण के मतदान को बमुश्किल एक सप्ताह से कुछ अधिक समय शेष है और प्रमुख दलों के घोषणा पत्र सामने आने लगे हैं। इस बीच चुनाव से जुड़े जनमत सर्वेक्षणों का पहला संस्करण भी आ चुका है। टेलीविजन चैनलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिद्वंद्वियों का […]
राष्ट्र की बात: आखिर न्यायपालिका को कौन धमकी दे रहा है?
देश की उच्च न्यायपालिका के इर्दगिर्द पिछले कुछ समय में कई घटनाएं घटी हैं। पहले हरीश साल्वे सहित ‘बार’ के 600 सदस्यों ने देश के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिख कर उच्चतम न्यायालय के साथ ऐसे समय में एकजुटता और समर्थन दर्शाया जब उनके मुताबिक उस पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। इसे ‘बार’ […]
राष्ट्र की बात- ‘आप’-भाजपा की लड़ाई और कांग्रेस का संघर्ष
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली सरकार की एक प्रमुख मंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचार हैं। यानी उनका कहने का अर्थ यह था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी या उन्हें अस्थायी रूप से […]
CAA मामला: बासी कढ़ी में संभव है उबाल?
मोदी सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के नियमों को लागू करने की जो अधिसूचना जारी की वह अपना तात्कालिक उद्देश्य पूरा नहीं कर सकी। यानी वह बेनामी चुनावी बॉन्ड से जुड़े सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को दबा नहीं पाई। बॉन्ड के मामले में उभरने की पूरी क्षमता थी। सीएए तब तक मृत प्राय था […]
राष्ट्र की बात: मोदी-भाजपा ने शुरू की 2029 की तैयारी!
अगर मैं आपसे कहूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस गति से यात्राएं कर रहे हैं, उद्घाटन कर रहे हैं, आधारशिला रख रहे हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में भाषण दे रहे हैं उससे पता चलता है कि आम चुनावों का प्रचार अभियान शुरू हो चुका है तो आप यकीनन मुझसे कहेंगे कि इसमें बड़ी […]
राष्ट्र की बात: दल बदलने के लिए क्यों उतारू हैं राजनेता
हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में राज्य सभा चुनावों में हुई क्रॉस-वोटिंग और दलबदल के घटनाक्रम ने कई महत्त्वपूर्ण सियासी सवाल खड़े कर दिए हैं। जैसे कि नेताओं को पार्टी के प्रति वफादार रहने या उसे छोड़ने का मुख्य प्रेरणास्रोत क्या है? किन वजहों से कुछ दल एक साथ रहते हैं जबकि कुछ विभाजित […]
मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए कुछ काम
इन दिनों सबसे अधिक पूछा जाने वाला सवाल यही है कि आम चुनाव कौन जीत रहा है और कितने अंतर से जीत रहा है। फिलहाल अगर हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर यकीन कर लें तो हम उन्हें 10 बिंदुओं वाली एक सूची दे सकते हैं। यह ऐसे कामों की सूची है जो हमारी […]
पाकिस्तान में चुनाव और सेना का दखल
पाकिस्तान में आम चुनाव के नतीजे आने के सप्ताह भर बाद भी हम यह नहीं कह सकते हैं कि किसकी जीत या हार हुई है। हम यह भी नहीं कह सकते हैं कि सरकार किसकी बनेगी-जीतने वालों की या हारने वालों की या फिर जीतने वालों तथा कुछ हारने वालों अथवा सभी हारने वालों की […]
राष्ट्र की बात: दूरगामी प्रभाव वाली तीन राजनीतिक भूलें
संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमें सात दशक पीछे ले गए और उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार की उन गलतियों को याद किया जो उसने आजाद भारत के इतिहास में की थीं। इससे एक और प्रश्न उत्पन्न होता है: आजाद भारत […]