राष्ट्र की बात: पड़ोसी का सम्मान होगी सही रणनीति, बदले समीकरण लेंगे मोदी सरकार की परीक्षा
बांग्लादेश के घटनाक्रम ने एक बार फिर भारत के पड़ोस को सुर्खियों में ला दिया है। साथ ही ऐसी स्थितियों से निपटने के मोदी सरकार के रिकॉर्ड पर भी सबकी नजर है। आज के हालात पर गहराई से नजर डालने के लिए हमें चौथाई सदी पहले जाना होगा, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर की […]
राष्ट्र की बात: सत्ताधारी पक्ष बचाव में और विपक्ष आक्रामक
हम अक्सर क्रिकेट से जुड़े हालात और रूपकों की मदद से राजनीतिक जटिलताओं को समझने का प्रयास करते हैं। इस समय ओलिंपिक खेल और यूरो कप चल रहे हैं इसलिए हॉकी और फुटबॉल का जिक्र अधिक उचित होगा। आइए देखते हैं कि कैसे हॉकी या फुटबॉल के खेल में आने वाले बदलाव हमारी राष्ट्रीय राजनीति […]
राष्ट्र की बात: कोचिंग व्यवसाय और इसका वीभत्स रूप
दिल्ली में केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले एक कोचिंग संस्थान में तीन छात्रों की दर्दनाक मौत के बाद हमारी ‘व्यवस्था’ का हिस्सा समझे जाने वाले सभी लोग एवं संगठन हरकत में दिख रहे हैं। पश्चिमी दिल्ली में यूपीएससी के लिए तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों का गढ़ बन चुके […]
राष्ट्र की बात: भारतीय मध्य वर्ग की क्या हैं विशेषताएं?
हालिया बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्य वर्ग को छेड़ कर बहुत मुश्किल हालात पैदा कर दिए। पूरे सप्ताह उन्हें तथा उनके मंत्रालय को सोशल मीडिया पर हमलों का सामना करना पड़ा। मुख्य धारा के मीडिया के लोगों ने जरूर संतुलित ढंग से आश्चर्य प्रकट किया। पूंजीगत लाभ कर में परिवर्तन (अमीरों से […]
Budget 2024: भाजपा को ‘बेस’ पसंद है, समझिए इस फॉर्मूले का मतलब
समझ की दृष्टि से सरलता के लिए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संक्षिप्त अक्षरों के प्रति लगाव से संकेत ग्रहण करते हुए हम इस बजट को ‘बेस’ प्रभाव वाला बजट कह सकते हैं। या फिर सलमान खान की फिल्म सुल्तान के एक गाने से प्रेरणा लेते हुए कहा जा सकता है कि ‘भाजपा को बेस […]
कांग्रेस का प्रदर्शन और राहुल में बदलाव
राहुल गांधी जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तीसरी सरकार के पहले पूर्ण संसद सत्र में जा रहे हैं तब उनके लिए यह राहत की बात हो सकती है कि पिछले दो दशकों से उन्हें परेशान कर रहे तीन सवाल अब खत्म हो चुके हैं। पहला, क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस को गंभीरता से […]
राष्ट्र की बात: मोदी के तीसरे कार्यकाल की अहम चुनौतियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल आरंभ हो चुका है। उनका यह कार्यकाल पिछले दो कार्यकाल से काफी अलग है और यह बात वह किसी और से बेहतर जानते हैं। उनका राजनीतिक प्रशिक्षण और अनुभव ऐसा नहीं रहा है कि वे मिलीजुली सरकार चला सकें। वास्तविक मुद्दा बहुमत का न होना नहीं है। उनके पास […]
राष्ट्र की बात: मोदी के तीसरे कार्यकाल में सशर्त होगा शासन
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में एक बदली हुई हकीकत यह है कि हम उस पुराने सामान्य दौर में लौट आए हैं जहां बहुमत होने के बाद भी लगातार बगावतों का सामना करना पड़ता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 सालों से सत्ता में हैं (इनमें से 13 वर्ष गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में) और […]
राष्ट्र की बात: RSS और BJP के बीच मतभेद की वास्तविकता
आरएसएस (RSS) और भाजपा (BJP) का इतिहास प्रेमियों के बीच होने वाली नोकझोंक का जैसा रहा है। यह सोचना कि आरएसएस भाजपा के नेतृत्व में कोई बदलाव लाएगा सही नहीं है। जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के अहंकार को लेकर वक्तव्य देना शुरू किया तो उसके दिमाग में क्या […]
राष्ट्र की बात: हिंदू-मुस्लिम एकजुटता की राजनीति में वापसी
मुस्लिम वोट भाजपा (BJP) की सबसे बड़ी चिंता हैं। हालिया आम चुनाव में कमियों की तलाश शुरू भी हो चुकी है। बिना उत्तर प्रदेश में अपनी हालत सुधारे भाजपा की मुश्किलें और उसका पराभव लगातार बढ़ता जाने की आशंका है। इस आम चुनाव में सबसे कम चर्चित सुर्खी मुस्लिम मतों की ताकत की वापसी है। […]









