ज्यादा मुसीबत लाएगा ट्रंप का दूसरा कार्यकाल
दुनिया ने डॉनल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की बात को अप्रत्याशित रूप से स्वीकार कर लिया है। उन्होंने 2016 में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव जीता था और उस जीत का जिस आक्रोश, भय और तिरस्कार भाव के साथ स्वागत किया गया था, उसकी तुलना में इस बार उनकी जीत को कुछ […]
नीति नियम: अमेरिकी चुनाव और मुद्रास्फीति का भूत
दुनिया भर के निर्वाचित नेताओं को एक भूत सता रहा है और वह है मुद्रास्फीति का भूत। ऐसा प्रतीत होता है कि मतदाताओं को अगर कुछ सबसे अधिक नापसंद है तो वह है मुद्रास्फीति और इसकी वजह से दुनिया भर के कई नेताओं को दोबारा चुनावी जीत हासिल करने में नाकामी मिली। अमेरिका में हाल […]
नीति नियम: अमेरिकी चुनाव में मिडवेस्ट धारणा की पड़ताल…
आए दिन ऐसा मौका आता ही रहता है जब किसी देश की राजनीति पर लग रहे कयास पूरी तरह धवस्त हो जाते हैं। भारत के मामले में भी जब तब ऐसा होता रहता है। इसका हालिया उदाहरण 2014 में दिखा था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बहुमत दिलाया और दशकों […]
नीति नियम: जमीन के समुचित इस्तेमाल का सवाल
डेविड रिकार्डो के निधन को दो सदी, एक वर्ष, एक माह और एक सप्ताह से कुछ अधिक समय बीता है। रिकार्डो में कई खूबियां थीं: वह फाइनैंसर थे, उन्मूलनवादी थे और उदारवादी राजनेता थे। बहरहाल उन्हें आधुनिक अर्थशास्त्र के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कई जरूरी आर्थिक सिद्धांत तैयार किए जिनमें घटते […]
नीति नियम: दलगत राजनीति की अपरिहार्यता
राजनीतिक दलों में विभाजन क्यों होता है या फिर वे एकजुट क्यों रहते हैं? दलगत राजनीति पर हममें से ज्यादातर का रुख कुछ ऐसा होता है: राजनीतिक दल आम तौर पर मतदाताओं के खास समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो भौतिक हित, क्षेत्रीय या सामुदायिक चेतना अथवा आर्थिक विचारधारा के कारण एक साथ रहते हैं। […]
नीति नियम: आर्थिक लोकलुभावनवाद की नाकामी
अमेरिका में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर अभूतपूर्व प्रयोग हुआ है, जिसका परिणाम जल्द ही हमारे सामने होगा। वहां उप राष्ट्रपति कमला हैरिस अब डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं और राष्ट्रपति चुनाव में वह पूर्व राष्ट्रपति तथा रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर दे रही हैं। कई लोग इस […]
पड़ोसी देशों से खत्म होते मित्रतापूर्ण संबंध, शेख हसीना के कार्यकाल के अंत के साथ भारत-बांग्लादेश संबंधों में भी तनाव
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के तौर पर शेख हसीना के लंबे कार्यकाल के शर्मिंदगी भरे अंत ने देश के भविष्य को अनिश्चितता में झोंक दिया है। इस पूरे घटनाक्रम का एक परिणाम यह भी हुआ है कि दक्षिण एशिया में भारत अलग-थलग पड़ गया है। इस बात पर मतभेद हो सकते हैं कि भारत के नीति […]
नीति नियम: अमेरिका में क्या चुनाव नीतियों पर लड़े जा रहे हैं? भारत जैसी स्थितियों की भी दिख रही झलक
वर्ष 2024 को परिभाषित करने वाले राष्ट्रीय चुनावों का अंतिम चरण तेजी से निकट आ रहा है। चुनावों में रुचि रखने वालों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण वर्ष है। अमेरिकी नागरिकों को भी जल्द ही अपनी नई सरकार चुननी है। अब्राहम लिंकन भले ही रिपब्लिकन थे, लेकिन इस समय ‘लोगों के लिए’ नारे के साथ डेमोक्रेट […]
नीति नियम: सत्ता की आत्मसंतुष्टि और शेख हसीना का पराभव
अब जबकि सब कुछ बीत चुका है तब लगता है कि बांग्लादेश में सत्ता से बेदखल की गईं प्रधानमंत्री शेख हसीना की पकड़ के बारे में लोगों में काफी बेफिक्री या आत्मसंतुष्टि थी। आधिकारिक विपक्षी दल बांग्लादेश नैशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की स्थिति भी बेहद खराब होने के कारण आवामी लीग अजेय ही नजर आ रही […]
नीति नियम: फायदेमंद साबित होने वाले तीन बदलाव
सरकारों के लिए अपना रुख बदलना अक्सर कठिन होता है। इसमें यह स्वीकार करना शामिल है कि आपने पहले जो कदम उठाया वह शायद गलत रहा हो। इसका यह अर्थ भी हो सकता है आपको उन लोगों की भी सलाह सुननी चाहिए जिनके बारे में आपकी धारणा है कि या तो उन्हें सही जानकारी नहीं […]