सुपरइंटेलिजेंस की जंग: एआई क्षेत्र में क्या वाकई हो रहा अभूतपूर्व निवेश?
मेटा के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने हाल ही में कहा कि वह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की दौड़ में पिछड़ने के बजाय ‘कुछ सौ अरब डॉलर फिजूलखर्ची’ का जोखिम उठाना पसंद करेंगे। जरा इस पर गौर करें कि उन्होंने कुछ सौ अरब डॉलर की बात कही है। जकरबर्ग जिस सरलता से यह स्वीकार करने के लिए […]
ट्रंप की बात को गंभीरता से लें, और टैरिफ लगने से पहले व्यापार समझौते को अंतिम रूप दें
कार्यकारी शक्ति के एक माध्यम के रूप में शुल्क लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ‘प्रतिबद्धता’ पर संदेह नहीं किया जा सकता। सार्वजनिक जीवन में अपनी लंबी पारी के दौरान (पहले एक व्यवसायी के रूप में, फिर एक टेलीविजन हस्ती के रूप में और अंत में एक राजनेता के रूप में) ट्रंप हमेशा व्यापार […]
बिहार चुनाव 2025: पिछले प्रदर्शन की बानगी देता 1 करोड़ नौकरियों का वादा
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने विधानसभा चुनावों के लिए शुक्रवार को जो घोषणापत्र जारी किया, उसमें राज्य की जनता से कई वादे किए गए हैं। लेकिन एक वादा सबसे अलग नजर आया और आना ही था। वह वादा है कि अगर राजग फिर से सत्ता में आता है तो एक करोड़ से […]
आर्थिक वृद्धि का रास्ता: नोबेल विजेताओं ने व्यवहारिक सोच और प्रगति की संस्कृति पर दिया जोर
आर्थिक वृद्धि क्या है और वह कहां से उत्पन्न होती है? क्या यह केवल विभिन्न सामग्रियों, कच्चे माल और प्राकृतिक संसाधनों, श्रम और पूंजी का संचयन है? क्या यह तकनीकी प्रगति का उत्पाद है या फिर इसमें कुछ और भी सूक्ष्म बात काम करती है? यह अर्थशास्त्र के लिए बुनियादी प्रश्न होना चाहिए लेकिन आश्चर्य […]
क्रिकेट के मैदान से बाहर, पाकिस्तान ने विश्व स्तर पर भारत के लिए बढ़ाई चुनौतियां
इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान सभी वस्तुनिष्ठ मानदंडों के हिसाब से एक नाजुक देश है, इसलिए इसे विश्व मंच पर नजरअंदाज और खारिज कर दिया जाना चाहिए। इसके बजाय, हाल के सप्ताहों में अमेरिका और चीन, दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने पाकिस्तान के नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया है और आंतरिक निवेश बढ़ाने के लिए उसके […]
एच-1बी वीजा पर ट्रंप का बड़ा फैसला: अमेरिका में भारत के खास दर्जे का बीता दौर!
एच-1बी वीजा पर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का नया ऐलान क्या भारत को निशाना बनाने के लिए उठाया गया एक और कदम है? आखिरकार, दो-तिहाई से अधिक एच-1बी वीजा भारतीयों को दिए जाते हैं और भारतीय कंपनियां इस वीजा के सबसे बड़े लाभार्थियों में शुमार हैं। शायद हां। एक नजरिये से ट्रंप के सभी कदम वास्तव […]
विदेश नीति का बदलता रुख: भारत में अमेरिकी विरोध बढ़ा, क्या नेहरूवादी जड़ों की ओर हो रही वापसी?
दो दशक पहले यह विश्वास करना संभव था कि भारत के वैश्विक रुख के निर्धारण में आगे स्वत: स्फूर्त अमेरिका विरोध निर्णायक भूमिका नहीं निभाएगा। परंतु हाल के महीनों और वर्षों में यह स्पष्ट हो गया है कि पश्चिम के प्रति अविवेकी अविश्वास, तर्कसंगत स्तर तक कम होने के बजाय, भारतीय राजनीति में एक प्रमुख […]
अमेरिकी संस्थानों पर ट्रंप का निरंतर हमला उनकी महत्ता की अग्निपरीक्षा होगी
संस्थान मायने रखते हैं। उन्हीं पर विकास, निवेश और आर्थिक स्थिरता की बुनियाद रखी जाती है। या फिर इसका उलटा सच है? क्या आर्थिक परिवर्तन ही आधुनिक संस्थाओं को जन्म देते हैं? अर्थशास्त्रियों ने लंबे समय से इन दोनों के बीच संबंध को समझने की कोशिश की है। पिछले वर्ष, तीन अर्थशास्त्रियों को नोबेल पुरस्कार […]
ट्रंप के टैरिफ ने भारत की रूस-चीन नीति पर उठाए सवाल, क्या गलत थे हमारे आकलन?
भारत में कई ऐसे लोग हैं जो चाहेंगे कि हम यह भूल जाएं कि गत वर्ष डॉनल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने पर वे कितने खुश और उत्साहित थे। शेष विश्व भले ही उनके धैर्य की कमी, उनकी अजीब आर्थिक सोच और अमेरिका के मित्रों के साथ संबंध खराब करने के उनके […]
ट्रंप का टैरिफ वार: क्या अमेरिका को वाकई टी-शर्ट और जूते बनाने चाहिए?
अब यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप वास्तव में यही मानते हैं कि उच्च आधार शुल्क उनके देश की कामयाबी के लिए आवश्यक है। हालांकि वे शायद उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाएंगे जिसकी धमकी उन्होंने अप्रैल के आरंभ में अपने चर्चित संवाददाता सम्मेलन में दी थी और एक […]









