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लेखक : मिहिर एस शर्मा

आज का अखबार, लेख

नीति नियम: बहुलवादी चुनाव व्यवस्था में जीत कितनी तर्कसंगत?

पिछले पखवाड़े में हमें यह अनुभव हुआ कि हमारी चुनाव प्रणाली बुनियादी रूप से कमजोर एवं अतार्किक हो सकती है। भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में चुनाव क्षेत्र आधारित फर्स्ट-पास्ट- द-पोस्ट (एफपीटीपी) वोटिंग प्रक्रिया दो वास्तविक दलों वाले देशों जैसे अमेरिका में वास्तविक पसंद को कुछ अंश तक ही परिलक्षित करती है। अधिक बिखराव एवं विविधता […]

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नीति नियम: देश में गठबंधन धर्म की वापसी

पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ उसका सबसे बड़ा हासिल यह है कि भारत में नीति निर्माण की प्रक्रिया दोबारा गठबंधन के दौर में वापसी कर चुकी है। अब तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अहम साझेदार मसलन एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP), नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू […]

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नीति नियम: कारगर नहीं ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार

लंबे समय तक चला बहुत ही उबाऊ और थकाऊ लोक सभा चुनाव संपन्न हो चुका है। पूरे चुनाव के दौरान कुछ नए मुद्दे सुनने को मिले तो कई असाधारण उम्मीदवार भी राजनीतिक पटल पर उभर कर सामने आए। पूरे चुनाव के दौरान आचार संहिता लगी होने के कारण नीतियां और कानून बनाने का काम भले […]

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नीति नियम: चुनावों के लिए कितना अहम रोजगार का मुद्दा

देश में चुनाव प्रचार अभियान के अब चंद दिन ही बचे हैं। पिछले कई चुनावों के मुकाबले इस बार का चुनाव बेहद नीरस सा लग रहा है और चुनावी मुद्दों को लेकर भी कोई खासा जोर नहीं दिख रहा है। प्रधानमंत्री की निजी लोकप्रियता ने शायद कई लोगों को यह मानने के लिए प्रेरित किया […]

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नीति नियम: स्थायी शांति की दिशा में कैसे बढ़े इजरायल?

हमास (Hamas) द्वारा गत वर्ष 7 अक्टूबर को किए खूनी आतंकी हमले के बाद तीन बातें निश्चित थीं। पहला, यह संभावना नजर आई कि इजरायली समाज उसी तरह प्रतिक्रिया देगा जैसी प्रतिक्रिया अधिकांश समाज हिंसात्मक आतंकी हमलों के दौरान देते हैं: यानी बिना सोचे-समझे जवाब देना। दूसरा, इजरायल को सार्वजनिक और राजनीतिक स्तर पर समर्थन […]

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नीति नियम: निम्न मध्य आय का जाल और भारत

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने हाल ही में इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (IHD) के साथ मिल कर एक रिपोर्ट जारी की जिसके बारे में काफी कुछ लिखा जा चुका है। यह रिपोर्ट 2000 के बाद देश में रोजगार की स्थिति से संबंधित है। रिपोर्ट में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सरकारी आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया […]

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नीति नियम: भारतीय राजनीति में टेक्नोक्रेट का दौर खत्म

राज्य सभा से सेवानिवृत्त होने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शायद इतिहास के सबसे सफल टेक्नोक्रेट हो सकते हैं। टेक्नोक्रेट ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जो तकनीकी रूप से दक्ष होता है और सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करता है। ऐसे कम ही लोग हैं जिन्हें उनकी विशेषज्ञता के आधार […]

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नीति नियम: वर्तमान सरकार का गत पांच वर्षों का प्रदर्शन

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का दूसरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इस बात की पूरी उम्मीद है कि यह सरकार एक बार फिर चुनकर आएगी, ऐसे में इस बात पर विचार करना उचित है कि अपेक्षाकृत उथलपुथल भरे पांच वर्षों में उसका प्रदर्शन कैसा रहा है। खासकर आर्थिक प्रबंधन के मामले में। हमारा […]

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नीति नियम: चुनावों से निकले जनादेश और उनमें बदलाव

दुनिया के पांच बड़े देशों में से चार- भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया और पाकिस्तान-में 2024 में या तो चुनाव होंगे या हो चुके हैं। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनाव यानी यूरोपीय संसद के चुनाव भी होने हैं। मैक्सिको, रूस और यूनाइटेड किंगडम सहित दुनिया के कई अन्य बड़े तथा प्रभावशाली देशों में ऐसे चुनाव […]

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Russia-Ukraine War: दो वर्षों से निकले तीन सबक

Russia-Ukraine War: रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के दो वर्षों में दुनिया में क्या परिवर्तन आया है? भविष्य की भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक राष्ट्रीय नीतियों पर इसका क्या असर पड़ सकता है? क्या यह केवल यूरोपीय युद्ध है जो शेष विश्व पर भी कुछ न कुछ असर छोड़ेगा, बशर्ते कि हम खाद्य और ईंधन आपूर्ति […]

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