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सरकार को घरेलू विनिर्माण को स्वार्थी ताकतों से बचाना चाहिएEditorial: विषाक्त कफ सिरप से बच्चों की मौत ने नियामकीय सतर्कता पर उठाए सवालभारतीय IT कंपनियों के लिए एच-1बी वीजा मसला एक झटका, लेकिन यहां अवसर भीवित्त वर्ष 27 तक घरेलू गैस की मांग बढ़ेगी, कीमतों में आएगी कमी: राजेश मेदिरत्ता2050 तक भारत में तेल की मांग दोगुनी होकर 90 लाख बैरल प्रतिदिन होने का अनुमानभारत-चिली वार्ता तेजी से आगे बढ़ रहा, 2025 तक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्यमहिंद्रा ऐंड महिंद्रा : पूरी रफ्तार से दौड़ रही बोलेरो की उत्पादन क्षमतासितंबर में सेवा क्षेत्र की गति सुस्त, PMI गिरकर 60.9 पर; निर्यात और मांग पर असर पड़ासरकार GST 3.0 के तहत रिफंड प्रक्रिया को स्वचालित करने की तैयारी कर रही, पारदर्शिता बढ़ाने पर जोरभारत प्रतिस्पर्धा आयोग ने AI में स्व-ऑडिट की वकालत की, कहा: इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगा

लेखक : सी के जी नायर

आज का अखबार, लेख

वास्तविक जलवायु कार्रवाई नीतिगत निर्णयों से संभव, वित्तीय बाजारों से नहीं

सरकारें, वित्तीय बाजार नियामक और सामाजिक नागरिक संगठन सभी पृथ्वी के पर्यावरण को बेहतर बनाने में वित्तीय बाजारों की भूमिका को अहम मान रहे हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक अपने निजी लाभ पर सार्वजनिक हित को प्राथमिकता दें और पूंजी प्रवाह को टिकाऊ लक्ष्यों के साथ जोड़ा जा सके। वित्तीय […]

आज का अखबार, लेख

क्या प्रबंधक की भूमिका में आ रहे हैं नियामक?

इंडसइंड बैंक में विदेशी मुद्रा देनदारी के हिसाब-किताब में हुई गड़बड़ी खबरों में खूब रही है। इससे कुछ दिन पहले ही पहले बैंक के निवर्तमान प्रबंध निदेशक को तीन साल के लिए फिर नियुक्त करने की सिफारिश ठुकराकर केवल एक साल के लिए नियुक्त किया जाना भी सुर्खियों में रहा था। इससे पहले भी बैंक […]

आज का अखबार, ताजा खबरें, लेख

भारी भरकम लाभांश कहीं आगे बन न जाए मुसीबत

बाजार में इस समय लाभांश की झड़ी लगी हुई है। खासकर, पिछली कुछ तिमाहियों में यह सिलसिला काफी बढ़ गया है। हाल में इस समाचार पत्र में एक खबर प्रकाशित हुई थी कि कई कंपनियों का लाभांश अनुपात काफी बढ़ा है और कुछ ने तो वित्त वर्ष 2023 में दोगुना लाभांश बांटे हैं। यह खबर […]