Editorial: ईवी के प्रचलन में लगेगा समय
ओला इलेक्ट्रिक के भवीश अग्रवाल का मानना है कि पेट्रोल-डीजल इंजनों (आईसीई) पर चलने वाले स्कूटरों का उत्पादन बंद करने का वक्त आ गया है और ‘सार्थक’ और ‘गुणवत्तापूर्ण दोपहिया’ वाहनों में निवेश करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए। उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड को दिए गए साक्षात्कार में जो कुछ कहा उसकी व्याख्या देश के शीर्ष […]
Editorial: खाद्यान्न की महंगाई से बढ़ेगा जोखिम!
केंद्र सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के उपायों को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का समर्थन कर रही है। केंद्र सरकार ने भी संकेत दिए थे कि वह कीमतों को नियंत्रित करने के लिए व्यापार नीति का उपयोग कर सकती है और इसके बाद ही केंद्र ने पिछले हफ्ते प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने का […]
चीन में दरकी रियल एस्टेट की बुनियाद
वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र का महत्त्व किसी से छुपा नहीं है। वित्तीय दृष्टिकोण से इसकी विवेचना करें तो कई अनुमानों के अनुसार यह दुनिया की सबसे बड़ी परिसंपत्ति श्रेणी मानी जाती है। चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र का आकार 60 लाख करोड़ डॉलर से अधिक बताया जा रहा है। बाजार में […]
Pakistan: इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई का असर
पाकिस्तान की राजनीति में एक और केवल एक ही नियम है: वर्दी वालों यानी सेना के खिलाफ कोई दांव मत लगाइए। पांच वर्ष पहले सेना चाहती थी कि इमरान खान प्रधानमंत्री बनें और उन्होंने मुख्य धारा के राजनीतिक दलों और मीडिया को तब तक प्रेरित किया जब तक कि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को […]
Editorial: ब्रिक्स की पहेली
एक खराब विचार को मजबूती प्रदान करने की बात हो तो एक अच्छे ऐक्रोनिम (कुछ शब्दों के पहले अक्षर से एक नया संक्षिप्त शब्द गढ़ना) से बेहतर कुछ नहीं होता। ब्रिक्स के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। जिस समय बीती सदी करवट ले रही थी उस समय गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों ने यह जुमला […]
Editorial: बेपटरी वित्तीय व्यवस्था
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रेल मंत्रालय के 32,512 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की जो देश के विभिन्न हिस्सों में रेल नेटवर्क का विस्तार करने से संबंधित थे। मंजूर किए गए धन का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा में किया जाएगा। क्षमता बढ़ाने में किया जाने वाला निवेश हाल […]
Editorial: अदूरदर्शी नियमन
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के नियमन के मुताबिक चिकित्सकों को केवल जनेरिक औषधियां लिखनी होंगी और ऐसा न कर पाने की स्थिति में वे दंड के भागीदार होंगे। यह नियम एक पुरानी समस्या का गलत निदान सुझाता है। जनेरिक औषधियां लिखने का प्रावधान सन 2002 से है और इसका अक्सर उल्लंघन होते देखकर एनएमसी ने […]
G20 की गांधीनगर बैठक से उपजा सुधार का खाका
वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में विभिन्न कामों के जो नतीजे सामने आए वे विकसित व विकासशील देशों के नजरिये सामने रखते हैं। बता रहे हैं वी अनंत नागेश्वरन और अनूपा नायर जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की तीसरी बैठक 17-18 जुलाई को गांधीनगर में संपन्न […]
Editorial: व्यापक मशविरा जरूरी
संसद के हालिया सत्र के आखिरी कुछ घंटों में सरकार ने तीन नए विधेयक पेश किए जो अगर पारित हो गए तो देश के नागरिकों के शासन पर दूरगामी प्रभाव डालेंगे। नए विधेयक देश में आपराधिक न्याय और निगरानी संबंधी पुरानी संहिताओं का स्थान लेंगे। उन्हें भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस कहा जाएगा और ये […]
Editorial: अधूरी तैयारी!
राजनीति सही मायनों में जनता के बीच ही होती है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन बाद वहीं थे यानी वायनाड में अपने मतदाताओं के बीच। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की बदौलत उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद वह पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र में […]









