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लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: निजी निवेश को मिले प्राथमिकता

सन 2000 के दशक के तेज वृद्धि वाले समय में भारत की वृद्धि को निजी क्षेत्र के निवेश से गति मिल रही थी। वैश्विक स्तर पर सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) की बात करें तो बीते पांच दशकों में यह औसतन 23 और 27 फीसदी के बीच रहा है। चीन जैसे वृद्धि के क्षेत्र में […]

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Editorial: मुद्रास्फीति और मौद्रिक
अ​स्थिरता

अमेरिका में अगस्त माह में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति की दर एक वर्ष में सबसे तेज गति से बढ़ी है। इससे संकेत मिलता है कि फेडरल रिजर्व का मुद्रास्फीति से निपटने की कोशिश का आ​खिरी चरण आसान नहीं होगा। सालाना दर जुलाई माह के 3.2 फीसदी की तुलना में 3.7 फीसदी हो गई। हालांकि हेडलाइन मुद्रास्फीति […]

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Editorial: ​स्थिरता लाएंगे नए नियम

स्थिर बैंकिंग व्यवस्था वित्तीय ​स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में यह आवश्यक है कि बैंकों का समुचित नियमन हो और वे अनावश्यक जो​खिम न लें। बैंकिंग क्षेत्र में ऋण की गुणवत्ता और फंसे हुए कर्ज का स्तर अक्सर सार्वजनिक तौर पर ध्यान आकृष्ट करता है। नियामक के लिए यह आवश्यक है कि वह […]

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Editorial: भारत-अमेरिका के रिश्तों का नयापन

भारत ने गत 10 सितंबर को जी20 शिखर बैठक को जिस ऊंचाई पर समाप्त किया उसका परिणाम भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में बढ़े हुए सौहार्द के रूप में सामने आया। भारत तमाम अनुमानों के विपरीत वैश्विक नेताओं के घोषणापत्र में सहमति को आकार देने में कामयाब रहा। इसकी एक प्रमुख वजह यह भी […]

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Editorial: एफएम रेडियो से समाचार प्रसारण होगा लाभदायक

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने निजी एफएम रेडियो पर समाचार बुलेटिन प्रसारित करने की अनुमति दिए जाने का सुझाव दिया है। यह एक भविष्योन्मुखी कदम है, जो लोगों के हित में होगा। देश में इस समय 388 निजी एफएम रेडियो चैनल ग्रामीण एवं सुदूर क्षेत्रों तक पहुंच रहे हैं। यदि इन पर समाचार बुलेटिन […]

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Editorial: कूटनीतिक कामयाबी

तमाम बाधाओं के बावजूद दो दिवसीय जी20 ​शिखर बैठक के पहले दिन नेताओं की घोषणा में सहमति बन गई जिसमें मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य को लेकर स्पष्ट संकेत नजर आया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वै​श्विक नेता के कद को और मजबूती मिली। नि​श्चित तौर पर यूक्रेन युद्ध पर बहुप्रती​क्षित वक्तव्य में बाली घोषणा के निंदा […]

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Editorial: व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से जी-20 ​शिखर बैठक के पहले वि​भिन्न देशों और सरकारों के प्रमुखों, मुख्यमंत्रियों आदि को आ​धिकारिक भोज में शामिल होने के लिए अंग्रेजी में जो निमंत्रण पत्र भेजा गया उसने देश के नाम को लेकर एक अनावश्यक विवाद उत्पन्न कर दिया। विपक्ष का मानना है कि सरकार ने देश का […]

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Editorial: महंगे तेल से बढ़ेंगी दिक्कतें

आपूर्ति संबंधित चिंताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में फिर हलचल मच गई है। इसे देखते हुए कच्चे तेल के प्रति बैरल दाम उन स्तरों पर पहुंच गए हैं, जो पिछले साल से नहीं दिखे थे। तेल के दामों में तेजी इस खबर के बाद आई है कि दो प्रमुख उत्पादक देश सऊदी अरब और […]

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Editorial: चीन की छवि को नुकसान

अब यह स्पष्ट हो गया है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस सप्ताहांत नई दिल्ली में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। इस आयोजन में प्रधानमंत्री ली छ्यांग चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे। शी के बाद ली चीन की सरकार में दूसरे सबसे बड़े नेता है। हालांकि, चीन ने शी के […]

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Editorial: पुरानी समस्याओं से त्रस्त बिजली क्षेत्र

देश में बिजली की मांग बेतहाशा बढ़ गई है। अधिक दिनों तक गर्मी का तांडव और बढ़ते आर्थिक क्रियाकलाप इसके मुख्य कारण हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए लंबे समय तक बिजली गुम रहने की आशंका प्रबल हो गई है। देश के उत्तरी राज्यों में बिजली की मांग और आपूर्ति में बड़ा असंतुलन आ गया […]

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