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लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: रोजगार निर्माण

सोमवार को जारी सालाना सावधिक श्रम शक्ति सर्वे (पीएलएफएस) के जुलाई-जून 2022-23 के आंकड़े दिखाते हैं कि समग्र बेरोजगारी की दर 3.2 फीसदी के साथ छह वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई है। अन्य चीजों के समान रहते बेरोजगारी दर में गिरावट और श्रम शक्ति भागीदारी दर में इजाफा यह बताता है कि अर्थव्यवस्था […]

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Editorial: इजरायल में अत्याचार

गाजा पट्‌टी से संचालित फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास ने दक्षिणी इजरायल में असाधारण स्तर पर हमला किया जिसने पूरी दुनिया को हिला दिया। अभी भी यह पता नहीं है कि हमले में कितने इजरायली (तथा अन्य देशों के नागरिक) मारे गए और कितने बंधक बनाए गए हैं। मरने वालों की तादाद सैकड़ों में है। एक […]

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BS Editorial: सतर्कता जरूरी

दुनिया के केंद्रीय बैंक वर्तमान समय में असहज स्थिति का सामना कर रहे हैं। विशेषकर, कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थिति और इसके पश्चात सुधार का सिलसिला शुरू होने के बाद केंद्रीय बैंकों के लिए परिस्थितियां गंभीर हो गई हैं। अधिकांश विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति पिछले कुछ दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। […]

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बेहतरीन स्थिति में कैसे पहुंचा चीन?

चीन में मंदी और ‘चाइना प्लस वन’ (निवेश के ​लिए चीन के अलावा एक अन्य केंद्र) की रणनीति को लेकर बहस के बीच एक खतरा इस बात को भुला बैठने का भी है कि किस तरह चीन ने अगले कई दशकों के सबसे अहम कारोबारों के लिहाज से स्वयं को सर्वाधिक अनुकूल स्थिति में पहुंचा […]

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Editorial: गैरवाजिब प्रतिक्रिया

न्यूजक्लिक से जुड़े लोगों के विरुद्ध गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) का इस्तेमाल और जिस प्रकार दिन भर छापेमारी की गई, वह हाल ही में पारित डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम और संसदीय समिति की जांच के अधीन आपराधिक प्रक्रियाओं से जुड़े कानूनों में सुधार की योजनाओं को लेकर सार्वजनिक गलतफहमियों का प्रतीक है। न्यूजक्लिक से […]

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Editorial: मुद्रास्फीति के जोखिम

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति इस समय नीति की समीक्षा कर रही है और शुक्रवार को अपने निर्णय की घोषणा करेगी। संभव है कि उसे पता चला होगा कि मुद्रास्फी​ति के कुछ कारकों में परिवर्तन आ रहा है। सब्जियों की कीमतें, खासकर टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है जबकि […]

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Editorial: नए जातीय समीकरण

विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार द्वारा अगस्त 1990 में मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने (जिसकी वजह से अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों को आरक्षण में हिस्सेदारी मिली) की घोषणा के 11 महीने बाद पी वी नरसिंह राव सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण की दिशा में शुरुआती कदम बढ़ाए। निजी क्षेत्र में रोजगार […]

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बहुपक्षीय विकास बैंक पर सबकी नजर

बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रहे हैं, ऐसे में उन्हें चार स्पष्ट उपायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बता रहे हैं अशोक लवासा भारत अपनी अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित करने और दिल्ली घोषणापत्र में सभी सदस्य देशों के बीच सहमति […]

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Editorial: धुंधला भविष्य

पिछली तिमाही कच्चे तेल की कीमतों के लिए अपेक्षाकृत मजबूती भरी रही। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के शुरुआती दौर में लगे झटकों के बाद जिंस कीमतों में भी बीते तीन महीनों के दौरान इजाफा देखने को मिला। जून के अंत में जब पश्चिमी टैक्सस इंटरमीडिएट क्रूड की कीमतें करीब 70 डॉलर प्रति बैरल थीं, […]

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संभावनाओं के बीच सतर्कता

वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में शेयर बाजार के प्रदर्शन से निवेशक संतुष्ट नजर आ रहे हैं। इसके लिए उनके पास पर्याप्त कारण भी मौजूद हैं। परंतु, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सतर्क दृष्टिकोण रखने के भी पर्याप्त कारण हैं। इस वर्ष अप्रैल के बाद से वृहद बाजार सूचकांक 12-13 प्रतिशत तक […]

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