Editorial: फिनटेक का नियमन और आंतरिक लचीलेपन की गुंजाइश
फिनटेक क्षेत्र के स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ-एफटी) के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जो मसौदा मानक तैयार किए हैं, वे उनके लिए वांछित आदर्श गुणों की व्यापक परिभाषा देते हैं। यह आंतरिक लचीलेपन के लिए भी गुंजाइश छोड़ता है। मसौदा ढांचे में कहा गया है कि विश्वसनीयता को बरकरार रखने के लिए एसआरओ-एफटी को स्वतंत्र […]
Editorial: औद्योगिक नीति को लेकर प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार के संकेत
सरकार ने हाल के समय में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन और निर्यात, खासकर मोबाइल हैंडसेट को लेकर कहा है कि यह औद्योगिक नीति को लेकर उसके प्रयासों की कामयाबी का संकेत है। निश्चित तौर पर कुछ सफलताएं मिली हैं जो नजर भी आ रही हैं। उदाहरण के लिए 2021-22 में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन मूल्य के संदर्भ […]
Editorial: गरीबी से जंग और विकास संबंधी बहस
नीति आयोग द्वारा इस सप्ताह जारी एक और चर्चा पत्र के अनुसार बीते नौ वर्षों में करीब 24.82 करोड़ भारतीय बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने में कामयाब रहे। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद और वरिष्ठ सलाहकार योगेश सूरी द्वारा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम तथा ऑक्सफर्ड नीति एवं मानव विकास पहल की मदद से तैयार […]
Editorial: सबके लिए 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य
इस समाचार पत्र में सोमवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक सरकार पूरे देश के घरों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए मार्च 2025 तक का समय तय कर सकती है। सप्ताह में हर दिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य लगभग हासिल हो चुका है क्योंकि शहरी इलाकों में तकरीबन 23.5 घंटे बिजली की […]
Editorial: IT कंपनियां कर रही बदलाव का इंतजार
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की चार बड़ी कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे तथा उनके प्रबंधन की टिप्पणियां यही बताती हैं कि मांग में कमी के मामले में बुरा दौर बीत चुका है। कम से कम सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग तो यही मानता है। बहरहाल कंपनियों का प्रबंधन अभी भी अल्पावधि में मांग में सुधार के अनुमानों […]
Editorial: सोशल मीडिया की पहेली
दुनिया भर के नियामकीय प्राधिकारों तथा नागरिक समाज की ओर से दबाव झेलने के बाद मेटा ने कहा है कि वह इंस्टाग्राम और फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले किशोरों को नुकसान पहुंचाने में सक्षम सामग्री नहीं दिखाएगी। इस सोशल मीडिया नेटवर्क कंपनी ने यह कदम तब उठाया है जब उस पर आरोप लगा कि वह […]
Editorial: कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मेकनिज्म….एक अवसर!
वर्ष 2023 के मध्य में जब से यूरोपीय संघ ने कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मेकनिज्म (सीबीएएम) की घोषणा की, तब से भारतीय उद्योग जगत ने खुलकर इसके प्रति अपने पूर्वग्रह जताए। यह व्यवस्था आयात पर उत्सर्जन शुल्क लगाती है। सलाहकार सेवा प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) द्वारा पर्यावरण, सामाजिक और कारोबारी संचालन यानी ईएसजी में कर पारदर्शिता को लेकर […]
Editorial: आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय पर जोर
सरकार महामारी खत्म होने के बाद आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत व्यय (Capital expenditure) पर जोर दे रही है। इसके पीछे विचार यह है कि सरकारी पूंजीगत व्यय की सहायता से न केवल जरूरी अधोसंरचना का निर्माण होगा बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा जो निजी क्षेत्र को निवेश के लिए […]
Editorial: उड़ान का सही मार्ग, 1 जून से प्रभावी होंगे नए नियम
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने थोड़े विलंब से ही सही लेकिन एक अहम सुधार करते हुए सभी विमानन कंपनियों के लिए उड़ान सेवा समय सीमा यानी फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) में नए नियमन जरूरी किए हैं। ये नियम एक जून से प्रभावी होंगे। नए मानकों में आराम की लंबी अवधि, कम अवधि की रात्रिकालीन […]
Editorial: लाल सागर का संकट, तेल कंपनियों की मुश्किल हुई राह
लाल सागर में स्वेज नहर के जरिये वाणिज्यिक पोतों के आवागमन पर मंडरा रहे संकट समाप्त होने का कोई संकेत फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। यह भूमध्यसागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को जोड़ने वाला एक अहम मार्ग है और गाजा पट्टी तथा उसके आसपास के इलाके में इजरायल-हमास जंग के कारण इसे लेकर अनिश्चितता बढ़ […]









