Lenskart IPO: आईवियर कंपनी Lenskart अब शेयर बाजार में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी का IPO 31 अक्टूबर से 4 नवंबर तक खुलेगा और 10 नवंबर को इसके शेयर बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) पर लिस्ट होंगे। कंपनी की वैल्यूएशन लगभग 70,000 करोड़ रुपये (8 अरब डॉलर) आंकी गई है। यह इस साल का पांचवां सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है।
Lenskart IPO का प्राइस बैंड ₹382 से ₹402 प्रति शेयर तय किया है। कुल इश्यू साइज ₹7,024 करोड़ रुपये का होगा। इसमें ₹2,150 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि ₹4,875 करोड़ रुपये के शेयर मौजूदा निवेशक बेचेंगे। इस तरह कंपनी करीब $830 मिलियन जुटाने की तैयारी में है।
इस इश्यू में Lenskart के को-फाउंडर्स पीयूष बंसल, नेहा बंसल, अमित चौधरी और सुमित कापही अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचेंगे। इनके साथ निवेशक SoftBank (SVF II Lightbulb Cayman Ltd), Schroders Capital, PI Opportunities Fund-II, Macritchie Investments, Kedaara Capital Fund II LLP और Alpha Wave Ventures LP भी शामिल हैं।
कंपनी ने कर्मचारियों के लिए ₹15 करोड़ मूल्य के शेयर आरक्षित रखे हैं। इस ऑफर को Kotak Mahindra Capital, Morgan Stanley India, Avendus Capital, Citigroup Global Markets India, Axis Capital और Intensive Fiscal Services मिलकर संभालेंगे।
यह भी पढ़ें: चीन को टक्कर दे रहा भारत का ये फाउंडर! IPO से पहले पीयूष बंसल बोले – अभी तो शुरुआत है
कंपनी इस ऑफर से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल नए अपने स्टोर (CoCo Stores) खोलने में करेगी। इसके साथ ही यह पैसा दुकानों का किराया, लीज और लाइसेंस फीस भरने में लगाया जाएगा। कंपनी कुछ पैसा तकनीक (टेक्नोलॉजी) और कंप्यूटर सिस्टम (क्लाउड) को बेहतर बनाने, ब्रांड का प्रचार करने और बिजनेस बढ़ाने पर भी खर्च करेगी। अगर जरूरत हुई तो कंपनी इस रकम से नई कंपनियां खरीदेगी और अन्य जरूरी कामों में भी यह पैसा लगाएगी।
Lenskart इस साल बहुत तेजी से बढ़ने की तैयारी में है। कंपनी 450 नए स्टोर खोलने जा रही है, जिससे उसके कुल स्टोर 3,150 से ज्यादा हो जाएंगे। ये नए स्टोर 14 देशों में खुलेंगे। पिछले साल कंपनी ने 334 स्टोर खोले थे, यानी इस बार लगभग 34 प्रतिशत ज्यादा स्टोर खोले जाएंगे।
वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी की कुल आय ₹6,652.5 करोड़ रही, जो पिछले साल के ₹5,427.7 करोड़ से 22.5 प्रतिशत अधिक है। इस साल कंपनी ने ₹297.34 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जबकि पिछले साल उसे ₹10.15 करोड़ का घाटा हुआ था। कंपनी का EBITDA ₹971 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के ₹672 करोड़ से 44.5 प्रतिशत ज्यादा है।
भारत में 2030 तक करीब एक अरब लोगों को नजर ठीक करने के लिए चश्मे की जरूरत पड़ेगी, लेकिन माना जा रहा है कि इनमें से 40 प्रतिशत से भी कम लोग चश्मा पहनेंगे। Lenskart इस बड़ी जरूरत को पूरा करने के लिए अपने डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) मॉडल, एआई (AI) से चलने वाली आंखों की जांच तकनीक और ब्रांड के प्रचार पर ध्यान दे रही है।
कंपनी की टक्कर Titan Eyeplus, Specsmakers, Vision Express, Warby Parker और Luxottica Group जैसे बड़े ब्रांड्स से है।
2008 में स्थापित Lenskart ने 2010 में ऑनलाइन बिक्री शुरू की थी और 2013 में दिल्ली में अपना पहला स्टोर खोला था। आज यह भारत की सबसे बड़ी आईवियर रिटेल चेन बन चुकी है, जिसकी मौजूदगी न केवल बड़े शहरों में बल्कि छोटे कस्बों और दक्षिण-पूर्व एशिया तथा पश्चिम एशिया के देशों में भी है।