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सर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा अनौपचारिक नौकरियां, कम वेतन के जाल में फंसे श्रमिक

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में सेवा क्षेत्र में लगभग 18.8 करोड़ कामगार कार्य कर रहे थे। पिछले छह वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में लगभग 4 करोड़ नई नौकरियां पैदा हुईं

Last Updated- October 28, 2025 | 10:57 PM IST
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नीति आयोग ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र में अनौपचारिक नौकरियां सबसे अ​धिक हैं। इससे अधिकांश श्रमिक नौकरी की सुरक्षा या सामाजिक संरक्षण जैसे लाभ से वंचित है। यह अर्थव्यवस्था का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र होने के बावजूद सेवा क्षेत्र कम वेतन के जाल में उलझ गया है।

‘भारत का सेवा क्षेत्र: रोजगार रुझानों पर नजर’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत की आर्थिक संरचना में सेवाओं की केंद्रीयता के बावजूद यह उच्च स्तर की अनौपचारिकता वाला क्षेत्र है। अधिकांश श्रमिक नौकरी और सामाजिक सुरक्षा से वंचित है। अर्थव्यवस्था का सबसे तेजी से बढ़ने वाला हिस्सा होने के बावजूद सेवा क्षेत्र के कम वेतन के जाल में फंसने का खतरा है।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में सेवा क्षेत्र में लगभग 18.8 करोड़ कामगार कार्य कर रहे थे। पिछले छह वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में लगभग 4 करोड़ नई नौकरियां पैदा हुईं। इस तरह बड़े पैमाने पर श्रमबल को काम मुहैया कराया गया और कोविड महामारी के बाद लोगों को रोजगार देने के लिए लचीला रुख अपनाया गया।

कुल रोजगार में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 2011-12 के 26.9 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 29.7 प्रतिशत हो गई। लेकिन यह विरोधाभास है, क्योंकि भले ही यह क्षेत्र राष्ट्रीय उत्पादन में आधे से अधिक योगदान करता है, लेकिन यह एक तिहाई से भी कम नौकरियां देता है। इनमें भी अधिकांश अनौपचारिक और कम वेतन वाली होती हैं।

सेवा क्षेत्र की नौकरियों के विश्लेषण से क्षेत्रीय स्तर पर गहरे संरचनात्मक विभाजन का पता चलता है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, स्वास्थ्य सेवा और व्यावसायिक सेवा जैसे क्षेत्र विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और उत्पादकता वाले बने हुए हैं, लेकिन उनका रोजगार आधार छोटा है। इसके विपरीत, व्यापार और परिवहन जैसी पारंपरिक सेवाओं में बड़ी संख्या में कार्यबल कार्यरत है।

First Published - October 28, 2025 | 10:42 PM IST

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