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BS BFSI 2025: आ​र्थिक मुद्दों पर बारीकी से मंथन करेंगे विशेषज्ञ, भारत की वृद्धि को रफ्तार देने पर होगी चर्चा

इस सम्मेलन में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और नए अमेरिकी शुल्क के बीच भारत की आ​र्थिक तस्वीर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा

Last Updated- October 28, 2025 | 10:28 PM IST
Business Standard BFSI Summit 2025

BS BFSI 2025: बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र के लिए भारत के प्रमुख कार्यक्रम बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2025 का आगाज कल होने जा रहा है। इसमें सरकार, नियामक, बैंकिंग, बीमा, शेयर बाजार और फिनटेक क्षेत्र के शीर्ष अधिकारी एक ही मंच पर मौजूद रहेंगे। इस सम्मेलन में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और नए अमेरिकी शुल्क के बीच भारत की आ​र्थिक तस्वीर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

केंद्र सरकार ने इन वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर उपभोग को बढ़ावा देने के लिए कर में रियायत सहित कई राहत उपायों की घोषणा की है। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रीपो दर को 100 आधार अंक तक कम कर दिया है। साथ ही आ​र्थिक विस्तार को बढ़ावा देने और वृद्धि रफ्तार पर बाहरी चुनौतियों के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से कई नीतिगत पहल की गई हैं।

तीन दिन के इस आयोजन में 120 से अधिक वक्ता अपने विचार साझा करेंगे। इसकी शुरुआत वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू से बातचीत के साथ होगी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार के बाद अर्थव्यवस्था ने अच्छी रफ्तार पकड़ी है। बिक्री में तेजी से उपभोग बढ़ने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। बीमा उद्योग ने जीएसटी दरों में की गई कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से संबंधित चुनौतियां बरकरार हैं।

सरकार और आरबीआई द्वारा किए गए उपायों से उत्साहित बैंकरों को सुधार के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं। ऋण वृद्धि में सुधार के लिए उनका नजरिया सकारात्मक है।

नागराजू से बातचीत के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सीएस शेट्टी एक फायरसाइड चैट के लिए इसमें शामिल होंगे। हाल में उन्होंने कहा था कि एसबीआई को अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रतिनिधि के रूप में देखा जाता है और इसलिए भारत का सबसे बड़ा ऋणदाता वृद्धि की अपनी आकांक्षाओं को ‘विकसित भारत’ के व्यापक दृ​ष्टिकोण के साथ जोड़ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एसबीआई अपनी परिसंप​त्तियों को देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 20 फीसदी से बढ़ाकर 2047 तक 25 फीसदी करने का लक्ष्य रख रहा है। यह देश की दीर्घकालिक आ​र्थिक आकांक्षाओं का समर्थन करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आरबीआई की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता भी भारत और दुनिया की आ​र्थिक वृद्धि के परिदृश्य पर अपने विचार साझा कर सकती हैं। मई में अपना पदभार ग्रहण करने के बाद गुप्ता मौद्रिक नीति, आ​र्थिक एवं नीतिगत अनुसंधान, सांख्यिकी एवं सूचना प्रबंधन और वित्तीय स्थायित्व सहित कई महत्त्वपूर्ण विभागों को देख रही हैं। वह अपने प्र​शिक्षण के लिहाज से एक मैक्रोइकॉनमिस्ट हैं जिन्हें उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता प्राप्त है। कार्यक्रम के दूसरे दिन अजय सेठ बीमा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह चर्चा ऐसे समय में होगी जब सरकारी उपायों और नियामकीय सुधारों से प्रेरित बीमा क्षेत्र बदलाव के महत्त्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है। सेठ ने हाल में भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के अध्यक्ष के तौर पर पदभार संभाला है।

तीसरे दिन, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय शेयर बाजार की मौजूदा ​स्थिति पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। पांडेय ने अपना पदभार संभालने के बाद से ही निवेशकों को सशक्त बनाने और बाजार प्रतिभागियों के लिए अनुपालन को सरल बनाने के दोहरे एजेंडे पर जोर दिया है।

उनके नेतृत्व में सेबी ने निवेशक जागरूकता बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं जिनमें डिजिटल साक्षरता अ​भियान, खुलासे में सरलता और सोच-समझकर निवेश करने के लिए छोटे शहरों एवं कस्बों में पहुंच बनाने के कार्यक्रम शमिल हैं। कारोबारी सुगमता के मोर्चे पर भी सेबी ने कई सुधारों को लागू किया है जिनमें सार्वजनिक निर्गम प्रक्रियाओं को सुगम बनाना, खुलासा मानदंडों को सरल बनाना और बिचौलियों एवं सूचीबद्ध संस्थाओं के लिए अनुपालन बोझ को कम करना शामिल हैं।

पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरपर्सन एस. रामन, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर, सेल्सफोर्स इंडिया की चेयरपर्सन एवं सीईओ अरुंधती भट्टाचार्य और जूलियस बेयर के प्रबंध निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख (एशिया) मार्क मैथ्यूज भी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में जियो फाइनैं​शियल सर्विसेज के स्वतंत्र निदेशक एवं गैर-कार्यकारी चेयरमैन केवी कामत, मॉर्गन स्टैनली के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य इ​क्विटी रणनीतिकार (भारत) रिधम देसाई, जीक्वांट्स के संस्थापक शंकर शर्मा और सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जैसे अन्य प्रतिष्ठित वक्ता भी शामिल होंगे। इसमें प्रमुख बैंकों, बीमा कंपनियों, म्युचुअल फंड एवं ब्रोकिंग फर्मों के अलावा फिनटेक के शीर्ष अ​धिकारी, बाजार विशेषज्ञ आदि भी पैनल चर्चा में शामिल होंगे।

First Published - October 28, 2025 | 10:16 PM IST

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