Editorial: कृषि उत्पादों के आयात और निर्यात के फैसलों से सरकार ने बिठाया सही संतुलन
केंद्र सरकार ने गत सप्ताह कृषि उत्पादों के आयात और निर्यात से संबंधित कुछ निर्णय लिए। उसने बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) समाप्त कर दिया। गत वर्ष बासमती चावल पर प्रति टन 1,200 डॉलर का एमईपी लगाया गया था जिसे बाद में कम करके 950 डॉलर प्रति टन कर दिया गया था। सरकार […]
Editorial: जीएसटी आंकड़ों का व्यापक उपयोग, नीतियों और बाजार के लिए छिपे खजाने का खुलासा
सात वर्ष पहले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरुआत के बाद से अब तक जीएसटी नेटवर्क यानी जीएसटीएन ने बहुत बड़ी तादाद में लेनदेन दर्ज किए हैं। सवाल यह है कि क्या इन आंकड़ों को अन्य स्थानों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। जीएसटीएन इन आंकड़ों को अन्य स्थानों पर इस्तेमाल करने का अनिच्छुक […]
Editorial: सशस्त्र बलों में लैंगिक संवेदीकरण की जरूरत, यौन शोषण के मामलों ने सुरक्षा तंत्र पर उठाए सवाल
भारतीय वायु सेना के श्रीनगर स्टेशन के एक विंग कमांडर पर बलात्कार और यौन शोषण के आरोपों ने इस बात को रेखांकित किया है कि सुरक्षा और सशस्त्र बलों को लैंगिक संवेदी बनाने की तत्काल आवश्यकता है। खासतौर पर यह देखते हुए कि इनमें बड़े पैमाने पर महिलाओं को भर्ती किया जा रहा है। वायु […]
Editorial- पीएम ई-ड्राइव योजना: केंद्र सरकार की नई पहल से मिलेगी मदद
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को दो योजनाओं को मंजूरी दी और इनके लिए 14,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। देश में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए ईवी को प्रोत्साहन देना जरूरी है। द पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल […]
संपादकीय: भारत के खाद्य खपत में हो रहा बदलाव
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा प्रकाशित एक नए कार्यपत्र ‘भारत के खाद्य उपभोग में बदलाव और उसके नीतिगत निहितार्थ: घरेलू खपत व्यय सर्वेक्षण 2022-23 और 2011-12 का एक व्यापक विश्लेषण’ ने देश के खाद्य उपभोग संबंधी रुझानों के दिलचस्प पहलुओं पर प्रकाश डाला है। घरेलू खपत व्यय सर्वेक्षण (HCES) 2011-12 और 2022-23 के आंकड़ों […]
संपादकीय: जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में महत्त्वपूर्ण निर्णय…
वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद ने 54वीं बैठक में कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक में यह भी दर्ज किया गया कि कुछ अहम मुद्दों की समीक्षा राज्यों के विभिन्न मंत्री समूह करेंगे। परिषद ने जो अहम निर्णय लिए उनमें एक यह भी था कि विदेशी विमानन सेवाओं को देश के बाहर स्थित संबंधित पक्षों […]
Editorial: सरकार की ‘एक राज्य एक RRB’ योजना से क्या छोटे बैंकों का हो सकता है विलय? केंद्रित हस्तक्षेप की जरूरत
देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की स्थापना 1975 में एक कार्य समूह की अनुशंसाओं के बाद की गई थी। इसके पीछे विचार था क्षेत्रीय स्तर पर केंद्रित बैंकों की स्थापना करना जो स्थानीय मुद्दों से वाकिफ हों और ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार किया जा सके। आरआरबी का मालिकाना संयुक्त रूप से […]
Editorial: हिमाचल की बिगड़ती वित्तीय स्थिति, चेतावनी के संकेत
हिमाचल प्रदेश ऐसे आर्थिक संकट से गुजर रहा है जिसमें न केवल राज्य की खस्ता वित्तीय स्थिति उजागर हुई है बल्कि उसने कांग्रेस शासित राज्य सरकार और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक घमासान को भी जन्म दे दिया है। राज्य की आर्थिक मुश्किलों के लिए मोटे तौर पर भारी उधारी, […]
Editorial: महिलाओं की सुरक्षा जरूरी, व्यावहारिक कदम उठाने पर राज्यों को देना चाहिए ध्यान
पश्चिम बंगाल विधान सभा ने सर्वसम्मति से एक कानून पारित कर दिया है जिसमें बलात्कार की अधिकांश श्रेणियों में मौत की सजा देने का प्रावधान है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने पिछले महीने राज्य के एक सरकारी अस्पताल आर जी कर मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद जिस तरह […]
Editorial: भारत में मुद्रास्फीति लक्षित करने पर बहस: क्या खाद्य महंगाई को अलग किया जाना चाहिए?
इस वर्ष जुलाई में आई आर्थिक समीक्षा में मुद्रास्फीति को लक्षित करते समय खाद्य पदार्थों को बाहर रखकर आकलन करने का सुझाव आने के बाद से ही मुद्रास्फीति को लक्षित करने की प्रणाली के बारे में दिलचस्प बहस चल रही है। वित्त मंत्रालय के अर्थशास्त्री मानते हैं कि उच्च खाद्यान्न कीमतें अक्सर आपूर्ति संबंधी कारकों […]









