Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासत गरमा गई है। NDA सरकार ने कई नई योजनाओं का ऐलान किया है। दूसरी तरफ, विपक्ष इसे इंडिया गठबंधन की नकल बता रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो बिहार के सबसे लंबे समय तक सीएम रहे हैं, ने हाल ही में कई लोक-लुभावन फैसले लिए हैं। पहले वह मुफ्त योजनाओं के खिलाफ बोलते थे, लेकिन अब उनकी सरकार ने भी कई मुफ्त सुविधाओं का ऐलान किया है। विपक्ष का कहना है कि नीतीश 20 साल सत्ता में रहने के बाद भी पुराने वादों को ही दोहरा रहे हैं। आइए, इन योजनाओं और सियासी बयानबाजी पर एक नजर डालते हैं।
नीतीश सरकार ने बिजली बिल में राहत देने का बड़ा ऐलान किया है। अब हर महीने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। यह फैसला विपक्ष के उस वादे का जवाब माना जा रहा है, जिसमें इंडिया गठबंधन ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात कही थी। इसके अलावा, सरकार ने गांवों में काम करने वाले 10,000 से ज्यादा विकास मित्रों को खास तोहफा दिया है। विकास मित्र, जो अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ते हैं, उन्हें टैबलेट खरीदने के लिए 25,000 रुपये का एकमुश्त भत्ता मिलेगा। साथ ही, उनका मासिक ट्रांसपोर्ट भत्ता 1,900 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये और स्टेशनरी भत्ता 900 रुपये से 1,500 रुपये कर दिया गया है।
इसके साथ ही, शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज के 30,000 से ज्यादा कर्मचारियों को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 10,000 रुपये दिए जाएंगे। ये कर्मचारी महादलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े समुदायों के बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने का काम करते हैं। सरकार का कहना है कि ये कदम इन कर्मचारियों को तकनीक से जोड़कर उनकी कार्यक्षमता बढ़ाएंगे।
नीतीश सरकार ने जून में बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन में 700 रुपये की बढ़ोतरी की थी। अब 1.11 करोड़ लोगों को छह सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत 1,100 रुपये की बढ़ी हुई पेंशन सीधे उनके बैंक खातों में दी जा रही है। 11 जुलाई को सीएम नीतीश ने खुद इस राशि का हस्तांतरण किया।
युवाओं को लुभाने के लिए सरकार ने बेरोजगारी भत्ता शुरू किया है। इसके तहत ग्रेजुएट और 12वीं पास लेकिन बेरोजगार युवाओं को दो साल तक हर महीने 1,000 रुपये मिलेंगे। महिलाओं के लिए भी खास योजना है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिला उद्यमियों को पहले 10,000 रुपये दिए जाएंगे। बाद में उनके बिजनेस की प्रगति देखकर 2 लाख रुपये तक की मदद मिलेगी।
निर्माण मजदूरों के लिए भी सरकार ने 1.6 लाख लोगों को 5,000 रुपये का कपड़ा भत्ता देने का फैसला किया है। इसके अलावा, जीविका, आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय भी बढ़ाया गया है। सरकार का दावा है कि ये फैसले बिहार के हर वर्ग को मजबूत करेंगे।
विपक्षी पार्टी RJD ने इन योजनाओं को अपनी नकल बताया है। RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “NDA नेता हमारी कल्याणकारी योजनाओं की नकल कर रहे हैं। बिहार के युवा इस नकलची और निकम्मी सरकार से छुटकारा चाहते हैं। हमारे पास बिहार के लिए एक विजन है।” तिवारी ने दावा किया कि बिहार के युवा पुरानी सरकार को हटाकर RJD नेता तेजस्वी यादव को अगला सीएम बनाएंगे।
दूसरी तरफ, जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने नीतीश कुमार का बचाव किया। उन्होंने कहा, “नीतीश जी एक दूरदर्शी नेता हैं। वह महिलाओं, युवाओं और कमजोर वर्गों के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। पिछले 20 सालों में बिहार में ढांचागत विकास हुआ है। भ्रष्टाचार मुक्त सरकार और कानून का राज स्थापित हुआ है।” प्रसाद ने दावा किया कि हाल के फैसले, जैसे अगले पांच साल में एक करोड़ नौकरियां और रोजगार के अवसर देना, बिहार को पूर्वी भारत का ग्रोथ इंजन बनाएंगे।
बिहार में सियासी जंग तेज हो गई है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी उपलब्धियां गिनाने में जुटे हैं। अब देखना यह है कि मतदाता इन योजनाओं और वादों पर कितना भरोसा करते हैं।