Same-Sex marriage hearing today: भारत में सेम-सेक्स मैरिज की कानूनी मान्यता पर वर्तमान में याचिकाओं के एक बैच में चर्चा की जा रही है, आज यानी 27 अप्रैल को छठें दिन भी सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।
भारत में विवाह समानता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में पांचवें दिन 26 अप्रैल को सुनवाई जारी रही। कम से कम 15 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी। केंद्र ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि संसद को उन याचिकाओं से निपटने दिया जाए जो समलैंगिक विवाहों के लिए कानूनी मंजूरी की मांग करती हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र का प्रतिनिधित्व किया और व्यक्त किया कि मामला एक “बहुत जटिल विषय” है जिसका “गहरा सामाजिक प्रभाव” है। पांच जजों की संविधान पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ कर रहे थे।
वहीं भारत संघ ने बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता मिले या नहीं इस सवाल को विधायिका के विवेक पर छोड़ने का आग्रह किया।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को एक संविधान पीठ को बताया कि भारत की विधायी नीति परंपरागत रूप से एक ‘पारंपरिक पुरुष’ और एक ‘पारंपरिक महिला’ को मान्यता देने की रही है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ , और जस्टिस संजय किशन कौल , जस्टिस एस रवींद्र भट , जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की एक संविधान पीठ समलैंगिक व्यक्तियों के बीच विवाह की कानूनी मान्यता के लिए याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रही थी ।