भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में बड़ा बदलाव करते हुए नए भुगतान नियामक बोर्ड (पीआरबी) में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय के सचिव और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अरुणा सुंदरराजन को सरकार द्वारा नामित 3 बाहरी सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। इसका मकसद सरकार का प्रतिनिधित्व बढ़ाना और भारतीय रिजर्व बैंक के विनियमन और पर्यवेक्षण भुगतान और निपटान प्रणाली बोर्ड को प्रतिस्थापित करना है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर इस बोर्ड के अध्यक्ष होंगे, साथ ही इसमें केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर और भुगतान और निपटान प्रणाली के प्रभारी कार्यकारी निदेशक सदस्य के रूप में शामिल होंगे।इस समय एम नागराजू डीएफएस सचिव और एस कृष्णन मेइटी सचिव हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक के प्रमुख कानूनी सलाहकार भुगतान नियामक बोर्ड की बैठकों में स्थायी आमंत्रित सदस्य होंगे। मई में जारी एक अधिसूचना में सरकार ने कहा था कि पीआरबी रिजर्व बैंक के बीपीएसएस की जगह लेगा। बीपीएसएस रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की एक समिति थी, जो देश में भुगतान और निपटान प्रणालियों के नियमन और पर्यवेक्षण करने का काम संभालती थी।
रिजर्व बैंक का भुगतान और निपटान व्यवस्था विभाग (डीपीएसएस) भुगतान नियामक बोर्ड को सहयोग करेगा। रिजर्व बैंक के गवर्न इस बोर्ड के अध्यक्ष होंगे और भुगतान व निपटान व्यवस्था के प्रभारी डिप्टी गवर्नर और रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड द्वारा नामित रिजर्व बैंक के अधिकारी इसके सदस्य होंगे।