Stock Market Closing Bell, October 1, 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के रीपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के फैसले से भारतीय शेयर बाजार बुधवार (1 अक्टूबर) को आखिरकार बढ़त में बंद हुए। इसी के साथ बाजार में 8 दिन से जारी गिरावट पर ब्रेक लग गई। रेट सेंसटिव स्टॉक्स आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक बैंक और एक्सिस बैंक के शेयरों में तेजी से बाजार को सपोर्ट मिला। इंडेक्स हैवीवेट टाटा मोटर्स और सन फार्मा में खरीदारी से भी बाजार को पुश मिला।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 80,173 अंक पर खुला। आरबीआई के फैसले से पहले इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। लेकिन बाद में बढ़त दर्ज की गई। अंत में यह 715.69 अंक या 0.89 फीसदी की बढ़त के साथ 80,983.31 पर बंद हुआ।
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) लगभग सपाट रहते हुए 24,620.55 अंक पर खुला। आरबीआई के फैसले के बाद इंडेक्स में बढ़त दर्ज की गई। अंत में यह तेजी को बरकरार रखते हुए यह 225.20 अंक या 0.92 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,836 पर बंद हुआ।
जियोजित इंवेस्टमेंट लिमिटेड में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ”इक्विटी बाजार में आज व्यापक स्तर पर तेजी देखी गई। यह आरबीआई की नीति निर्णय से प्रेरित थी, जो उम्मीदों के अनुरूप रही। हालांकि, जून की तुलना में अधिक सकारात्मक लहजे के साथ आई। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा। आरबीआई की सौम्य नीति और भारत की जीडीपी वृद्धि दर का 6.5% से बढ़ाकर 6.8% करने का संशोधन भी विश्वास को और मजबूत करता है।”
उन्होंने कहा, ”कर्ज देने में आसानी के लिए पांच लक्षित उपायों ने भी समर्थन दिया। इनमें पूंजी बाजार के एक्सपोजर नियमों में ढील और इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग में वृद्धि शामिल है। तेजी बैंकिंग और कंज्यूमर स्टॉक्स की अगुवाई में आई। जबकि ऑटो सेक्टर में मजबूत बिक्री के चलते बढ़त दर्ज की गई। कुल मिलाकर, यह रिबाउंड बढ़ती सकारात्मकता को दर्शाता है और बाजार दिशा में संभावित बदलाव के शुरुआती संकेत भी देता है।”
1. बाजार में पिछले आठ ट्रेडिंग से जारी गिरावट के बाद निवेशकों ने नीचले स्तरों पर खरीदारी की। इससे बाजार में जारी गिरावट का सिलसिला आखिर थम गया और इंडेक्स हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहे।
2. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दूसरी बार लगातार अपनी नीतिगत ब्याज दर को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के बाद बैंक शेयरों में हुई खरीदारी से बाजार को चढ़ने में मदद मिली।
3. इसके अलावा फार्मा स्टॉक्स में तेजी ने भी शेयर बाजार में तेजी को समर्थन दिया। डोनाल्ड ट्रम्प से 3 साल की टैरिफ छूट मिलने के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में फार्मा स्टॉक में 8 फीसदी तक उछल गए। इसका असर भारतीय फार्मा स्टॉक्स पर भी पड़ा।
वॉल स्ट्रीट में बढ़त के बाद एशियाई बाजारों की शुरुआत मिली-जुली रही। जापान का निक्केई 1.01 प्रतिशत नीचे था, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.95 प्रतिशत गिरा गया। चीन के बाजार नेशनल डे और मिड-ऑटम फेस्टिवल के कारण बंद थे।
वॉल स्ट्रीट के तीनों प्रमुख इंडेक्स मंगलवार के उतार-चढ़ाव वाले सेशन को बढ़त के साथ बंद करने में सफल रहे। हालांकि, निवेशक अमेरिका में संभावित सरकारी शटडाउन को लेकर सतर्क रहे। इससे प्रमुख आर्थिक रिपोर्टों में देरी हो सकती है और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति को लेकर अनिश्चितता बढ़ सकती है। डॉव जोन्स 0.18 प्रतिशत, एसएंडपी 500 में 0.41 प्रतिशत और नैस्डैक में 0.31 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
मेंबोर्ड (Mainboard IPO) में जैन रिसोर्स रीसाइक्लिंग, ईपैक प्रीफैब टेक्नोलॉजीज और बीएमडब्ल्यू वेंचर्स के शेयर आज स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होंगे। फैबटेक टेक्नोलॉजीज और ग्लोटिस के आईपीओ के लिए सब्सक्रिप्शन आज बंद होगा। पेस डीजिटेक के आईपीओ का आवंटन आधार (basis of allotment) आज तय किया जाएगा।
एसएमई (SME) सेक्टर में केवीएस कास्टिंग्स, रुक्मणि देवी गर्ग एग्रो इम्पेक्स, एम पी के स्टील्स, अमीनजी रबर, मानस पॉलिमर्स एंड एनर्जीज़, डीएसएम फ्रेश फूड्स, और भाविक एंटरप्राइजेज के आईपीओ का अलॉटमेंट तय किया जाएगा। इसके अलावा, विजयपीडी सेयुटिकल, ओम मेटलॉजिक, सोधानी कैपिटल, सुबा होटल्स और ढिल्लों फ्रेट कैरियर के सब्सक्रिप्शन आज बंद होंगे।
रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) ने बुधवार (1 अक्टूबर) को मौद्रिक नीति का ऐलान किया। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि समिति ने सर्वसम्मति से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है और रीपो रेट को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई के इस फैसले के बाद फेस्टिव सीजन में कर्ज सस्ता होने की उम्मीद लगाए लोगों को निराशा हुई है। केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार जून 2025 में रेपो रेट में 0.50 फीसदी की कटौती की थी। लेकिन अगस्त में इसे नहीं बदला गया था। हालांकि, इस साल ब्याज दरों में अब तक कुल 1 फीसदी की कटौती हो चुकी है।
ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई थी कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) यथास्थिति बनाए रखेगा। हालांकि कुछ को कटौती की संभावना भी दिख रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड के एक सर्वे में अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने यथास्थिति का अनुमान लगाया था। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों (जैसे भारतीय स्टेट बैंक) का अनुमान था कि समिति नीतिगत दर में 25 आधार अंकों (bps) की और कटौती कर सकती है। (एक आधार अंक यानी 0.01 percentage point होता है।)