आपका पैसा

सैलरी आती है और गायब हो जाती है? तीन बैंक अकाउंट का ये फॉर्मूला खत्म कर सकता है आपकी परेशानी

वित्तीय सलाहकार विजय महेश्वरी ने तीन अलग बैंक खातों- बचत, निवेश और खर्च- के जरिए पैसे पर बेहतर नियंत्रण और व्यवस्थित बजट बनाने का आसान तरीका बताया।

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सुनयना चड्ढा   
Last Updated- November 19, 2025 | 12:18 PM IST

ज्यादातर भारतीयों के लिए पैसों का प्रबंधन एक ही बैंक खाते तक सिमट कर रह जाता है। सैलरी उसी में आता है, बिल वहीं से भरें जाते हैं और बचत व खर्च एक साथ मिल जाते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि बजट बनाना मुश्किल हो जाता है और लंबी अवधि के लक्ष्य अस्पष्ट रह जाते हैं।

पैसे पर नियंत्रण पाने का आसान तरीका: विजय महेश्वरी ने बताया तीन बैंक खाता सिस्टम

वित्तीय सलाहकार विजय महेश्वरी ने कहा है कि अपने पैसे पर नियंत्रण रखने का सबसे आसान और स्मार्ट तरीका है तीन अलग-अलग बैंक अकाउंट रखना। हर खाते का अलग मकसद होना चाहिए:

  1. बचत (Stability)

  2. निवेश (Growth)

  3. खर्च (Lifestyle)

यह तरीका पैसे को सही जगह रखने और बिना परेशान हुए निवेश करने में मदद करता है।

1. बचत खाता – सुरक्षा के लिए

यह आपका मुख्य खाता होगा, जहां आपकी सारी आमदनी आती है।

  • आपातकालीन जरूरत के पैसे यहीं रखें।

  • थोड़े पैसे बचत-लिंक्ड FD में डाल सकते हैं।

  • जरूरत से ज्यादा पैसे अन्य दो खातों में ट्रांसफर करें।

इस खाते का मकसद है पैसे की सुरक्षा। आपातकालीन पैसों को अलग रखने से गलती से खर्च होने का डर नहीं रहता।

2. निवेश खाता – पैसे बढ़ाने के लिए

यह खाता सिर्फ आपकी संपत्ति बढ़ाने के लिए होगा।

  • मासिक SIP या म्यूचुअल फंड के लिए पैसा यहीं जमा करें।

  • अन्य निवेशों के लिए पैसे रखें।

  • एक ‘अवसर निधि’ बनाएं, ताकि अचानक अच्छा निवेश करने का मौका मिल सके।

इस खाते में पैसा सिर्फ बढ़ाने के लिए रखा जाता है, इसे रोजमर्रा के खर्चों में इस्तेमाल नहीं करना है।

3. खर्च खाता – रोजमर्रा के खर्च के लिए

इस खाते से आप अपने सारे मासिक खर्च जैसे:
किराया, ईएमआई, राशन, यात्रा, कपड़े और अन्य रोजमर्रा के खर्च भरें।

इससे आपको अपने खर्च का सही अंदाजा रहता है। जब खर्च की सीमा पार होती है, तो आप तुरंत महसूस करते हैं और ओवरस्पेंडिंग नहीं होती।

क्यों काम करता है यह तरीका

यह तरीका वैसे ही है जैसे कंपनियां अपने पैसे अलग-अलग खानों में रखती हैं। हर रुपये का एक मकसद होता है:

  • बचत खाता = सुरक्षा

  • निवेश खाता = बढ़त

  • खर्च खाता = अनुशासन

इस सिस्टम से हर कमाया रुपया अपने काम के लिए ही जाता है। आप जानते हैं कि कितना खर्च करना है, कितना बचाना है और कितना निवेश करना है।

महेश्वरी का कहना है कि एक खाता होने से गड़बड़ी होती है, तीन खाता रखने से पूरा पैसा और खर्च नियंत्रण में रहता है।

First Published : November 19, 2025 | 12:18 PM IST