BS Samriddhi: बिज़नेस स्टैंडर्ड–समृद्धि कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था, निवेश माहौल, उद्योग विस्तार, ईथेनॉल उत्पादन, सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर और कानून व्यवस्था में आए अभूतपूर्व बदलावों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2017 के बाद से राज्य ने जिन चुनौतियों का सामना किया, आज वही यूपी देश के सबसे तेजी से बढ़ते औद्योगिक और आर्थिक केंद्रों में शामिल हो चुका है। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे नेटवर्क से लेकर ईथेनॉल उत्पादन तक, निवेश माहौल से लेकर निर्यात वृद्धि तक। उत्तर प्रदेश कई क्षेत्रों में देश का नेतृत्व कर रहा है।
अग्रवाल ने कहा कि 2017 में जब योगी सरकार बनी थी, तब यूपी कई मुश्किलों से घिरा हुआ था। कानून-व्यवस्था कमजोर थी, अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी थी, उद्योग कम थे और निवेश भी बहुत कम आता था। लेकिन पिछले आठ साल में यूपी ने इन सभी क्षेत्रों में बड़ा बदलाव किया है। आज स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे बनाने में पूरे देश में सबसे आगे है। देश में जितने भी एक्सप्रेसवे हैं, उनमें से 37% सिर्फ यूपी में हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इसे 50% से भी ज्यादा किया जाए।
अग्रवाल के अनुसार, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और आसान प्रशासन की वजह से निवेशक अब यूपी आने में हिचकिचाते नहीं हैं। दक्षिण भारत के कई उद्योगपतियों ने भी माना कि योगी सरकार आने के बाद कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है और अब वे उत्तर भारत, खासकर यूपी में निवेश करने के लिए तैयार हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले आठ साल में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ी है। उन्होंने बताया कि 2017 में जहां यूपी की GSDP यानी राज्य की कुल आर्थिक ताकत 13.3 लाख करोड़ रुपये थी, अब यह बढ़कर 30 लाख करोड़ रुपये हो गई है। सरकार का मानना है कि इस साल के अंत तक यह 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
उन्होंने कहा कि GSVA भी 1 लाख करोड़ से बढ़कर 2.81 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इसके साथ ही यूपी का निर्यात भी लगातार बढ़ रहा है। 2017 में जहां 84,000 करोड़ रुपये का माल विदेश भेजा जाता था, वहीं अब यह बढ़कर 1.86 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।
नितिन अग्रवाल ने बताया कि ईथेनॉल बनाने में आज उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि भारत में कुल 550 करोड़ लीटर ईथेनॉल बनता है, जिसमें से 350 करोड़ लीटर सिर्फ यूपी में तैयार होता है। यानी देश का सबसे ज्यादा ईथेनॉल यूपी में बन रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले इस काम में महाराष्ट्र सबसे ऊपर था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश उससे आगे निकल गया है। इसकी वजह है – IT की मदद से चल रही पारदर्शी व्यवस्था, अच्छे तरीके से की जा रही निगरानी, और उद्योगों को दी गई आसान सुविधाएं। मंत्री ने यह भी बताया कि मोलेसेस (जिससे ईथेनॉल बनता है) के उत्पादन में भी यूपी अब देश में नंबर एक है।
मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में उद्योग बहुत तेजी से बढ़े हैं। 2016–17 में जहां राज्य में करीब 13,000 उद्योग थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 27,295 हो गई है। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले हुए निवेशक सम्मेलन में 30 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स के प्रस्ताव मिले थे, जो अब बढ़कर 45 लाख करोड़ रुपये पहुंच गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इनमें से 15 लाख करोड़ रुपये वाले प्रोजेक्ट्स का भूमि पूजन हो चुका है और कई जगह काम भी शुरू हो गया है। मंत्री के अनुसार, यह बदलाव साफ दिखाता है कि अब यूपी निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
अग्रवाल ने कहा कि पिछले आठ साल में उत्तर प्रदेश ने लोगों को रोजगार देने के मामले में भी बड़ी कामयाबी हासिल की है। 2017 में राज्य में बेरोजगारी दर 6.4% थी, जो अब कम होकर 2.4% रह गई है। उन्होंने बताया कि सरकारी नौकरियों में 8 लाख युवाओं को मौका मिला है, जबकि MSME और प्राइवेट सेक्टर में 90 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। मंत्री ने कहा कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है। 2017 में यह 54,500 रुपये थी, जो अब बढ़कर 1.08 लाख रुपये हो गई है।
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि यह लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को और मजबूत करना होगा। अभी मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा करीब 10% है, लेकिन सरकार इसे 2047 तक बढ़ाकर 35–40% करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए यूपी में बड़े स्तर पर नए इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाए जा रहे हैं – जैसे सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटोमोबाइल जैसे बड़े और आधुनिक उद्योगों के लिए। मंत्री के मुताबिक, अगर राज्य में सड़कें, कनेक्टिविटी, उद्योगों के लिए सुविधाएं और बेहतर काम का माहौल इसी तरह मजबूत होता रहा, तो यूपी अपना लक्ष्य समय से पहले हासिल कर सकता है।
बातचीत में उन्होंने बताया कि लखनऊ और हरदोई के बीच देश का सबसे बड़ा मेगा टेक्सटाइल हब तैयार किया जा रहा है, जिसका शिलान्यास जल्द होगा। इसके अलावा लेदर क्लस्टर, फूड प्रोसेसिंग और अन्य पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि परंपरागत उद्योगों में कारीगरों की संख्या लगातार घट रही है, जो एक बड़ी चुनौती है, लेकिन सरकार इन्हें संरक्षित और सशक्त करने की दिशा में काम कर रही है।
नितिन अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में सेवा क्षेत्र यानी IT, स्वास्थ्य सेवाएं और टेलीमेडिसिन यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत जरूरी साबित होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में बड़े पैमाने पर स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम चल रहे हैं, ताकि उद्योगों को अच्छे से प्रशिक्षित और कुशल लोग मिल सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ा रही है। सिंगल विंडो सिस्टम और डिजिटल सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है, ताकि उद्योगों को काम करने में और आसानी हो और उन्हें एक ही जगह पर सभी जरूरी सुविधाएं मिल सकें।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने कहा कि विदेशों से निवेश आकर्षित करने के प्रयास लगातार जारी हैं। सरकार चाहती है कि वैश्विक निवेशक उत्तर प्रदेश को अपने नए विनिर्माण और व्यापारिक केंद्र के रूप में देखें।