उत्तर प्रदेश

बिजनेस स्टैंडर्ड समृद्धि 2025: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास ने पकड़ी रफ्तार, MSMEs में तेजी

विशेषज्ञों के अनुसार राज्य सरकार उद्योगों को समर्थन एवं मदद देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- November 19, 2025 | 10:19 PM IST

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास फर्राटा भरने लगा है। विशेषज्ञों के अनुसार राज्य सरकार उद्योगों को समर्थन एवं मदद देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है जिसका असर ऊंची आर्थिक वृद्धि और निवेश के स्थिर एवं सकारात्मक माहौल के रूप में साफ दिख रहा है।

लखनऊ में आयोजित बिज़नेस स्टैंडर्ड समृद्धि कार्यक्रम में ‘उत्तर प्रदेश में नए औद्योगिक क्षेत्र और एमएसएमई क्षेत्र की संभावनाएं’ विषय पर एक चर्चा में राज्य के प्रमुख सचिव (पशुपालन, डेरी एवं मत्स्यपालन) मुकेश मेश्राम ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 2000 नए पर्यटक स्थल विकसित किए हैं और 12 सर्किट विकसित किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी-पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन भी ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें उत्तर प्रदेश अपनी मौजूदगी संजीदगी से कायम करने की कोशिश कर रहा है। मेश्राम ने कहा कि पशुपालन और राज्य के ग्रामीण हिस्सों में छोटे उद्यमों के विकास के मामले में उत्तर प्रदेश एक नई लहर का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य वर्तमान में कुल दुग्ध उत्पादन के लगभग 17 से 19 फीसदी हिस्से का ही प्रसंस्करण करता है।

लेकिन राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में नई दुग्ध प्रसंस्करण और शीतलन इकाइयां स्थापित कर रही है ताकि अगले कुछ वर्षों में यह आंकड़ा बढ़ाकर 50 फीसदी तक किया जा सके। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए देसी गायों और अन्य जानवरों के नस्ल संरक्षण पर भी काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है।

मेश्राम ने कहा कि मुर्गीपालन की बात करें तो उत्तर प्रदेश प्रति वर्ष लगभग 3.5 करोड़ अंडे का उपभोग करता है जिनमें से लगभग 2 करोड़ का उत्पादन स्थानीय स्तर पर होता है जबकि शेष बाहरी राज्यों से आता है। मेश्राम ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अंडों के लिए अन्य राज्यों पर निर्भरता कम करनी है।’

उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन में उत्तर प्रदेश देश में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। इस व्यवसाय में प्रति वर्ष लगभग 23-24 फीसदी की वृद्धि देखी जा रही है जो देश में सबसे अधिक है।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार ने कहा कि राज्य में ऋण आवंटन में पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व उछाल आया है।
इंडियन बैंक के मुख्य महाप्रबंधक सुधीर गुप्ता ने कहा कि ऋण-जमा अनुपात के लिहाज से उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन देश में उम्दा रहा है। जब ऋण सुलभता की बात आती है तो सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की ओर से काफी रुचि दिखाई देती है और यही कारण है कि बड़ी संख्या में ये इकाइयां सामने आ रही हैं।

एवलांच रिफाइनरीज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी मोहित तुलसी सिंह राजपूत ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिहाज से वाराणसी एक ऐसा क्षेत्र है जहां तेज गति से विकास हुआ है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाहर के एक निवेशक के रूप में वह पिछले आठ वर्षों में राज्य में हुए विकास को देखकर चकित हैं।

राजपूत ने कहा, ‘मैं अपने आधिकारिक काम के लिए अक्सर प्रदेश में घूमता रहता हूं। मैंने देखा है कि वाराणसी और उसके आसपास आतिथ्य क्षेत्र में जिस तरह का विकास हुआ है वह अपने आप में अभूतपूर्व है।’ उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश विकास के मामले में अन्य सभी राज्यों को पीछे छोड़ देगा।

लोहम क्लीनटेक प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी रजत वर्मा ने कहा कि आने वाले वर्षों में महत्त्वपूर्ण खनिजों के मामले में उत्तर प्रदेश एक अग्रणी उत्पादक राज्य बन जाएगा।

First Published : November 19, 2025 | 10:15 PM IST