जयवीर सिंह, पर्यटन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार
BS Samriddhi 2025: उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड– समृद्धि: उत्तर प्रदेश’ के कार्यक्रम में कहा कि यूपी का पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने का लक्ष्य रखा है, उसमें पर्यटन अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा। सबसे कम इन्वेस्टमेंट में सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने की संभावनाएं पर्यटन में है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश या प्रदेश में पर्यटन बढ़ावा देने और फलने-फूलने में तीन बड़ी सुविधाओं का होना जरूरी है। इनमें लॉ एंड ऑर्डर, कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शामिल हैं। उनका कहना है कि राज्य की बेहतर कानून व्यवस्था के चलते दुनियाभर के निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश एक अच्छा डेस्टिनेशन बना हुआ है। इनमें पर्यटन को लेकर भारी संभावनाएं हैं।
जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन ऐसा विषय है, जिसका सीधा जुड़ाव उस देश या प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा होता है। कोई भी आदमी, कोई व्यक्ति, कोई संगठन घूमने-फिरने का विचार करता है, तो वो सबसे पहले सोचता है कि उसकी यात्रा सुगम और सुरक्षित हो।
2017 से पहले उत्तर प्रदेश में कानून -व्यवस्था के हालात लचर थे और उसमें पर्यटन की कल्पना ही बेमानी थी। 2017 में योगी सरकार आने के बाद पहली प्राथमिकता कानून-व्यवस्था को अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस नीति की रही। इसका नतीजा रहा कि आज योगी मॉडल की चर्चा प्रदेश, देश ही नहीं विदेशों में भी होती है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन के लिए दूसरी सबसे अहम बात उस प्रदेश की कनेक्टिविटी होती है। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद देश भर में एक्सप्रेसवे, हाईवे को तेजी से विकास हुआ है। उत्तर प्रदेश की बात करें, तो यह सबसे लंबी दूरी और सबसे ज्यादा हाइवे वाला प्रदेश बन गया है। इसकी पूर्व से लेकर पश्चिम की कनेक्टिविटी बेहतर हो गई है। अब राज्य सरकार उत्तर से दक्षिण की कनेक्टिविटी एक्सप्रेसवे के जरिए बेहतर करने का काम कर रही है। कनेक्टिविटी चाहें एक्सप्रेसवे की हो, हाइवे की हो, स्टेट हाइवे की हो गांव सड़क की हो, हर जगह कनेक्टिविटी को सुगम किया गया है।
जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन के लिहाज से तीसरा अहम विषय इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट है। उत्तर प्रदेश में जो भी अहम डेस्टिनेशन हैं, उन्हें 12 सर्किट में बांटकर आध्यात्मिक टूरिज्म से लेकर, एडवेंचर टूरिज्म के लिहाज से वहां पर्यटन सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रकचर सुविधाएं और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर किया गया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आध्यात्मिकता का एक बड़ा डेस्टिनेशन भी है। आज प्रदेश का ऐसा कोई ऐसा शहर नहीं जहां कोई न कोई स्थानीय कुल देवी या देवता को लेकर लोगों में श्रद्धा न हो। ऐसी सभी जगहों को व्यवस्थति तरीके से डेवलप कर पर्यटन के लिहाज से बेहतर कनेक्टिविटी दी गई है और इस पर काम लगातार जारी है। बेहतर इंफ्रा के परिणाम भी सामने आए हैं। अभी राज्य सरकार ने लखनऊ से गुजरात के लिए एसी बसें चलाई हैं। हवाई सेवाओं को भी बेहतर करने का काम हुआ है।
जयवीर सिंह ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर, कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहेतर कार्य का का नतीजा है कि देश में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ी है। 2017 में जहां पर्यटकों की संख्या करीब 23 करोड़ थी। पिछले साल दिसंबर 2024 तक 67 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित किये। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 5 गुना बढ़ी है।
जनवरी 2025 से शुरू हुए महाकुंभ में 66.3 करोड़ श्रद्धालु आए। ये श्रद्धालु महज 45 दिन में आए। इसका पूरा प्रबंधन आधुनिकतम तकनीक से किया गया। इस तरह के बड़े आयोजन कर सरकार ने दुनिया को यूपी की क्षमता का आभास कराया है। राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी 403 विधानसभाओं में इंफ्रा डेवलपमेंट, रोड कनेक्टिविटी, सभी धार्मिक स्थलों को बेहतरीन सुविधा देकर व्यवस्थित किया है।
उन्होंने कहा कि यूपी में पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। जब भी कोई एक पर्यटक आता है उससे 6 लोगों को रोजी, रोटी और रोजगार देता है। कई राज्यों की इकॉनमी में पर्यटन की बड़ी भूमिका है, उनमें उत्तर प्रदेश भी शामिल हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने का लक्ष्य रखा है,उसमें पर्यटन अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा। सबसे कम इन्वेस्टमेंट में सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने की संभावनाएं पर्यटन में है। उत्तर प्रदेश में पर्यटन खासकर धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से व्यापक संभावनाएं हैं।