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Large Cap Funds: स्टेबल रिटर्न चाहिए? पोर्टफोलियो का 30–70% हिस्सा लार्ज-कैप फंड्स में लगाएं

18 नवंबर 2025 को समाप्त वर्ष में, लार्ज-कैप फंड्स ने औसतन 9.2% रिटर्न दिया, जबकि मिड-कैप फंड्स ने 8.6% और स्मॉल-कैप फंड्स ने केवल 2.4% रिटर्न दिया

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सर्वजीत के सेन   
Last Updated- November 19, 2025 | 5:44 PM IST

Large Cap Funds: पिछले एक साल में लार्ज-कैप फंड्स का परफॉर्मेंस स्थिर रहा है। 18 नवंबर 2025 को समाप्त वर्ष में, लार्ज-कैप फंड्स ने औसतन 9.2% रिटर्न दिया, जबकि मिड-कैप फंड्स ने 8.6% और स्मॉल-कैप फंड्स ने केवल 2.4% रिटर्न दिया।

बंधन एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के हेड–प्रोडक्ट्स सिरशेंदु बसु कहते हैं, “लार्ज-कैप फंड्स स्थिरता (stability), तरलता (liquidity) और निरंतरता (consistency) प्रदान करते हैं, जो लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन के तीन सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। इन कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत होता है, कमाई अनुमानित रहती है और वे अपने सेक्टर और इंडस्ट्री की लीडिंग कंपनियां होती हैं। इसलिए इन्हें हर निवेशक के पोर्टफोलियो में स्थायी, मुख्य होल्डिंग्स के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।”

इस स्थिर परफॉर्मेंस के बावजूद निवेशकों की दिलचस्पी कम बनी हुई है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में लार्ज-कैप इक्विटी फंड्स में केवल 971 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो आया, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे कम है।

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लार्ज कैप फंड्स क्या है?

लार्ज-कैप फंड्स अपनी कुल राशि का कम से कम 80% उन टॉप 100 कंपनियों में निवेश करते हैं, जो मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर सबसे बड़ी होती हैं। निफ्टी 50, निफ्टी नेक्स्ट 50 और निफ्टी 100 जैसे इंडेक्स इसी सेगमेंट को ट्रैक करते हैं। निफ्टी 100 इंडेक्स 17 सेक्टरों में डायवर्स एक्सपोजर प्रदान करता है। निवेशक लार्ज-कैप फंड्स में एक्टिव और पैसिव, दोनों प्रकार के विकल्प चुन सकते हैं।

लार्ज-कैप फंड्स पर उतार-चढ़ाव का कम असर

लार्ज-कैप स्टॉक्स आम तौर पर लंबे समय से स्थापित कंपनियां होती हैं जिनका मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड होता है। इनमें से कई कंपनियां पहले भी आर्थिक चुनौतियों का सामना कर चुकी हैं और इनके पास मजबूत बैलेंस शीट, अनुभवी मैनेजमेंट और मजबूत गवर्नेंस सिस्टम होता है।

टाटा एएमसी के फंड मैनेजर अभिनव शर्मा कहते हैं, “लार्ज-कैप फंड्स मिड- और स्मॉल-कैप फंड्स की तुलना में बाजार में तेज उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होते हैं और समय के साथ ज्यादा स्थिर प्रदर्शन कर सकते हैं, खासकर आर्थिक सुस्ती के दौरान। लार्ज-कैप फंड्स जिन शेयरों में निवेश करते हैं, वे बहुत अधिक ट्रेड होते हैं, जिससे खरीदने या बेचने में आसानी होती है।”

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क्या लार्ज कैप में निवेश का यह सही समय है?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि लार्ज-कैप सेगमेंट के वैल्यूएशन अभी भी लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए आकर्षक हैं।

बजाज फिनसर्व एएमसी के हेड–इक्विटी सौरभ गुप्ता कहते हैं, “लार्ज-कैप शेयरों ने हाल में अच्छी तरह स्थिर होकर आगे बढ़ने (consolidation) का दौर पूरा किया है। अब ये सही वैल्यूएशन पर नजर आ रहे हैं, जिससे निवेशकों को चुनिंदा अच्छे अवसर मिल सकते हैं। कई लार्ज-कैप कंपनियों की कमाई (earnings) भी बढ़नी शुरू हो गई है, जिसका असर हाल के दूसरी तिमाही के नतीजों में दिखाई दिया। अगर विदेशी निवेशकों (FIIs) का पैसा फिर से भारतीय बाजारों में लौटता है, तो उसका सबसे ज्यादा फायदा लार्ज-कैप शेयरों को मिलेगा। इससे वे एक अच्छा टैक्टिकल निवेश विकल्प बन सकते हैं।”

लार्ज-कैप शेयर मिड और स्मॉल-कैप की तुलना में कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं, इसलिए ये कम जोखिम पसंद करने वाले निवेशकों के लिए बेहतर माने जाते हैं।

लार्ज-कैप सेगमेंट में अल्फा बनाना क्यों मुश्किल है?

लार्ज-कैप शेयरों पर बहुत सारे एक्सपर्ट्स रिसर्च करते हैं, इसलिए उनकी कीमतें पहले से ही सही स्तर पर होती हैं। ऐसे में फंड मैनेजरों के लिए बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न देना मुश्किल हो जाता है।

SPIVA (S&P Indices Versus Active) इंडिया की मिड-ईयर 2025 रिपोर्ट के अनुसार, 30 जून 2025 को समाप्त पांच वर्षों में 89.6% लार्ज-कैप फंड्स ने अपने बेंचमार्क एसएंडपी इंडिया लार्जमिडकैप इंडेक्स (S&P India LargeMidcap Index) से खराब प्रदर्शन किया।

शर्मा कहते हैं, “जब अर्थव्यवस्था तेजी के दौर में होती है और बाजार व्यापक रूप से ऊपर जाते हैं, तब लार्ज-कैप फंड्स अक्सर मिड और स्मॉल-कैप फंड्स से कम रिटर्न देते हैं।”

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लार्ज-कैप फंड्स में कितना निवेश करना चाहिए?

लार्ज-कैप फंड्स किसी भी निवेशक के इक्विटी पोर्टफोलियो का मुख्य हिस्सा होना चाहिए।

बसु के अनुसार, “एक बैलेंस पोर्टफोलियो में लार्ज-कैप फंड्स को कोर होल्डिंग होना चाहिए।

• संतुलित (Balanced) निवेशकों को अपनी इक्विटी का 40–60% लार्ज-कैप फंड्स में रखना चाहिए।

• रूढ़िवादी (Conservative) निवेशक, जो पूंजी बचत और स्थिर वृद्धि पर ध्यान देते हैं, इसे 70% तक बढ़ा सकते हैं।

• आक्रामक (Aggressive) निवेशक लगभग 30–40% लार्ज-कैप में रख सकते हैं और बाकी पैसा मिड- व स्मॉल-कैप जैसे हाई-रिस्क, हाई-रिटर्न विकल्पों में निवेश कर सकते हैं।”

गुप्ता के अनुसार, निवेशकों को हमेशा लंबी अवधि का नजरिया रखना चाहिए। उनका कहना है कि किसी भी फंड के लिए होल्डिंग पीरियड कम से कम सात साल होनी चाहिए। इतना समय देने से फंड बाजार के उतार-चढ़ाव झेल सकता है और लंबी अवधि की बढ़त का पूरा फायदा मिल सकता है।


(लेखक गुरुग्राम में रहने वाले एक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

First Published : November 19, 2025 | 5:38 PM IST