Flexi Cap Funds: शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बीच फ्लेक्सी कैप फंड्स का जलवा बरकरार है। भले ही, अक्टूबर में लगातार तीसरे महीने म्युचुअल फंड्स की इक्विटी स्कीम्स में इनफ्लो 19 फीसदी घटकर 24,690 करोड़ रुपये रह गया। लेकिन फ्लेक्सी कैप फंड्स पर निवेशकों ने जमकर दांव लगाया। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में फ्लेक्सी कैप फंड्स में सबसे ज्यादा निवेश आया। निवेशकों ने इन फंड्स में कुल 8,929 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि सितंबर में इस कैटेगरी में 7,029 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया था। इसके उलट इक्विटी म्युचुअल फंड की ज्यादातर कैटेगरी में इनफ्लो सुस्त रहा।
बाजार के उतार-चढ़ाव में सुरक्षित माने जाने वाले फ्लेक्सी कैप फंड्स पर निवेशकों का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है। इस बात की गवाही, खुद इस कैटेगरी में बढ़ता इनफ्लो देता है। जनवरी 2025 में फ्लेक्सी कैप फंड्स में 5,698 करोड़ रुपये का निवेश आया था, जो अक्टूबर 2025 तक बढ़कर 8,929 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। कुल मिलाकर, साल 2025 में अब तक इस कैटेगरी में 62,825 करोड़ रुपये का निवेश देखने को मिला है।
| Month | Inflow (Rs in Crore) |
|---|---|
| January | 5,698 |
| Feburary | 5,104 |
| March | 5,615 |
| April | 5,542 |
| May | 3,842 |
| June | 5,733 |
| July | 7,654 |
| August | 7,679 |
| September | 7,029 |
| October | 8,929 |
Source- AMFI
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फ्लेक्सी कैप फंड्स में लगातार बढ़ते इनफ्लो से संकेत मिलता है कि निवेशक अब डाइवर्सिफाइड स्ट्रैटेजीज को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। मिरे असेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) की हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेज सुरंजना बोरठाकुर ने कहा कि इक्विटी कैटेगरी में फ्लेक्सी-कैप फंड्स में लगातार निवेश आ रहा है। यह दिखाता है कि निवेशक अब डाइवर्सिफाइड स्ट्रैटेजीज को अधिक पसंद कर रहे हैं।
ऑम्नीसाइंस कैपिटल के सीईओ और चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. विकास गुप्ता ने कहा, “फ्लेक्सी कैप कैटेगरी में पिछले महीने की तुलना में इनफ्लो में वृद्धि हुई है, जबकि अधिकांश अन्य इक्विटी कैटेगरियों में इनफ्लो कम रहे और कुल मिलाकर इक्विटी इनफ्लो भी घटे हैं। ऐसा लगता है कि निवेशकों और डिस्ट्रिब्यूटर्स का लार्ज, मिड या स्मॉलकैप जैसी कैटेगरी में भरोसा कम हो रहा है।”
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फ्लेक्सी कैप फंड्स ने म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस कैटेगरी का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) अब 5.34 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। खास बात यह है कि फ्लेक्सी कैप फंड्स 5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाली पहली डायवर्सिफाइड इक्विटी कैटेगरी है, जिसने यह ऐतिहासिक उपलब्धि सितंबर महीने में ही हासिल कर ली थी।
फ्लेक्सी कैप फंड्स एक तरह के इक्विटी म्युचुअल फंड हैं, जहां फंड मैनेजर को किसी एक मार्केट कैप (लार्ज, मिड या स्मॉल) तक सीमित नहीं रखा जाता। फंड मैनेजर के पास पूरी आजादी होती है कि वह बदलते बाजार के हिसाब से पोर्टफोलियो को एडजस्ट कर सकते है।
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AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, फ्लेक्सी कैप फंड्स के उलट इक्विटी म्युचुअल फंड की ज्यादातर कैटेगरी में सुस्ती देखने को मिली। स्मॉल-कैप फंड्स में इनफ्लो घटकर 3,476 करोड़ रुपये रह गया, जो एक महीने पहले 4,363 करोड़ रुपये था। वहीं मिड-कैप फंड्स में इससे भी तेज गिरावट आई और इनफ्लो 5,085 करोड़ रुपये से घटकर 3,807 करोड़ रुपये पर आ गया।
लार्ज-कैप फंड्स में निवेश तेजी से घटकर 972 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले महीने इसमें 2,319 करोड़ रुपये का निवेश आया था। दूसरी ओर, ELSS कैटेगरी से करीब 666 करोड़ रुपये और डिविडेंड यील्ड फंड्स से 179 करोड़ रुपये की की निकासी हुई।
बोरठाकुर ने कहा कि स्मॉल कैप, मिडकैप और लार्ज कैप कैटेगरी में निवेश घटा है। इसकी एक वजह मुनाफावसूली (profit booking) और सीमित दायरे में चल रहे बाजार के बीच निवेशकों का सतर्क रुख है।