SIP Inflow at All Time High: इक्विटी म्युचुअल फंड में अक्टूबर के दौरान लगातार तीसरे महीने निवेश घटा है। इसके बावजूद SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेशक म्युचुअल फंड्स में ताबड़तोड़ पैसा झोंक रहे हैं और यह पिछले महीने 29,500 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया। सितंबर में एसआईपी के जरिए 29,361 करोड़ रुपये का निवेश आया था। अगस्त में यह आंकड़ा 28,265 करोड़ रुपये था। जबकि, इक्विटी फंड्स में इनफ्लो मासिक आधार (MoM) पर 19 फीसदी घटकर 24,690 करोड़ रुपये रह गया। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि वैश्विक व्यापार की चिंताओं के बाजार में दिख रहे असर के बीच रिटेल निवेशक अनुशासित रहे और एसआईपी में निवेश बनाए रखा।
खातों के लिहाज से देखें तो, एक्टिव एसआईपी (SIP) अकाउंट बढ़कर 9.45 करोड़ हो गए, जो सितंबर महीने में 9.25 करोड़ थे। अगस्त में यह संख्या 8.99 करोड़ थी। वहीं, कुल एसआईपी खातों की संख्या बढ़कर 9.88 करोड़ पर पहुंच गई, जो सितंबर में 9.73 करोड़ थी। यह बढ़ोतरी करीब 60 लाख नए खातों के जुड़ने और लगभग 45 लाख खातों के बंद होने के बाद दर्ज की गई।
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मिरे असेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) की हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेज सुरंजना बोरठाकुर ने कहा कि सबसे उत्साहजनक बात यह है कि SIP इनफ्लो की मजबूती बनी हुई है।
उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि खुदरा निवेशक अब कहीं ज्यादा समझदार और स्थिर हो गए हैं। वे बाजार के छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव के बावजूद अपने लंबी अवधि के निवेश लक्ष्यों पर टिके हुए हैं। हमारा मानना है कि निवेशकों को अपने SIP जारी रखने चाहिए, क्योंकि बाजार के चक्रों के दौरान निवेशित रहना ही समय के साथ संपत्ति बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।”
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एसआईपी (SIP) के तहत एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) अब लगभग 16.25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो सितंबर में 15.52 लाख करोड़ रुपये था। यह कुल म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के AUM का करीब 20.3 फीसदी हिस्सा है।
एम्फी के सीईओ वी एन चलसानी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि बाजारों में तेजी के बीच मुनाफावसूली के कारण अधिक निकासी हुई। अक्टूबर में कुल निकासी 38,920 करोड़ रुपये रही, जबकि सितंबर में यह 35,982 करोड़ रुपये थी। इक्विटी योजनाओं का एयूएम 31 अक्टूबर तक 35.16 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले महीने यह 33.68 लाख करोड़ रुपये था।