शेयर बाजार में आज अच्छी तेजी रही और बेंचमार्क सेंसेक्स करीब 14 महीने बाद 85,000 के स्तर को पार कर गया। कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 514 अंक या 0.6 फीसदी की बढ़त के साथ 85,187 पर बंद हुआ जो 27 सितंबर, 2024 के बाद इसका उच्चतम स्तर है। निफ्टी भी 143 अंक या 0.6 फीसदी के लाभ के साथ 26,053 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक अब अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से 1 फीसदी से भी कम दूर हैं।
दिलचस्प है सूचकांकों में ताजा तेजी वैश्विक बाजार में प्रमुख तकनीकी शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन को लेकर चिंता के चलते हुई बिकवाली के बावजूद हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) से वैश्विक निवेशकों की दूरी भारत के लिए लाभकारी हो सकती है।
अमेरिका का नैस्डैक कंपोजिट सूचकांक और ताइवान, दक्षिण कोरिया जैसे बाजारों में एआई शेयरों में पिछले पांच सत्रों में 5 फीसदी की गिरावट आई है।
निफ्टी आईटी सूचकांक 3 फीसदी चढ़ा, जो 12 मई के बाद से एक दिन में सबसे बड़ी छलांग है। एचसीएल टेक में 4.3 फीसदी की तेजी आई, इन्फोसिस 3.74 फीसदी और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) 2 फीसदी बढ़त में रहा। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 1.1 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 476 लाख करोड़ रुपये हो गया।
कुल मिलाकर बाजार का रुख मिला-जुला रहा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 2,427 शेयरों में गिरावट आई और 1,757 शेयर बढ़त में रहे। निफ्टी स्मॉलकैप में 0.43 फीसदी की गिरावट आई जबकि निफ्टी मिडकैप में केवल 0.2 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
विशेषज्ञों ने कहा कि घरेलू आईटी शेयर जो पिछले एक साल में कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं, अब सुर्खियों में हैं क्योंकि ऊंचे मूल्यांकन और एआई संबंधित भारी भरकम खर्च की चिंता को देखते हुए निवेशक अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों से किनारा कर रहे हैं।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘एआई की धीमी होती रफ्तार निवेशकों को पारंपरिक आईटी कंपनियों में निवेश के लिए प्रेरित कर रही है। स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट में भी बिकवाली हो रही है। इसके अलावा आईटी शेयरों में बीते समय में खासी गिरावट आई थी जिससे उनका मूल्यांकन भी सहज बना हुआ है। वैसे, आईटी क्षेत्र में तेजी सीमित है और हम निवेशकों द्वारा अल्पकालिक रणनीतिक बदलाव देख रहे हैं।’
सितंबर तिमाही के स्थिर आय और प्रस्तावित भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के चलते अक्टूबर से घरेलू शेयर बाजार में तेजी आई है। वैश्विक एआई विरोधी व्यापार रुझान से भारतीय शेयर बाजार को लाभ होने की उम्मीद है। इस सप्ताह की शुरुआत में सीएलएसए के मुख्य इक्विटी रणनीतिकार अलेक्जेंडर रेडमैन ने कहा था कि भारत संभावित लाभार्थी के रूप में उभर सकता है और विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर सकता है।