सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस के शेयरों में बुधवार को 3 प्रतिशत से अधिक उछाल आई। इस तेजी के साथ वह सबसे अधिक उछलने वाले शेयरों में एक रहा। इन्फोसिस 18,000 करोड़ की शेयर पुनर्खरीद योजना शुरू करने को तैयार है। इन्फोसिस के शेयरधारकों ने कंपनी के 5 रुपये अंकित मूल्य 10 करोड़ तक के पूर्ण चुकता इक्विटी शेयर 18,000 करोड़ रुपये में वापस खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पुनर्खरीद आनुपातिक आधार पर 1,800 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर टेंडर ऑफर मार्ग के जरिये की जाएगी।
पुनर्खरीद की अवधि 20 नवंबर को शुरू होगी और 26 नवंबर को शाम 5 बजे बंद हो जाएगी। इसमें हिस्सा लेने वाले शेयरधारकों को रकम के भुगतान की अंतिम तिथि 3 दिसंबर है। पात्रता और पात्र शेयरधारकों के नाम तय करने की तारीख 14 नवंबर थी। केफिन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को पेशकश के पंजीयक (रजिस्ट्रार) के रूप में नियुक्त किया गया है और कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग इस सौदे का प्रबंधन कर रही है।
कंपनी ने कहा कि शेयर पुनर्खरीद की पेशकश वह मध्यम अवधि की रणनीतिक और परिचालन नकदी आवश्यकताओं और शेयरधारकों को अधिशेष धन वापस करने के अपने इरादे के आकलन के बाद कर रही है।
पुनर्खरीद की शर्तों के तहत छोटे शेयरधारक रिकॉर्ड तिथि पर रखे गए हरेक 11 इक्विटी शेयरों के लिए 2 इक्विटी शेयरों के हकदार होंगे। सामान्य श्रेणी में अन्य सभी पात्र शेयरधारकों के लिए पात्रता प्रत्येक 706 इक्विटी शेयरों के लिए 17 इक्विटी शेयर है। पुनर्खरीद के लिए कंपनी के पास मौजूद नकदी का इस्तेमाल किया जाएगा। इन्फोसिस ने कहा कि पुनर्खरीद से उसकी आय पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने नहीं जा रहा है।
विश्लेषकों ने कहा कि निचले कर दायरे में एक निवेशक के लिए पुनर्खरीद में हिस्सा लेना बेहतर होगा क्योंकि इससे उसे अधिक राशि उपलब्ध रहेगी। हालांकि, उच्च कर श्रेणी (16 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय) में एक निवेशक के लिए पुनर्खरीद में सौंपने के बजाय खुले बाजार में शेयरों को बेचना कर बचत के लिहाज से अधिक फायदेमंद हो सकता है।