उत्तर प्रदेश

बिजनेस स्टैंडर्ड समृद्धि 2025: कानून-व्यवस्था में सख्ती से बदली सूरत हुआ चहुंमुखी विकास; निवेश और रोजगार में आई तेजी

मंत्रियों और अधिकारियों ने वित्त, बुनियादी ढांचा, परिवहन, पर्यटन जैसे क्षेत्रों का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार की जनहितैषी नीतियों ने सभी को नई रफ्तार दी है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- November 19, 2025 | 10:52 PM IST

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के साढ़े आठ साल के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था का अभूतपूर्व कायाकल्प हुआ है, जिसका फायदा कमोबेश हरेक क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि के रूप में नजर आ रहा है। प्रदेश सरकार के शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों ने वित्त, बुनियादी ढांचा, परिवहन, पर्यटन, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार की जनहितैषी नीतियों ने सभी को नई रफ्तार दी है।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के ‘समृद्धि’ कार्यक्रम में आज कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आई थी तो बुनियादी ढांचे का विकास और उसके लिए धन का इंतजाम करना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसके लिए पिछली सरकारों के समय उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुके गुंडाराज पर सबसे पहले प्रहार किया गया और अराजकता को पूरी तरह खत्म कर दिया गया। प्रदेश को ‘एक जिला एक माफिया’ से ‘एक जिला एक उत्पाद’ तक लाया गया। इन कदमों का असर वैश्विक निवेशक सम्मेलन में दिखा, जब देश-दुनिया की कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए उमड़ पड़ीं।

मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे का विकास भी निवेश की बड़ी वजह बना। उन्होंने कहा, ‘देश के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 37 फीसदी हिस्सा इस प्रदेश में है, जिसे बढ़ाकर 2047 तक 50 फीसदी करने का उनकी सरकार का लक्ष्य है।’ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनसे प्रदेश के पिछड़े और दुर्गम इलाके भी मुख्यधारा में जुड़ गए हैं।

उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे के साथ ही हवाई अड्डों के मामले में भी उत्तर प्रदेश सबसे तेज दौड़ रहा है। प्रदेश में इस समय 8 हवाई अड्डे हैं, जिनमें दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं और तीसरे जेवर हवाई अड्डे का उद्घाटन जल्द ही होने वाला है। साथ ही वाटरवेज के जरिये जल संपर्क भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क, जलमार्ग और हवाई संपर्क में इतनी तेज बढ़ोतरी की वजह से प्रदेश में उद्योगों और निवेश की भी बाढ़ आई है।

शिक्षा की बात करते हुए पाठक ने कहा कि प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्र मिलाकर अब 81 मेडिकल कॉलेज हो गए हैं, जिनमें 40 से ज्यादा तो पिछले आठ साल में ही आए हैं। साथ ही इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के विद्यार्थियों के लिए भी दूसरे प्रदेशों में जाने की कोई जरूरत नहीं रह गई है। स्वास्थ्य क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों, जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

उप मुख्यमंत्री ने बुनियादी सुविधाओं की बात करते हुए कहा, ‘एक समय था जब बिजली की जबरदस्त किल्लत से प्रदेश जूझता था। बाहर से आने वाले अक्सर पूछते थे कि अभी रात की बिजली कट रही है या दिन की। मगर हमारी सरकार ने ऐसी शर्मनाक स्थिति से उबरते हुए ऐसी स्थिति कर दी है कि लोगों को याद ही नहीं रहता कि पिछली बार बिजली कब गई थी।’ इससे आम जनता को ही नहीं उद्योग-धंधों को भी बहुत फायदा हुआ है।

प्रदेश के आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद अपने भाषण में बताया कि भाजपा सरकार के साढ़े आठ साल के कार्यकाल में प्रदेश का आबकारी राजस्व करीब चार गुना हो गया है। भाजपा के सत्ता में आने से पहले 2016-17 में करीब 14,000 करोड़ का राजस्व देने वाले आबकारी विभाग ने 2024-25 में 52,573 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया।

मंत्री ने उम्मीद जताई कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक आबकारी राजस्व 63,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच जाएगा। इसका श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हुए अग्रवाल ने कहा कि कानून-व्यवस्था के कायाकल्प और आबकारी विभाग की चुस्ती के कारण राजस्व में इजाफा दिख रहा है।

उत्तर प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में आबकारी विभाग की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश अब शीरा और एथनॉल उत्पादन में देश का अव्वल राज्य बन गया है। साथ ही अवैध शराब पर ऐसी सख्ती की गई है कि पिछले चार साल में प्रदेश में एक भी जान इसके कारण नहीं गई है।

उन्होंने प्रदेश के कायाकल्प का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश कभी देश की ‘क्राइम कैपिटल’ के नाम से कुख्यात था मगर आज वह देश का ‘ग्रोथ इंजन’ बनकर वृद्धि और विकास में योगदान कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘क्राइम कैपिटल से ग्रोथ इंजन बनने का यह सफर आसान नहीं था और 2017 में जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो चुनौतियों का अंबार लगा हुआ था।

प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) बहुत कम था, उत्पादन की स्थिति खराब थी, बुनियादी ढांचे की किल्लत थी, निवेश नहीं आ रहा था और कानून व्यवस्था दयनीय थी। मगर सरकार की मेहनत का ही नतीजा है कि 2017 में उत्तर प्रदेश का जो जीएसडीपी 13.30 लाख करोड़ रुपये था अब 30 लाख करोड़ रुपये हो गया है और चालू वित्त वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है।’

मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2017 में उद्योगों की संख्या करीब 13,000 थी, जो अब 27,295 तक पहुंच चुकी है। दूसरे प्रदेशों और विदेश से उद्यमी यहां आ रहे हैं और प्रदेश के छोटे उद्यमियों समेत समूचे उद्योग को दूरदराज तक कारोबार करने का मौका मिल रहा है। इनकी वजह से प्रदेश से निर्यात भी बहुत बढ़ा है। प्रदेश से 2017 में 84,000 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था, जो इस समय 1.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। उद्योग आने से रोजगार भी तेजी से बढ़ा है और 2017 में 6.8 फीसदी की बेरोजगारी दर 2025 में घटकर 2.4 फीसदी ही रह गई है। 90 लाख रोजगार तो एमएसएमई में ही मिले हैं।

अग्रवाल ने कहा कि उद्योग के साथ कृषि में भी प्रदेश काफी तेजी से बढ़ रहा है। 2016-17 में उत्तर प्रदेश की कृषि वृद्धि दर 8.6 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 17.7 फीसदी हो गई है। सरकार की इन सभी कोशिशों का असर उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में भी नजर आ रहा है, जो 2017 के 54,500 रुपये सालाना से बढ़कर 2025 में 1,08,000 रुपये तक पहुंच गई है।

अग्रवाल ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लिए प्रदेश को विनिर्माण पर और भी जोर देना होगा। फिलहाल प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की 15 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसे 2047 तक 35 फीसदी पर ले जाने का लक्ष्य सरकार का है। इसके लिए उद्योग को भी हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ाना होगा, जिसके लिए सरकार हरमुमकिन कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर जैसे उच्च मूल्य वाले उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है और उनके लिए क्लस्टर बनाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘पिछली सरकारों के जमाने में लोग उत्तर प्रदेश में आने से डरते थे और अब ब्रह्मोस मिसाइल भी इसी प्रदेश में बन रही है क्योंकि प्रदेश की सराकर ने डिफेंस क्लस्टर को बहुत जोर दिया है।’ मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में लखनऊ और हरदोई के बीच टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने का ऐलान किया है। इसी तरह के क्लस्टर लेदर, फुटवियर और हेल्थकेयर जैसे उद्योगों के लिए भी लाने की तैयारी है।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि किस तरह इन दोनों क्षेत्रों में मूक क्रांति हुई है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि एक पर्यटक के आने से कम से कम छह लोगों को रोजगार मिलता है, जो इस बात का सबूत है कि अयोध्या, काशी, बौद्ध सर्किट और छोटे जिलों के धार्मिक स्थलों को विकसित करने की प्रदेश सरकार की नीति से कितना लाभ हुआ है।

समृद्धि कार्यक्रम के दौरान ‘नए औद्योगिक क्षेत्र व एमएसएमई के लिए संभावनाएं’ विषय पर पहली परिचर्चा में यह बात उभरकर सामने आई कि उत्तर प्रदेश सरकार उद्योगों के लिए जिस सक्रियता से काम कर रही है, उसी का नतीजा मजबूत वृद्धि और लगातार निवेश की शक्ल में दिख रहा है।

‘इन्फ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण संतुलन’ विषय पर दूसरी परिचर्चा में विशेषज्ञों ने पर्यावरण को दुरुस्त रखने के लिए ‘सर्कुलर इकॉनमी’ के सरकार के विचार की सराहना की और कहा कि उद्योग भी धीरे-धीरे खुद को इसके लिए ढाल रहा है। कृषि या किसी उद्योग से निकले कचरे को दूसरे उद्योग या गतिविधि में कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल करना सर्कुलर इकॉनमी की खासियत है, जिससे प्रदूषण पर काफी अंकुश लग सकता है।

First Published : November 19, 2025 | 10:44 PM IST