अमेरिकी सरकार 2019 के बाद पहली बार “शटडाउन” की स्थिति में चली गई है, क्योंकि कांग्रेस आधी रात की समयसीमा से पहले अस्थायी खर्च बिल पास नहीं कर पाई। चूंकि प्रवासन कई एजेंसियों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसके असर अलग-अलग संस्थानों, नियोक्ताओं और विदेशी नागरिकों पर अलग-अलग पड़ेंगे। अधिकांश अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) का कामकाज जारी रहेगा क्योंकि यह शुल्क-आधारित एजेंसी है। इसका मतलब है कि इंटरव्यू, नागरिकता समारोह, बायोमेट्रिक्स और अन्य रोजमर्रा की सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी।
लेकिन अपवाद भी हैं। जिन कार्यक्रमों को कांग्रेस से बजट आवंटन मिलता है, जैसे E-Verify, Conrad 30 J-1 डॉक्टर योजना और स्पेशल इमीग्रेंट धार्मिक वर्कर कार्यक्रम, वे निलंबित रहेंगे। ह्यूस्टन की लॉ फर्म Reddy Neumann Brown ने अपने एक नोट में कहा, “Conrad 30 कार्यक्रम, जो ग्रामीण अमेरिका में डॉक्टर लाने में मदद करता है, निलंबित हो सकता है। लेकिन सबसे बड़ा असर E-Verify सिस्टम के बंद होने से पड़ेगा।” नियोक्ताओं को ऐसी स्थिति में I-9 दस्तावेज मैन्युअल रूप से सत्यापित करने होंगे। USCIS ने पूर्व में अनुपालन की समयसीमा बढ़ाई है और पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस बार भी ऐसा किया जाएगा।
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शटडाउन का सबसे सीधा असर श्रम विभाग (Department of Labor) पर होगा। विदेशी श्रम प्रमाणन कार्यालय अपने सभी आवेदन रोक देगा, जिनमें H-1B वीजा के लिए लेबर कंडीशन एप्लीकेशन (LCA), PERM आवेदन और वेतन निर्धारण शामिल हैं। इसका ऑनलाइन FLAG सिस्टम और अन्य वेबसाइट भी बंद हो जाएंगे।
इमीग्रेशन वकीलों का कहना है कि इसका असर USCIS पर भी पड़ेगा क्योंकि वह नियोक्ताओं द्वारा अपलोड किए गए डाटा पर निर्भर है। साथ ही, Board of Alien Labor Certification Appeals (BALCA) और DOL के प्रशासनिक कानून न्यायाधीशों की डॉकेट भी स्थगित रहेंगी।
विदेश विभाग (Department of State) द्वारा दी जाने वाली वीजा और पासपोर्ट सेवाएं भी शुल्क से चलती हैं, इसलिए सामान्य रूप से जारी रहेंगी। हालांकि, अगर किसी दूतावास में फीस पर्याप्त नहीं हुई तो सेवाएं सिर्फ आपातकालीन और कूटनीतिक वीजा तक सीमित की जा सकती हैं।
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अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CBP) को आवश्यक सेवा माना जाता है। बंदरगाह खुले रहेंगे और एजेंट निरीक्षण करते रहेंगे। 2022 में CBP ने अनुमान लगाया था कि शटडाउन में केवल 8 फीसदी कर्मचारी अवकाश पर भेजे जाएंगे।
इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) की गतिविधियां भी सामान्य रूप से जारी रहेंगी। छापेमारी और निर्वासन जैसे प्रवर्तन कार्य आवश्यक माने जाते हैं। Reddy Neumann Brown के एक ब्रीफिंग नोट में कहा गया, “शटडाउन के दौरान भी ICE गिरफ्तारी और छापेमारी जैसी मौजूदा प्रवर्तन गतिविधियां जारी रखेगा।”
अंतरराष्ट्रीय छात्रों की निगरानी करने वाला Student and Exchange Visitor Program (SEVP) शुल्क-आधारित है और अप्रभावित रहेगा।
सबसे बड़ी बाधा इमीग्रेशन कोर्ट्स में होगी। Executive Office for Immigration Review (EOIR), जो अदालतों का संचालन करता है, पूरी तरह से कांग्रेस की फंडिंग पर निर्भर है। हिरासत में रखे गए प्रवासियों के मामलों की सुनवाई जारी रहेगी, लेकिन गैर-हिरासत वाले मामलों की सुनवाई स्थगित कर दी जाएगी।
2019 के शटडाउन में 80,000 से 94,000 मामलों को स्थगित करना पड़ा था। इस बार जब पहले से ही 34 लाख से अधिक मामले लंबित हैं और न्यायाधीशों की संख्या कम है, तो असर कहीं ज्यादा गहरा हो सकता है। American Immigration Council के वकील आरोन राइकलिन-मेल्निक ने लिखा: “पिछले वर्षों में शटडाउन का व्यापक असर पहले से ही स्पष्ट था। लेकिन इस बार ट्रंप प्रशासन शटडाउन का इस्तेमाल संघीय सेवाओं में और बदलाव लागू करने के लिए कर सकता है और साथ ही ‘One Big Beautiful Bill Act’ के तहत प्रवर्तन पर मिले 150 अरब डॉलर के अलग बजट के चलते हालात भिन्न हो सकते हैं।”
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यह गतिरोध अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के उस फैसले से जुड़ा है जिसमें उन्होंने Affordable Care Act की सब्सिडी बढ़ाने और Medicaid कटौती को वापस लेने से इनकार कर दिया था। डेमोक्रेट्स का कहना है कि जब तक हेल्थकेयर संकट का समाधान नहीं होगा, तब तक फंडिंग पर सहमति नहीं दी जा सकती। वहीं रिपब्लिकन आरोप लगाते हैं कि डेमोक्रेट्स “सरकार को बंधक” बना रहे हैं।
सेनेटर चक शूमर ने कहा, “अगर राष्ट्रपति समझदार होते तो वे तुरंत इस हेल्थकेयर संकट को हल करते। अमेरिकी जनता उन्हें ही जिम्मेदार ठहराएगी।”