facebookmetapixel
RBI MPC Decision: FY26 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़कर हुआ 6.8%, RBI गवर्नर ने कहा- आगे भी मजबूती की उम्मीदRBI MPC Decision: महंगाई के FY26 में 2.6% रहने का अनुमान, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा सीधा असरसोने ने बनाया ₹1,17,800 का रिकॉर्ड, चांदी पहुंची ₹1,44,844 की नई ऊंचाई परRBI MPC Decision: फेस्टिव सीजन में सस्ते कर्ज की उम्मीदों को झटका, रीपो रेट 5.5% पर बरकरार; GDP अनुमान बढ़ायाShare market holiday: क्या 2 अक्टूबर को शेयर बाजार बंद रहेगा? चेक कर लें अक्टूबर में छुट्टियों की पूरी लिस्टHAL से लेकर टाटा, अदाणी और L&T तक, भारत के पहले स्टील्थ फाइटर के लिए कड़ा मुकाबला शुरूअक्टूबर में IPO का सुपर शो! भारतीय शेयर मार्केट जुटा सकता है 5 अरब डॉलर, निवेशकों में जोशPPF vs RD: ₹1 लाख निवेश करने पर 10-15 साल में कितना होगा फायदा?RBI MPC MEET: आरबीआई का ब्याज दरों पर फैसला आज, होम, कार और पर्सनल लोन की EMI घटेगी?Fuel Prices: तेल कंपनियों ने 1 अक्टूबर से बढ़ाए कमर्शियल LPG और ATF के दाम

RBI MPC Decision: फेस्टिव सीजन में सस्ते कर्ज की उम्मीदों को झटका, रीपो रेट 5.5% पर बरकरार; GDP अनुमान बढ़ाया

RBI Repo Rate: केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार जून 2025 में रेपो रेट में 0.50 फीसदी की कटौती की थी। लेकिन अगस्त में इसे नहीं बदला गया था।

Last Updated- October 01, 2025 | 11:25 AM IST

RBI MPC Decision: रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) ने बुधवार (1 अक्टूबर) को मौद्रिक नीति का ऐलान किया। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि समिति ने सर्वसम्मति से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है और रीपो रेट को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई के इस फैसले के बाद फेस्टिव सीजन में कर्ज सस्ता होने की उम्मीद लगाए लोगों को निराशा हुई है।

केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार जून 2025 में रीपो रेट (Repo Rate) में 0.50 फीसदी की कटौती की थी। लेकिन अगस्त में इसे नहीं बदला गया था। हालांकि, इस साल ब्याज दरों में अब तक कुल 1 फीसदी की कटौती हो चुकी है।

गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, ”मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट को को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय किया है।” आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मौद्रिक नीति रुख को ‘Neutral’ बनाए रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। इसका श्रेय अनुकूल मानसून, घटती महंगाई और मौद्रिक ढील को जाता है।

GDP अनुमान बढ़ाया

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। जबकि पहले यह अनुमान 6.5 प्रतिशत था। वहीं, चालू वित्त वर्ष के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 3.1 प्रतिशत अनुमानित था। यह लगातार दूसरी बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है और उसे पहले की तरह यथावत रखा गया है।

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को पैसा उधार देता है। रीपो रेट बढ़ने पर बैंकों के ऋण महंगे हो जाते हैं, जिससे होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की ईएमआई बढ़ जाती है। वहीं, दरें घटने पर उधारी सस्ती हो सकती है, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट और बचत पर ब्याज घट सकता है।

ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई थी कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) यथास्थिति बनाए रखेगा। हालांकि कुछ को कटौती की संभावना भी दिख रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड के एक सर्वे में अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने यथास्थिति का अनुमान लगाया है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों (जैसे भारतीय स्टेट बैंक) का अनुमान है कि समिति नीतिगत दर में 25 आधार अंकों (bps) की और कटौती कर सकती है। (एक आधार अंक यानी 0.01 percentage point होता है।)

रीपो रेट क्या है

रीपो रेट वो ब्याज दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक RBI से पैसा उधार लेते हैं। इसे ‘रीपो’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये अक्सर ‘रिपर्चेज एग्रीमेंट’ (Repurchase Agreement) के अंतर्गत होता है। रीपो रेट में बदलाव का फैसला MPC देश की मौजूदा आर्थिक हालातों जैसेकि महंगाई दर, जीडीपी ग्रोथ, लि क्विडिटी की स्थिति और वै श्विक परिस्थितियां, के आधार पर लेती है।

First Published - October 1, 2025 | 10:05 AM IST

संबंधित पोस्ट