भारत व्यावसायिक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड संचार सुविधा शुरू करने के निकट पहुंच गया है। इस सेवा से देश के सुदूर स्थानों में बड़ी संख्या में रहने वाले लोगों तक इंटरनेट संपर्क आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। भारती समूह समर्थित यूटेलसैट वनवेब ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उसे व्यावसायिक शुरुआत के लिए सभी आवश्यक मंजूरी […]
आगे पढ़े
यह सही है कि दुनिया भर के नेताओं ने इजरायल और हमास के बीच चार दिवसीय संघर्ष विराम का स्वागत किया है लेकिन ऐसा लगता नहीं कि यह दोनों पक्षों के बीच छिड़ी लड़ाई में दीर्घकालिक शांति ला पाएगा। बंदियों की अदला-बदली और संघर्ष का केंद्र बनी गाजापट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने को लेकर हुए […]
आगे पढ़े
टाटा टेक्नॉलजीज की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) में निवेशकों ने अच्छी खासी रुचि दिखाई है क्योंकि यह लगभग दो दशकों में इस समूह की ओर से पहली प्राथमिक बाजार पेशकश है। इस इश्यू के माध्यम से 475 से 500 रुपये प्रति शेयर की दर से करीब 3,042 करोड़ रुपये की राशि जुटाने का लक्ष्य है। […]
आगे पढ़े
संपदा का एक स्थान पर केंद्रीकृत होना तथा असमानता में बढ़ोतरी होना आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकते हैं। यहां तक कि देश के मजबूत आर्थिक वृद्धि के प्रदर्शन के दौर में भी यह जारी रह सकता है। आंकड़े बताते हैं कि महामारी के बाद की सुधार प्रक्रिया में असमानता बढ़ी है। आय के निचले […]
आगे पढ़े
सरकारी हस्तक्षेप हमेशा वांछित नतीजे नहीं देता। उदाहरण के लिए केंद्र सरकार ने अगस्त में घोषणा की थी कि वह आईटी हार्डवेयर क्षेत्र के सात उत्पादों को प्रतिबंधित सूची में डालेगी। इस योजना को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया और सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट की लेकिन बाजार ने संभावित अनिश्चितता को […]
आगे पढ़े
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गत सप्ताह बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों दोनों के लिए उपभोक्ता ऋण जोखिम भार को 100 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी करने का निर्णय लिया है। यह समय से पहले उठाया गया कदम है। हालांकि इसमें आवास ऋण, शिक्षा ऋण, वाहन ऋण और सोने के बदले लिए गए ऋण […]
आगे पढ़े
सन 1996 के आरंभ में वित्त मंत्रालय में मेरी मुलाकात तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह से हुई। जब उनसे कहा गया कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी आर्थिक सुधारों की बात नहीं करेगी तो डॉ. सिंह ने कहा था, ‘उसके सिवा बात करने को है क्या?’ उसके बाद से हुए हर चुनाव में इस […]
आगे पढ़े
चुनाव के ठीक पहले लुभावने वादे करना भारतीय राजनीति में आम बात हो गई है। परंतु राजनीतिक दल और प्रत्याशी केवल उन वादों तक नहीं रुकते जिन्हें सरकारी खजाने से पूरा करना होता है क्योंकि शायद वे वादे चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं। चुनाव प्रचार अभियानों में बहुत बड़े पैमाने पर धनराशि […]
आगे पढ़े
भारत में करीब 15 लाख स्कूलों का भारी भरकम नेटवर्क है जिसमें करीब 26 करोड़ छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। शिक्षा का अधिकार, सर्व शिक्षा अभियान और मध्याह्न भोजन जैसी सरकारी पहलों ने स्कूली शिक्षा तक पहुंच में महत्त्वपूर्ण सुधार किया है। बहरहाल, अभी भी बड़े पैमाने पर अंत:संबंधित चुनौतियां मौजूद हैं जिनमें शिक्षण नतीजे, शिक्षकों की […]
आगे पढ़े
दीवाली के अवसर पर पड़ने वाले सप्ताहांत पर लंबी दूरी की ट्रेनों और विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर बेतहाशा भीड़ की तस्वीरों और वीडियो ने कई लोगों को स्तब्ध कर दिया। ट्रेनों के बाहर भारी भीड़ मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क के भीड़-भाड़ वाले समय की याद दिलाती है। बस ये ट्रेनें उपनगरीय न होकर अलग-अलग शहरों और […]
आगे पढ़े