भारत को टिकाऊ स्तर पर उच्च निवेश की आवश्यकता है ताकि वह लंबी अवधि तक ऊंची वृद्धि दर हासिल कर सके। देश विकास के जिस चरण में है, वहां हमारी घरेलू बचत वृद्धि की सहायता कर पाने की दृष्टि से अपर्याप्त है। ऐसे में शेष विश्व से पूंजी जुटाने की आवश्यकता है। भारत में आने […]
आगे पढ़े
गत सप्ताह नई दिल्ली में एक औद्योगिक संस्था के मंच से बोलते हुए सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) बीवीआर सुब्रमण्यम ने इस बात की हिमायत की कि भारत को बहुपक्षीय व्यापार समझौतों में शामिल होने पर विचार करना चाहिए। वह क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसेप) और प्रशांत पार साझेदारी के लिए […]
आगे पढ़े
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की निर्णायक जीत ने वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की भविष्य की राह तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उसके असर को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है। उम्मीद के मुताबिक ही फेड की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने गत सप्ताह फेडरल फंड की दरों में 25 आधार […]
आगे पढ़े
उच्च शिक्षा की फंडिंग में सरकारी धन के उपयोग को लेकर बहस नई नहीं है। उच्च शिक्षा के अधिकांश लाभ जहां इसे हासिल करने वाले व्यक्ति को होते हैं, वहीं इसके कुछ बाहरी लाभ भी हैं, मसलन प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ, उच्च शोध एवं नवाचार और अर्थव्यवस्था में अधिक कुशल श्रम शक्ति की उपलब्धता। उच्च शिक्षा […]
आगे पढ़े
बीते वर्षों में अनेक केंद्रीय बैंकों ने अपना संचार बेहतर बनाने का प्रयास किया है ताकि वित्तीय बाजार नीतियों को गलत न समझे या उनकी गलत व्याख्या न करे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी इसका अपवाद नहीं है। मौद्रिक नीति के संदर्भ में गवर्नर के नीतिगत वक्तव्य तथा मौद्रिक नीति समिति (MPC) के संकल्प के […]
आगे पढ़े
डॉनल्ड ट्रंप चार साल के अंतराल के बाद दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए हैं। इस जीत ने सर्वेक्षणों को धता बता दिया है और डेमोक्रेटिक पार्टी की चुनाव के पहले की आशंकाओं को रेखांकित किया है। यह मुकाबला किसी भी लिहाज से करीबी नहीं था। ट्रंप न केवल रिपब्लिकन प्रभुत्व […]
आगे पढ़े
अजरबैजान की राजधानी बाकू में आगामी 11 से 22 नवंबर के बीच आयोजित होने जा रहे जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन (कॉप29) में जलवायु वित्त तथा इसके लिए राशि जुटाना वार्ताकारों के बीच प्रमुख विषय होगा। विभिन्न देश, खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश जलवायु वित्त के मामले में करीब 800 अरब डॉलर की […]
आगे पढ़े
वर्ष 2024-25 के दौरान देश के वित्तीय बाजारों में अस्थिरता का असर रहा है। खासतौर पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के रुख ने बाजार को प्रभावित किया है। अप्रैल 2024 से 4 नवंबर, 2024 तक एफपीआई ने कुल मिलाकर भारतीय शेयरों में तकरीबन 8,644 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है। परंतु बिकवाली तीन खास […]
आगे पढ़े
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को (चाहे वे किसी भी आय वर्ग के हों) स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना, भारत की जनसांख्यिकी में बदलाव की समझ को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के मुताबिक साल 2050 तक भारत में उम्रदराज लोगों की हिस्सेदारी बढ़कर […]
आगे पढ़े
अपनी हालिया भारत यात्रा के दौरान एनवीडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी जेन्सेन हुआंग ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में यह क्षमता है कि वह नवाचार के इस युग में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाकर लंबी छलांग लगा सकता है। एआई में यह काबिलियत है कि वह तकनीक का लोकतंत्रीकरण करे और लोगों […]
आगे पढ़े