हाल के वर्षों के विभिन्न अनुमानों से यह संकेत मिलता है कि देश में गरीबी के स्तर में काफी कमी आई है। अगर गरीबी के दायरे में आने वाले परिवारों को बचाया जा सका तो परिणाम और बेहतर होंगे। नैशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च ने इस बारे में एक नया शोध पत्र प्रकाशित किया […]
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कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने हाल ही में किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को लेकर राष्ट्रीय मसौदा नीति जारी की। इसका लक्ष्य मौजूदा एफपीओ को मजबूत बनाना और नए एफपीओ के निर्माण और उन्हें प्रोत्साहन देने का काम करना है। एक ऐसी व्यवस्था तैयार करने का इरादा है जहां बेहतर आय दिलाने वाली खेती और […]
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गत सप्ताह एक स्वागतयोग्य घटनाक्रम में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य संरक्षा एवं मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) नियमन 2020 को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके तहत खाद्य पदार्थों में नमक, शक्कर और संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) के बारे में मोटे अक्षरों में जानकारी देनी होगी। ऐसा नहीं है कि पैकेटबंद खाद्य […]
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जून 2024 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) का कुल संग्रह 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 7.7 फीसदी अधिक है। परंतु इस जानकारी को सामान्य तरीके से यानी ब्योरों के साथ प्रेस विज्ञप्ति की मदद से नहीं जारी किया गया। इस बार कर संग्रह के आंकड़ों […]
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भारत के रोजगार क्षेत्र का एक बड़ा विरोधाभास यह है कि जहां एक ओर बेरोजगारी बड़ी चुनौती बनी हुई है, वहीं देश के संभावित बड़े नियोक्ताओं की शिकायत है कि उन्हें काम करने के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे हैं। गत सप्ताह लार्सन ऐंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एस एन सुब्रमण्यन ने कहा कि इंजीनियरिंग […]
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केंद्र सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (एसीएनएएस) सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया है। ऐसा विभिन्न सूचकांकों के लिए आधार वर्ष को संशोधित करने और सांख्यिकीय सटीकता बढ़ाने के लिए नए डेटा स्रोतों को शामिल करने के लिए किया गया है। गजट अधिसूचना के अनुसार इंस्टीट्यूट ऑफ इकनॉमिक ग्रोथ के पूर्व प्रोफेसर विश्वनाथ […]
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संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के 2030 के एजेंडे के एक हिस्से, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में छह वर्ष से भी कम समय शेष रह गया है। ऐसे में इसके 17 लक्ष्यों और 169 संबद्ध लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत को अभी बहुत प्रयास करने की आवश्यकता है। इन वैश्विक […]
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नई सरकार के समक्ष लंबित कई प्राथमिकताओं में से एक यह भी है कि हर दशक होने वाली जनगणना को तत्काल अंजाम दिया जाए। दशकीय जनगणना 2021 में होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया। अब महामारी का असर न्यूनतम हुए दो वर्ष से अधिक समय बीत […]
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की गत सप्ताह जारी हुई वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में बताया गया कि देश में वित्तीय स्थिरता की दशा व्यापक तौर मजबूत और स्थिर है। अर्थव्यवस्था में व्यापक वित्तीय जोखिम के कई संकेतक कमजोर पड़े हैं और हमारी व्यवस्था वृद्धि के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने के लिए तैयार नजर आ […]
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बीते 10 वर्षों से केंद्र सरकार एक वांछित निवेश केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को लेकर काफी आशान्वित रही है। मजबूत वृहद आर्थिक प्रदर्शन और वैश्विक निवेशकों के सकारात्मक वक्तव्यों की वजह से सरकारी अधिकारी आश्वस्त रहे और उन्हें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए किसी बदलाव की आवश्यकता नहीं […]
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