देश की बड़ी गाड़ी बनाने वाली कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) अब अपने कारोबार को दो हिस्सों में बांट रही है। यह काम लगभग पूरा हो चुका है। अब कंपनी की दो अलग-अलग कंपनियां होंगी। पहली कंपनी कार और इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाएगी। दूसरी कंपनी ट्रक, बस और अन्य कमर्शियल वाहन बनाएगी। इस फैसले से दोनों कंपनियां अपना-अपना काम बेहतर तरीके से कर पाएंगी और उनका प्राइस भी अलग-अलग तय होगा। निवेशकों को भी दोनों कंपनियों में हिस्सा मिलेगा और वे दोनों की ग्रोथ का लाभ उठा सकेंगे।
डिमर्जर योजना के तहत अब टाटा मोटर्स का मौजूदा शेयर टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (Tata Motors PV) के नाम से कारोबार करेगा। इस नई कंपनी में टाटा मोटर्स का कार और इलेक्ट्रिक गाड़ियों का कारोबार शामिल रहेगा। इसके साथ ही कंपनी की ब्रिटेन की लग्जरी ब्रांड जगुआर लैंड रोवर (JLR) में जो हिस्सेदारी है, वह भी इसी कंपनी के पास रहेगी।
वहीं, टाटा मोटर्स का ट्रक, बस और अन्य कमर्शियल वाहनों का कारोबार अब एक अलग कंपनी में बदल दिया गया है। यह कंपनी जल्द ही शेयर बाजार में टाटा मोटर्स लिमिटेड (Tata Motors Ltd) के नाम से अलग से लिस्ट होगी। इससे दोनों कारोबारों को अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से काम करने और बढ़ने का मौका मिलेगा।
इस डिमर्जर की प्रभावी तारीख 1 अक्टूबर 2025 तय की गई थी। यानी इसी दिन से टाटा मोटर्स के दोनों कारोबार, यात्री वाहन और कमर्शियल वाहन, कानूनी रूप से अलग हो गए। इसके बाद कंपनी ने 14 अक्टूबर 2025 को रिकॉर्ड डेट तय की। इस दिन यह तय किया गया कि किन निवेशकों के पास टाटा मोटर्स के शेयर हैं, ताकि उन्हें नई कमर्शियल वाहन कंपनी के शेयर दिए जा सकें। जिन लोगों के पास 14 अक्टूबर तक टाटा मोटर्स के शेयर थे, उन्हें एक शेयर के बदले एक नया शेयर मिला। ये नए शेयर 16 अक्टूबर 2025 को निवेशकों के डिमैट खातों में जमा कर दिए गए। इस प्रक्रिया में किसी भी निवेशक के शेयरों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई। सभी निवेशकों को बराबर लाभ मिला और किसी का हिस्सा घटा नहीं।
अब टाटा मोटर्स की नई कमर्शियल वाहन कंपनी को बीएसई और एनएसई से लिस्ट होने की मंजूरी लेनी होगी। आम तौर पर इस पूरी प्रक्रिया में करीब 45 से 60 दिन लगते हैं। इसलिए बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि टाटा मोटर्स की यह नई कंपनी नवंबर के अंत या दिसंबर 2025 की शुरुआत में शेयर बाजार में लिस्ट हो सकती है।
जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, निवेशकों को उनके डिमैट खातों में नए शेयर तो दिखेंगे, लेकिन वे इन शेयरों की खरीद-बिक्री नहीं कर पाएंगे। ये शेयर तब तक अस्थायी रूप से बंद रहेंगे, जब तक कि शेयर बाजार इन्हें ट्रेडिंग के लिए मंजूरी नहीं दे देता। उसके बाद ही निवेशक इन शेयरों को स्वतंत्र रूप से खरीद और बेच सकेंगे।
14 अक्टूबर 2025 को, जो रिकॉर्ड डेट थी, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (Tata Motors PV) का शेयर प्राइस 400 रुपये प्रति शेयर तय हुआ। इससे पहले, डिमर्जर से ठीक पहले, टाटा मोटर्स के एक शेयर की कुल कीमत 660.75 रुपये थी।
इस हिसाब से, टाटा मोटर्स के कमर्शियल वाहन कारोबार (Tata Motors CV) का अनुमानित प्राइस 260.75 रुपये प्रति शेयर माना जा रहा है। यानी अब निवेशकों को अपनी हिस्सेदारी दो भागों में दिखाई देगी। एक हिस्सेदारी पैसेंजर व्हीकल कंपनी (PV) में और दूसरी हिस्सेदारी कमर्शियल वाहन कंपनी (CV) में।
अगर आपके पास 14 अक्टूबर 2025 तक टाटा मोटर्स के शेयर थे, तो आपके खाते में नई कमर्शियल वाहन कंपनी के उतने ही शेयर अपने आप जुड़ गए होंगे। हालांकि, इन शेयरों पर कारोबार यानी ट्रेडिंग तभी शुरू होगी जब कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज से अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। यह मंजूरी मिलने की उम्मीद नवंबर के अंत या दिसंबर 2025 की शुरुआत में है। उसके बाद निवेशक दोनों कंपनियों के शेयरों में स्वतंत्र रूप से खरीद और बिक्री कर सकेंगे।
यह डिमर्जर निवेशकों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इससे टाटा मोटर्स के दोनों कारोबार, यात्री वाहन और कमर्शियल वाहन, अपनी-अपनी दिशा में अलग पहचान बना सकेंगे। साथ ही, निवेशकों को दोनों कंपनियों का साफ और पारदर्शी मूल्यांकन देखने को मिलेगा, जिससे उन्हें अपने निवेश पर बेहतर लाभ मिल सकता है।