सेंसेक्स में शामिल मूल शेयरों में से एक टाटा मोटर्स पर अगले महीने 30 शेयरों वाले बेंचमार्क से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है। इसकी वजह अक्टूबर में अपने वाणिज्यिक वाहन कारोबार को अलग करने के बाद उसके बाजार पूंजीकरण में कमी आना है।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की परिचालक इंटरग्लोब एविएशन टाटा मोटर्स की जगह ले सकती है। बाजार मूल्यांकन के हिसाब से यह ऐसी सबसे ऊंची रैंकिंग वाली कंपनी है जो सेंसेक्स में शामिल नहीं है। कारोबार अलग करने के बाद टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहन कारोबार का मूल्यांकन 1.19 लाख करोड़ है जबकि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स का बाजार पूंजीकरण 1.37 लाख करोड़ रुपये है। इसके विपरीत, इंडिगो का बाजार पूंजीकरण 2.27 लाख करोड़ रुपये है और यह इन दोनों से काफी ज्यादा है।
दिसंबर की समीक्षा की घोषणा इस महीने के अंत में होने की उम्मीद है। सूचकांक में परिवर्तन 19 दिसंबर को कारोबार की समाप्ति से प्रभावी होगा।
स्मार्टकर्मा पर प्रकाशित पेरिस्कोप एनालिटिक्स के ब्रायन फ्रिएटस के विश्लेषण के अनुसार अगर टाटा मोटर्स को सूचकांक से हटा दिया जाता है तो उसे लगभग 2,232 करोड़ रुपये की पैसिव निकासी झेलनी पड़ सकती है जबकि इंडिगो को लगभग 3,157 करोड़ रुपये का निवेश मिल सकता है। फ्रिएटस ने कहा कि अगर सूचकांक समिति अगर कम प्रतिनिधित्व वाले कमोडिटी एक्सपोजर को बढ़ाने का विकल्प चुनती है तो ग्रासिम इंडस्ट्रीज के शामिल होने की संभावना है। अगर इसे शामिल किया जाता है तो ग्रासिम में 2,526 करोड़ रुपये का पैसिव निवेश आएगा।
1 जनवरी, 1986 को शुरू हुआ सेंसेक्स (जिसका आधार मूल्य 100 है और जो 1979 का है) भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजारों का संकेतक बना हुआ है। 30 शेयरों के समूह में से केवल तीन रिलायंस इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी ही अब तक इसके सदस्य बने हुए हैं। लार्सन ऐंड टुब्रो, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसे अन्य संस्थापक नाम आज भी मौजूद हैं, हालांकि इन्हें अलग-अलग समय हटाया भी गया और फिर शामिल किया गया। अगर आगामी समीक्षा में इन्हें हटा दिया जाता है तो टाटा मोटर्स नेस्ले की तरह ही होगा, जिसे जून के दोबारा संतुलन में हटा दिया गया। नेस्ले भी सेंसेक्स का एक और मूल सदस्य है।
वर्तमान सदस्यों में, इन्फोसिस और भारतीय स्टेट बैंक सबसे लंबे समय से इसमें शामिल हैं, हालांकि दोनों ही सूचकांक की स्थापना के बाद इसमें शामिल हुए थे।
जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की बिक्री में गिरावट के बीच सोमवार को टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल्स (पीवी) के शेयरों में 7.3 फीसदी तक की गिरावट आई। कंपनी ने लग्जरी कार इकाई के लिए मार्जिन अनुमान भी कम कर दिया।
टाटा मोटर्स पीवी के शेयर पिछले बंद भाव के मुकाबले 4.83 फीसदी की गिरावट के साथ 372.7 रुपये पर बंद हुए। कंपनी पिछले हफ्ते टाटा मोटर्स से कारोबार अलग करने के बाद सूचीबद्ध हुई जो अब वाणिज्यिक वाहन कारोबार का परिचालन करती है। टाटा मोटर्स पीवी में यात्री वाहनों का कारोबार आता है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और जगुआर लैंड रोवर शामिल है। यहीं से कंपनी को ज्यादातर लाभ होता है।
सितंबर की शुरुआत में हुए एक साइबर हमले ने लग्जरी कार निर्माता कंपनी का उत्पादन 5 हफ्तों तक रोक दिया था और दूसरी तिमाही में उसे 22.85 करोड़ डॉलर का एकमुश्त खर्च उठाना पड़ा था। एक नोट में जेफरीज ने कहा कि जेएलआर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें चीन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और उपभोग कर, ज्यादाछूट और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ना शामिल हैं।