Market This Week: घरेलू शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स (Sensex) शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए ,इसी के साथ बाजार लगातार पांचवें सप्ताह नुकसान में रहा। पिछले दो साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब इंडेक्स में लगातार पांच हफ्ते वीकली गिरावट आई हो। बाजार में इस हफ्ते गिरावट का मुख्य कारण ट्रंप का भारत पर 25% रहा। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यापारिक साझेदारों पर भारी टैरिफ लगाने के फैसले से वैश्विक आर्थिक वृद्धि की चिंता बढ़ गई।
एनएसई (NSE) का निफ्टी50 इंडेक्स शुक्रवार को 0.82% गिरकर 24,565.35 अंक पर बंद हुआ। जबकि बीएसई सेंसेक्स 0.72% की गिरावट के साथ 80,599.91 अंक पर रहा। इस तरह, इस सप्ताह (28 जुलाई-1 अगस्त) दोनों प्रमुख इंडेक्स लगभग 1.1% नीचे आए। इस दौरान 16 मुख्य सेक्टर्स में से 14 सेक्टर गिरावट में रहे।
आईटी सेक्टर शुक्रवार को 1.9% गिर गया और पूरे सप्ताह सेक्टर में 2.7% की गिरावट दर्ज की। टैरिफ और महंगाई की चिंताओं ने मांग को प्रभावित किया। फार्मा सेक्टर में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यह शुक्रवार को 3.3% की गिरावट और सप्ताह भर में 2.9% गिर गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा कंपनियों से दवाओं की कीमतें कम करने का दबाव बढ़ाया। इससे कीमतों पर दबाव और तेज हो गया। निफ्टी 50 में सबसे अधिक गिरावट सन फार्मा की हुई। यह 4.5% नीचे आया।
देश के शेयर बाजारों को जुलाई में अस्थिरता का सामना करना पड़ा और मार्च से जून तक लगातार चार महीने से हो रही बढ़त का सिलसिला टूट गया। इस अवधि में बेंचमार्क इंडेक्स में करीब 15 फीसदी की उछाल दर्ज हुई। जुलाई में निफ्टी और सेंसेक्स 3 फीसदी से ज्यादा गिरकर बंद हुए। निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में क्रमश: 6.7 फीसदी व 4 फीसदी की गिरावट आई। पिछले चार महीनों में दोनों इंडेक्स में क्रमश: 20-20 फीसदी का उछाल आया था।
अल्फामनी में मैनेजिंग पार्टनर (इक्विटी एन्ड पीएमएस) ज्योति प्रकाश ने कहा, ”इस हफ्ते भारतीय बाजारों के लिए वैश्विक जोखिम और भी तेज हो गए। अमेरिका ने रूस से तेल आयात पर 25% टैरिफ और अतिरिक्त प्रतिबंध लागू कर दिए। इससे अनिश्चितता और बढ़ गई। लार्ज कैप्स में 1.2% की गिरावट दर्ज हुई। अदाणी एंटरप्राइज, कोटक और विप्रो प्रमुख गिरावट वाले शेयर रहे। हालांकि, वरुण बेवरेजेज़ और बॉश जैसे कुछ शेयरों ने स्थिरता दिखाई। मिड और स्मॉल कैप शेयरों की हालत और भी खराब रही, जो क्रमशः 1.9% और 3.0% गिर गए। इसमें एमआरपीएल, इंडस टावर और कई एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) की बड़ी गिरावट रही।”
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उन्होंने कहा, ”विदेशी निवेशकों ने लगातार दसवें दिन भी शुद्ध बिकवाली की। इससे रुपये ने 2022 के बाद सबसे कमजोर मंथली प्रदर्शन किया। हालांकि घरेलू निवेशकों का समर्थन बना रहा। पहली तिमाही के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे। इससे FY26 के लिए आय प्रति शेयर (EPS) अनुमानों में कटौती हुई। नेगेटिव या कमजोर नतीजों का असर ज्यादा रहा, जबकि अच्छे नतीजों का इनाम कम मिला।
ज्योति प्रकाश ने कहा, ”हालांकि एक सकारात्मक पहलू यह रहा कि भारतीय बांडों का प्रदर्शन बेहतर रहा। 10-वर्षीय गवर्नमेंट सिक्योरिटी (G-sec) और 10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड के बीच का अंतर 20 साल के निचले स्तर पर आ गया है। अब निवेशकों की नजर आगामी एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) बैठक पर है, जहां से सहायक नीतिगत रुख की उम्मीद की जा रही है।”
1. कंपनियों की आय में सुस्ती, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और अमेरिकी व्यापार वार्ताओं को लेकर नई अनिश्चितताओं के कारण यह तेजी अचानक थम गई। इस महीने भारत का कुल मार्केट कैप 11.5 लाख करोड़ रुपये घटकर 450 लाख करोड़ रुपये (5.14 लाख करोड़ डॉलर) रह गया। जुलाई में भारतीय शेयर बाजार ज्यादातर वैश्विक प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ गए क्योंकि आय की सुस्त रफ्तार ने अन्य उभरते बाजारों की तुलना में उनके पहले से ही महंगे मूल्यांकन पर और भी ज्यादा असर डाला।
2. एफएमसीजी और फार्मा को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स महीने के अंत में लाल निशान में रहे। इनमें आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा करीब 10 फीसदी तक गिरा। निफ्टी में शामिल शेयरों में खासी गिरावट वालों में इटरनल शामिल था जो 17 फीसदी गिरा जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर 10 फीसदी तक चढ़ा।
3. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में करीब 20,000 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने लगभग 50,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
निवेशकों को इस हफ्ते बाजार में 8.20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस हफ्ते (28 जुलाई-1 अगस्त) को घटकर 4,44,52,563 करोड़ रुपये रह गया। यह पिछले हफ्ते शुक्रवार (25 जुलाई) को 45,273,516 करोड़ रुपये था। इस तरह, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप साप्ताहिक आधार पर 820,953 करोड़ रुपये घटा है।