facebookmetapixel
NFO Alert: Groww MF ने उतारा नया ETF, सिर्फ ₹500 से मेटल और माइनिंग सेक्टर में निवेश का मौका₹1,098 टच कर सकता है ये Hotel Stock, लीजिंग बिजनेज में तेजी; ब्रोकरेज की सलाह- खरीदेंपुतिन के भारत पहुंचने से पहले आई बड़ी खबर.. रूस देगा न्यूक्लियर पावर अटैक सबमरीन; इतनी हैं कीमतSmall Cap Funds: फिर दिखेगी जोरदार रैली? गिरावट के बाद वैल्यूएशन आकर्षक, जोखिम भी जान लें18% चढ़ सकता है टाटा का FMCG स्टॉक, ब्रोकरेज ने कहा- ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत; खरीदें2026 में सोना 30% चढ़ेगा या 20% गिरेगा? जानें क्या कहती है WGC की रिपोर्ट48.7 अरब डॉलर AUM वाले फंड मैनेजर की राय: 2026 में भारतीय बाजार में आएगी तेजीभारतीय सिंगर सोनू निगम ने किराये पर दी प्रॉपर्टी, हर महीने होगी इतनी कमाईग्रीन सपना बना यूरोप की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा संकटबायबैक डेट घोषित होते ही फार्मा शेयर में 18% की रॉकेट रैली, ₹20 से भी सस्ता; हाई से 60% नीचे कर रहा ट्रेड

NFO Alert: Groww MF ने उतारा नया ETF, सिर्फ ₹500 से मेटल और माइनिंग सेक्टर में निवेश का मौका

NFO Alert: ग्रो म्युचुअल फंड का यह NFO सब्सक्रिप्शन के लिए 3 दिसंबर 2025 से खुल गया हैं और 17 दिसंबर 2025 को बंद होगा

Last Updated- December 04, 2025 | 6:23 PM IST
Metal & mining

NFO Alert: मेटल और माइनिंग सेक्टर में निवेश की योजना बना रहें निवेशकों के लिए ग्रो म्युचुअल फंड एक नया एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) लेकर आया है। इस न्यू फंड ऑफर (NFO) का नाम- ग्रो निफ्टी मेटल ईटीएफ (Groww Nifty Metal ETF) है। यह ईटीएफ एक नियम-आधारित, पारदर्शी और कम लागत वाले पैसिव रूट के जरिए निवेशकों को भारत के बढ़ते और विकसित हो रहे मेटल और माइनिंग सेक्टर में शामिल होने का अवसर देता है। इसमें स्टील, एल्यूमिनियम, तांबा, जिंक और लौह अयस्क बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ग्रो म्युचुअल फंड का यह NFO सब्सक्रिप्शन के लिए 3 दिसंबर 2025 से खुल गया हैं और 17 दिसंबर 2025 को बंद होगा।

Also Read: Small Cap Funds: फिर दिखेगी जोरदार रैली? गिरावट के बाद वैल्यूएशन आकर्षक, जोखिम भी जान लें

Groww Nifty Metal ETF की डिटेल

फंड का नाम- ग्रो निफ्टी मेटल ईटीएफ

फंड टाइप- ओपन-एंडेड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड

NFO ओपन डेट – 3 दिसंबर 2025

NFO क्लोजिंग डेट – 17 दिसंबर 2025

मिनिमम निवेश – ₹500

लॉक-इन पीरियड- कुछ नहीं

एग्जिट लोड – शून्य

बेंचमार्क – निफ्टी मेटल इंडेक्स (NIFTY Metal TRI)

रिस्क लेवल – बहुत ज्यादा जोखिम (Very High Risk)

फंड मैनेजर – आकाश अशोककुमार चौहान, निखिल सातम और शशि कुमार

Also Read: Mirae Asset MF ने लॉन्च किए 2 नए ETF, डिविडेंड और भारत की टॉप-20 कंपनियों पर फोकस; ₹5,000 से निवेश शुरू

क्या है इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी?

स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, निवेश का मकसद हासिल करने के लिए यह फंड पैसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर चलेगा। ग्रो निफ्टी मेटल ईटीएफ को ऐसे मैनेज किया जाएगा कि यह Nifty Metal Index जैसा ही चले। इसका मतलब है कि फंड उन्हीं कंपनियों के शेयर खरीदेगा, और लगभग उतनी ही मात्रा में, जितनी इंडेक्स में है। इसके अलावा, पोर्टफोलियो को समय-समय पर री-बैलेंस किया जाएगा, ताकि इंडेक्स और फंड के प्रदर्शन में फर्क (tracking error) कम से कम रहे।

कुल एसेट का एक हिस्सा डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में भी लगाया जा सकता है, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत पैसा उपलब्ध हो सके। जरूरी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, यह स्कीम दूसरे म्युचुअल फंड में भी निवेश कर सकती है।

क्यों मेटल और माइनिंग सेक्टर पर दांव लगाना चाहिए?

फंड हाउस ने बताया कि भारत सरकार ने कई संरचनात्मक कदम उठाए हैं, जिनका मकसद देश में मेटल का उत्पादन बढ़ाना, निजी निवेश आकर्षित करना और आयात पर निर्भरता कम करना है। इसमें शामिल कुछ प्रमुख पहलें हैं:

स्पेशल स्टील के लिए PLI स्कीम: ₹29,500 करोड़ का निवेश, जो वित्त वर्ष 2028 तक लगभग 25 मिलियन टन क्षमता बढ़ाएगा और 17,000 से ज्यादा नौकरियां देगा।

ऑफशोर मिनरल्स संशोधन बिल 2023: समुद्री खनन के लिए पारदर्शी नीलामी और 50 साल की लीज लागू की गई, जिससे तटीय खनिजों में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ेगी।

Also Read: Abakkus की फ्लेक्सी कैप फंड के साथ MF बिजनेस में एंट्री, ₹500 से निवेश शुरू; 5D स्ट्रैटेजी पर फोकस

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (2025): ₹16,300 करोड़ की पहल, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के लिए जरूरी खनिजों को सुरक्षित करेगी।

विदेशी निवेश (FDI) में सुधार: ऑटोमेटिक रूट के तहत माइनिंग और मेटल से जुड़े काम में 100% FDI की अनुमति।

यूनियन बजट 2025 में सुधार: महत्वपूर्ण खनिजों (लिथियम-आयन, कोबाल्ट, सीसा, जिंक) के कचरे और स्क्रैप पर कस्टम ड्यूटी हटाई गई, ताकि रीसाइक्लिंग और घरेलू वैल्यू एडिशन को बढ़ावा मिले।

ये सभी पहलें मिलकर भारत के मेटल और माइनिंग सेक्टर का समर्थन करने, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और देश की ग्लोबल मेटल मैन्युफैक्चरिंग में लीडरशिप बनाए रखने में मदद करती हैं।


(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published - December 4, 2025 | 6:18 PM IST

संबंधित पोस्ट