NFO Alert: मेटल और माइनिंग सेक्टर में निवेश की योजना बना रहें निवेशकों के लिए ग्रो म्युचुअल फंड एक नया एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) लेकर आया है। इस न्यू फंड ऑफर (NFO) का नाम- ग्रो निफ्टी मेटल ईटीएफ (Groww Nifty Metal ETF) है। यह ईटीएफ एक नियम-आधारित, पारदर्शी और कम लागत वाले पैसिव रूट के जरिए निवेशकों को भारत के बढ़ते और विकसित हो रहे मेटल और माइनिंग सेक्टर में शामिल होने का अवसर देता है। इसमें स्टील, एल्यूमिनियम, तांबा, जिंक और लौह अयस्क बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ग्रो म्युचुअल फंड का यह NFO सब्सक्रिप्शन के लिए 3 दिसंबर 2025 से खुल गया हैं और 17 दिसंबर 2025 को बंद होगा।
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फंड का नाम- ग्रो निफ्टी मेटल ईटीएफ
फंड टाइप- ओपन-एंडेड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड
NFO ओपन डेट – 3 दिसंबर 2025
NFO क्लोजिंग डेट – 17 दिसंबर 2025
मिनिमम निवेश – ₹500
लॉक-इन पीरियड- कुछ नहीं
एग्जिट लोड – शून्य
बेंचमार्क – निफ्टी मेटल इंडेक्स (NIFTY Metal TRI)
रिस्क लेवल – बहुत ज्यादा जोखिम (Very High Risk)
फंड मैनेजर – आकाश अशोककुमार चौहान, निखिल सातम और शशि कुमार
स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (SID) के अनुसार, निवेश का मकसद हासिल करने के लिए यह फंड पैसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी पर चलेगा। ग्रो निफ्टी मेटल ईटीएफ को ऐसे मैनेज किया जाएगा कि यह Nifty Metal Index जैसा ही चले। इसका मतलब है कि फंड उन्हीं कंपनियों के शेयर खरीदेगा, और लगभग उतनी ही मात्रा में, जितनी इंडेक्स में है। इसके अलावा, पोर्टफोलियो को समय-समय पर री-बैलेंस किया जाएगा, ताकि इंडेक्स और फंड के प्रदर्शन में फर्क (tracking error) कम से कम रहे।
कुल एसेट का एक हिस्सा डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में भी लगाया जा सकता है, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत पैसा उपलब्ध हो सके। जरूरी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, यह स्कीम दूसरे म्युचुअल फंड में भी निवेश कर सकती है।
फंड हाउस ने बताया कि भारत सरकार ने कई संरचनात्मक कदम उठाए हैं, जिनका मकसद देश में मेटल का उत्पादन बढ़ाना, निजी निवेश आकर्षित करना और आयात पर निर्भरता कम करना है। इसमें शामिल कुछ प्रमुख पहलें हैं:
स्पेशल स्टील के लिए PLI स्कीम: ₹29,500 करोड़ का निवेश, जो वित्त वर्ष 2028 तक लगभग 25 मिलियन टन क्षमता बढ़ाएगा और 17,000 से ज्यादा नौकरियां देगा।
ऑफशोर मिनरल्स संशोधन बिल 2023: समुद्री खनन के लिए पारदर्शी नीलामी और 50 साल की लीज लागू की गई, जिससे तटीय खनिजों में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ेगी।
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नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (2025): ₹16,300 करोड़ की पहल, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के लिए जरूरी खनिजों को सुरक्षित करेगी।
विदेशी निवेश (FDI) में सुधार: ऑटोमेटिक रूट के तहत माइनिंग और मेटल से जुड़े काम में 100% FDI की अनुमति।
यूनियन बजट 2025 में सुधार: महत्वपूर्ण खनिजों (लिथियम-आयन, कोबाल्ट, सीसा, जिंक) के कचरे और स्क्रैप पर कस्टम ड्यूटी हटाई गई, ताकि रीसाइक्लिंग और घरेलू वैल्यू एडिशन को बढ़ावा मिले।
ये सभी पहलें मिलकर भारत के मेटल और माइनिंग सेक्टर का समर्थन करने, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और देश की ग्लोबल मेटल मैन्युफैक्चरिंग में लीडरशिप बनाए रखने में मदद करती हैं।
(डिस्क्लेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)