Gold ETF Inflows in August 2025: सोने की बढ़ती कीमतों के बीच गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETFs) में एक बार फिर से निवेशकों की दिलचस्पी जगी है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ में निवेश अगस्त में इससे पिछले महीने (जुलाई) के मुकाबले 74.36% बढ़कर 2,190 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में गोल्ड ईटीएफ में 1,256 करोड़ रुपये का निवेश आया था। यह लगातार चौथा महीना है जब इस सेगमेंट में पॉजिटिव इनफ्लो दर्ज किया गया है।
टाटा एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वरदराजन ने कहा, “सोने में बाजार की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है। अगस्त में गोल्ड ईटीएफ में इनफ्लो लगभग 2,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो हाल के समय में सबसे ज्यादा इनफ्लो वाले महीनों में से एक है। यह कीमती धातु अपने मजबूत हालिया प्रदर्शन के कारण लगातार निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।”
Also Read: Flexi Cap Funds का जलवा, 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹3 लाख से ज्यादा; हर साल मिला 29% तक रिटर्न
2025 में अब तक गोल्ड ईटीएफ में कुल 5,648 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हो चुका है। यह घरेलू निवेशकों के लिए करेंसी में उतार-चढ़ाव और महंगाई से बचाव (hedge) के रूप में इसकी बढ़ती अहमियत को दर्शाता है।
मिरे असेट में हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेस सुरंजना बोर्थाकुर ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ में बढ़ता इनफ्लो डायवर्सिफिकेशन की बढ़ते ट्रेड का हिस्सा है। निवेशक अपनी जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की समय सीमा के आधार पर इक्विटी, हाइब्रिड और गोल्ड में निवेश का बंटवारा कर रहे हैं।
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड है, जो देश में सोने की कीमतों को ट्रैक करता है। यह एक पैसिव इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है जो सोने की कीमतों (Gold Price) पर आधारित होता है और गोल्ड बुलियन (भौतिक सोने) में निवेश करता है। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होती है और इसे डीमैट (Demat) या पेपर फॉर्म में रखा जा सकता है। यह उच्च शुद्धता वाले फिजिकल गोल्ड से समर्थित होता है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से निवेशकों को शेयर बाजार की तरह लचीलापन (Flexibility) मिलता है, साथ ही सोने में निवेश की सरलता भी बनी रहती है।
Also Read: Top-5 Mid Cap Fund: 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹4 लाख; हर साल मिला 34% तक रिटर्न
कुल मिलाकर, अगस्त में इक्विटी म्युचुअल फंड में इनफ्लो 22% घटकर 33,430 करोड़ रुपये रह गया। इसका मुख्य कारण न्यू फंड ऑफर (NFO) में आई भारी गिरावट है। हालांकि, यह लगातार 54वां महीना है जब म्युचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में पॉजिटिव इनफ्लो बना रहा है। अगस्त में SIP इनफ्लो 28,265 करोड़ रुपये रहा, जो जुलाई में 28,464 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है। दूसरी तरफ, अगस्त 2025 में ओपन-एंडेड डेट म्युचुअल फंड्स से 7,980 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो देखने को मिला।
अगस्त के अंत में इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 75.2 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि जुलाई के अंत में यह 75.36 लाख करोड़ रुपये था।