Baroda BNP Paribas MF AUM doubled in 3 years: बड़ौदा बीएनपी परिबास म्युचुअल फंड का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पिछले तीन वर्षों में 133% बढ़ा है। फंड हाउस को तीन साल पूरे हो गए हैं। अपनी तीसरी वर्षगांठ पर फंड हाउस ने बताया कि तीन साल में उसका कुल AUM 21,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 49,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। फंड हाउस ने एक बयान में कहा कि यह उपलब्धि निवेश क्षमताओं और पहुंच में महत्वपूर्ण विस्तार के माध्यम से हासिल किया गया है, जिससे भारत की म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में कंपनी की एक प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनी के रूप में स्थिति मजबूत हुई है।
बड़ौदा बीएनपी परिबास म्युचुअल फंड ने कहा कि बीते तीन वर्षों में AUM में वृद्धि को मजबूत निवेश प्रदर्शन का समर्थन मिला है। इस सफलता का मुख्य कारण मानव संसाधन और प्रक्रियाओं में रणनीतिक निवेश रहा है। निवेश प्रबंधन टीम का आकार दोगुना हो चुका है। सुव्यवस्थित निवेश प्रक्रिया, मजबूत जोखिम नियंत्रण और पोर्टफोलियो मॉनिटरिंग की मदद से कंपनी ने निवेशकों के लिए वेल्थ क्रिएशन को संभव बनाया है। इस अवधि में बड़ौदा बीएनपी परिबास म्युचुअल फंड ने अपनी प्रोडक्ट सुइट को 50% से अधिक बढ़ाया है, जिसमें एक्टिव और पैसिव निवेश, इक्विटी, डेट (ऋण), हाइब्रिड, मल्टी-एसेट, थीमैटिक और सेक्टोरल फंड शामिल हैं, जो भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करते हैं।
Also read: ये Large Cap Funds बने शेयरखान के Top Pick, 5 साल में पैसा डबल; 20% तक दिया रिटर्न
बड़ौदा बीएनपी परिबास एसेट मैनेजमेंट इंडिया प्रा.लि. (‘एएमसी’) के सीईओ, सुरेश सोनी ने कहा, “हम एक ऐसी संस्था हैं, जो सिर्फ ‘इंडिया’ ही नहीं, बल्कि ‘भारत’ के निवेशकों और भागीदारों की भी सेवा करने पर केंद्रित है। आज हमारे पास देश के 90% से ज्यादा पिन कोड से निवेशक हैं। हमारा वितरण नेटवर्क भी मजबूत हुआ है, जिसमें अग्रणी बैंक, राष्ट्रीय वितरक, प्रमाणित वित्तीय योजनाकार और सेबी-पंजीकृत निवेश सलाहकार शामिल हैं। हम निवेश प्रदर्शन, वितरण नेटवर्क और पहुंच को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे अगले तीन वर्षों में हमारा AUM फिर से दोगुना होने की उम्मीद है। हमारा मिशन निवेशकों को भारत की आर्थिक वृद्धि और वित्तीय बाजारों में भाग लेने के लिए सशक्त बनाना है। हम ‘टुगेदर फॉर मोर’ के अपने ब्रांड वादे के तहत समूचे इंडिया और भारत में समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एएमसी के सीआईओ – इक्विटी, संजय चावला ने कहा, “हमारे कई फंड अपने-अपने श्रेणी में टॉप परफॉर्मर्स में शामिल हैं। हमारा ध्यान लगातार रिटर्न देने, अल्फा जेनरेट करने और निवेशकों के लिए वेल्थ शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वेल्थ क्रिएशन पर केंद्रित है। यह प्रदर्शन रिसर्च-बेस्ड निवेश रणनीतियों और मजबूत प्रक्रियाओं के कारण संभव हुआ है।”
घरेलू बाजारों के अलावा एएमसी ने भारत में विदेशी पूंजी प्रवाह को आकर्षित करने में भी सफलता पाई है। एएमसी ने यूरोप, दक्षिण कोरिया और जापान के इंस्टिट्यूशन और रिटेल निवेशकों से ऑफशोर इक्विटी फंड जुटाए हैं। एएमसी में ऑफशोर एडवाइजरी एंड एआईएफ हेड जयेश गांधी ने कहा, “हाल ही में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के बीच भारत से पूंजी निकासी की प्रवृत्ति तेज होने के बावजूद हमारे ऑफशोर फंड्स का AUM तीन वर्षों में 220 मिलियन डॉलर से बढ़कर 460 मिलियन डॉलर हो गया है। पेंशन फंड और फैमिली ऑफिस जैसे वैश्विक निवेशक भारत की आर्थिक संभावनाओं को पहचान रहे हैं और यहां लॉन्ग टर्म निवेश की योजना बना रहे हैं।
एएमसी में सीआईओ – फिक्स्ड इनकम प्रशांत पिंपले ने कहा, “ब्याज दरों में संभावित कटौती और नियमित तरलता प्रोत्साहन उपायों को देखते हुए हमें वित्तीय वर्ष 2025-26 में घरेलू ब्याज दरों में गिरावट की उम्मीद है। इससे निवेशकों को स्प्रेड कम्प्रेशन और बुल स्टीपनिंग का लाभ मिलेगा, जिससे हमारे फिक्स्ड इनकम AUM को और बढ़ावा मिलेगा। पिछले दो वर्षों में, बड़ौदा बीएनपी परिबास म्युचुअल फंड ने विभिन्न फंड्स में REITs और InvITs में धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है, जिससे निवेशकों को तीसरी एसेट क्लास में विविधता लाने में मदद मिली है। REITs और InvITs में प्राइमरी और सेकंडरी मार्केट्स से लोगों की बढ़ती भागीदारी के बीच हम अपने पोर्टफोलियो में और विविधता लाने का प्रयास जारी रखेंगे।
Also read: NFO: आज से खुल गए SBI MF के दो नए NFO, PSU Banks में निवेश का सुनहरा मौका; चेक करें जरूरी डिटेल
एएमसी भारत के इंटरनेशनल फाइनेंशियल हब गिफ्ट सिटी में इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेस ऑथोरिटी (IFSC) में रिटेल लाइसेंस का लाभ उठाकर विदेशी फंड क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की योजना बना रहा है। सीईओ सुरेश सोनी ने कहा, “IFSC द्वारा प्रदान किए गए इस लाइसेंस से हमें पीएम मोदी के विजन के अनुरूप गिफ्ट सिटी को एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र बनाने में योगदान करने का अवसर मिलेगा, जो एशिया और मध्य पूर्व के क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों को टक्कर दे सके।”