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एयर टिकट बुक किया? अब 48 घंटे में बिना जुर्माने के रद्द कर सकेंगे टिकट, DGCA के नए प्रस्ताव से यात्रियों को राहत

DGCA ने एयरलाइन टिकट रिफंड नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है, जिससे यात्रियों को रिफंड प्रक्रिया में आसानी, पारदर्शिता और समय पर राशि मिलने की गारंटी मिलेगी।

Last Updated- November 05, 2025 | 12:53 PM IST
Free flight cancellations within 48 hours likely in regulatory reforms
Representative Image

हवाई यात्रियों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइंस के टिकट रिफंड नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है। नए नियमों के तहत यात्रियों को टिकट बुकिंग के 48 घंटे के भीतर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के टिकट रद्द या संशोधित करने की सुविधा मिल सकती है।

DGCA ने इस संबंध में एक ड्राफ्ट जारी किया है और आम जनता से 30 नवंबर तक सुझाव मांगे हैं। इसके बाद अंतिम नीति की घोषणा की जाएगी।

ड्राफ्ट में कहा गया है कि डीजीसीए को बड़ी संख्या में यात्रियों से शिकायतें मिलती रहती हैं। इनमें मुख्य रूप से तीन तरह की शिकायतें शामिल हैं-

  1. कैंसिल की गई टिकटों के रिफंड में देरी,
  2. एयरलाइंस द्वारा कम राशि का रिफंड देना, और
  3. टिकट राशि को वापस करने की बजाय भविष्य की यात्रा के लिए सीमित समय तक वैध क्रेडिट प्रदान करना।

डीजीसीए का कहना है कि इन बढ़ती शिकायतों को देखते हुए अब सरकार पर यह जिम्मेदारी है कि वह रिफंड पॉलिसी के लिए न्यूनतम मानक तय करे ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।

नए सिविल एविएशन रेगुलेशन (CAR) में टिकट रिफंड से जुड़ी न्यूनतम शर्तें तय की गई हैं, जो देशी और विदेशी सभी एयरलाइंस पर लागू होंगी जो भारत से उड़ान संचालित करती हैं।

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DGCA ने एयर टिकट रिफंड के लिए नई गाइडलाइन की पेशकश की

DGCA ने एयरलाइन यात्रियों के लिए रिफंड और टिकट बदलाव को आसान बनाने के लिए कुछ नए प्रस्ताव पेश किए हैं। इनमें मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

48 घंटे की ‘लुक-इन’ विंडो

DGCA का प्रस्ताव है कि टिकट बुक करने के 48 घंटे के भीतर यात्री अपनी टिकट रद्द या बदल सकेंगे, और इसके लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। बस नए फ्लाइट के लिए प्रचलित दर का भुगतान करना होगा।

नाम में सुधार पर कोई शुल्क नहीं

यदि यात्री बुकिंग के 24 घंटे के भीतर अपना नाम सही कराना चाहता है, तो एयरलाइन कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगी। यह केवल सीधे एयरलाइन की वेबसाइट से बुक की गई टिकट पर लागू होगा।

कौन सी फ्लाइट पर यह लागू नहीं होगा?

यह सुविधा उन फ्लाइट्स पर लागू नहीं होगी जो बुकिंग के 5 दिन (घरेलू) या 15 दिन (अंतरराष्ट्रीय) के भीतर उड़ान भर रही हों। इसके अलावा, यदि 48 घंटे बीत चुके हैं, तो रद्द करने पर सामान्य रद्दीकरण शुल्क देना होगा।

क्रेडिट कार्ड और कैश भुगतान पर रिफंड नियम

क्रेडिट कार्ड से की गई बुकिंग रद्द होने पर एयरलाइन 7 दिन के अंदर रिफंड क्रेडिट कार्ड में करेगी। नकद भुगतान की स्थिति में टिकट खरीदने वाली एयरलाइन ऑफिस से तुरंत रिफंड मिल जाएगा।

एजेंट के माध्यम से बुकिंग पर रिफंड

यदि टिकट किसी ट्रैवल एजेंट या पोर्टल से खरीदी गई है, तो रिफंड की जिम्मेदारी एयरलाइन की होगी। DGCA ने कहा कि ऐसी स्थिति में एयरलाइन 21 कार्य दिवसों के भीतर रिफंड पूरा करेगी।

DGCA के इन प्रस्तावों से यात्रियों को टिकट रद्द और बदलने में सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी।

रिफंड राशि में पारदर्शिता:

DGCA का प्रस्ताव कहता है कि टिकट रद्द करने पर मिलने वाली रिफंड राशि स्पष्ट रूप से यात्री को बताई जाए। रिफंड की राशि और उसका विवरण टिकट पर या अलग फॉर्म में दिया जा सकता है। एयरलाइन अपनी वेबसाइट पर भी रिफंड नीति और राशि को स्पष्ट रूप से दिखाए।

क्रेडिट शेल का विकल्प

अब रिफंड को एयरलाइन की क्रेडिट शेल में रखने का विकल्प केवल यात्री को मिलेगा। एयरलाइन इसे डिफॉल्ट रूप से नहीं रख सकेगी।

कैंसलेशन चार्ज की जानकारी:

टिकट बुक करते समय एयरलाइन को कैंसलेशन चार्ज की पूरी जानकारी यात्रियों को देनी होगी।

कैंसलेशन चार्ज की अधिकतम सीमा:

किसी भी स्थिति में एयरलाइन या उसका एजेंट मूल किराया और ईंधन शुल्क से अधिक कैंसलेशन चार्ज नहीं ले सकता। ट्रैवल एजेंट द्वारा लिए जाने वाले शुल्क अलग होंगे, जिन्हें बुकिंग के समय पूरी तरह से बताया जाना चाहिए। एयरलाइन को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके एजेंट/पोर्टल भी इस नियम का पालन करें।

रिफंड पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं

एयरलाइंस अब रिफंड पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकेंगी। मतलब, टिकट रिफंड कराने के लिए यात्रियों को कोई अतिरिक्त पैसा नहीं देना होगा।

विदेशी एयरलाइंस को भी अपने देश के रिफंड नियमों का पालन करना होगा, साथ ही भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों का भी पालन करना अनिवार्य होगा।

अगर किसी यात्री को मेडिकल इमरजेंसी के कारण टिकट कैंसिल करना पड़े, तो एयरलाइन टिकट की राशि वापस कर सकती है या क्रेडिट शेल (भविष्य में इस्तेमाल होने वाली राशि) प्रदान कर सकती है। DGCA की नई प्रस्तावित नियमावली में यह प्रावधान शामिल किया गया है।

क्यों है यह महत्वपूर्ण?

एयरलाइंस यात्रियों को रिफंड देने में देरी या आंशिक रिफंड, टैक्स वापसी न करना और क्रेडिट शेल का गलत उपयोग जैसी शिकायतें डीजीसीए को अक्सर मिलती रहती हैं। ऐसे मामलों को ध्यान में रखते हुए डीजीसीए ने नए रिफंड नियम बनाने का प्रस्ताव रखा है।

इन नियमों के लागू होने से एयरलाइंस को अपनी जिम्मेदारी तय करनी होगी और यात्रियों को रिफंड प्रक्रिया में होने वाली समस्याओं से निजात मिलेगी। इसके साथ ही रिफंड सिस्टम और पारदर्शी और विश्वसनीय बनेगा।

जनता अपने सुझाव 30 नवंबर 2025 तक डीजीसीए को ईमेल (bksingh.dgca@gov.in) के जरिए भेज सकती है।

First Published - November 5, 2025 | 12:53 PM IST

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