धीमी शुरुआत के बावजूद एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज की बड़ी पेशकश धमाकेदार साबित हुई और कुल मिलाकर उसे 1.6 लाख करोड़ रुपये की बोलियां हासिल हुईं। आईपीओ में पेश शेयरों के मुकाबले करीब 17 गुना ज्यादा बोली मिली। ज्यादातर बोली संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में आईं और यहां कुल मिलाकर 55 गुना आवेदन मिले। अन्य श्रेणियों में प्रतिक्रिया सुस्त रही और एचएनआई श्रेणी में 10 गुना और खुदरा निवेशकों की श्रेणी में महज 1.41 गुना आवेदन मिले। कर्मचारियों और एचडीएफसी बैंक के शेयरधारकों के लिए आरक्षित हिस्से को क्रमशः 5.7 गुना और 4.3 गुना बोलियां मिलीं। व्यक्तिगत निवेशकों की मांग में कमी की वजह ग्रे मार्केट में मामूली प्रीमियम था।
एचडीबी फाइनैंशियल के शेयर अनाधिकारिक ग्रे मार्केट में 8 फीसदी से कम प्रीमियम पर बिक रहे थे। संस्थागत निवेशकों की मजबूत मांग एचडीएफसी के मजबूत ब्रांड के कारण थी। हालांकि एचडीबी फाइनैंशियल के आईपीओ मूल्य को लेकर चिंताएं बनी हुई थीं। एचडीबी के 12,500 करोड़ रुपये के आईपीओ का कीमत दायरा 700-740 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर एचडीबी का मूल्यांकन 61,388 करोड़ रुपये बैठता है, जो इसकी बुक वैल्यू का करीब 3.4 गुना है।
एसबीआई सिक्योरिटीज ने एक नोट में कहा है, कंपनी को मजबूत पैरेंटेज, ब्रांड, गवर्नेंस, जोखिम प्रबंधन और उच्च क्रेडिट रेटिंग का समर्थन हासिल है। यह दूसरी सबसे बड़ी ग्राहक फ्रैंचाइजी को सेवा प्रदान करने वाली सबसे बड़ी एनबीएफसी में से एक है। कंपनी आगे चलकर जहां ठीक-ठाक वृद्धि दर्ज करने के लिए बेहतर स्थिति में है, वहीं परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार देखने को मिल रहा है।
आईपीओ से पहले एनबीएफसी दिग्गज ने ऐंकर निवेशकों को 3,369 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित किए। ऐंकर श्रेणी में आवेदन करने वालों में जीवन बीमा निगम, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड, निप्पॉन लाइफ और गोल्डमैन सैक्स फंड शामिल थे। आईपीओ में 2,500 करोड़ रुपये के नए शेयर और 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश शामिल है। आईपीओ के बाद मूल एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी 94.32 फीसदी से घटकर 74.2 प्रतिशत रह जाएगी।
आरबीआई के एक प्रस्ताव को अगर मंजूरी मिल जाती है तो एचडीएफसी बैंक को अपनी हिस्सेदारी घटाकर 20 फीसदी करनी होगी। एचडीबी फाइनैंशियल का आईपीओ अब तक का पांचवां सबसे बड़ा आईपीओ है। इससे पहले ह्युंडै इंडिया, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), पेटीएम और कोल इंडिया के आईपीओ चार सबसे बड़े आईपीओ थे। यह एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के बाद एचडीएफसी समूह का पहला आईपीओ भी है।