पिछले साल ज्यादा भर्तियां करने और वृहद आर्थिक स्थिति पर अनिश्चितता होने का असर इस साल शीर्ष आईटी सेवा कंपनियों की कैंपस नियुक्तियों पर दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार इन्फोसिस और विप्रो 2023 शैक्षणिक सत्र उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को नियुक्त करने के लिए अभी तक कॉलेज परिसर नहीं पहुंची हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने आईटी कंपनियों के बीच लोकप्रिय 3 से 4 बड़े इंजीनियरिंग संस्थानों से बात की, जिन्होंने पुष्टि की कि इन्फोसिस और विप्रो ने छात्रों को नियुक्त करने के लिए अभी तक परिसर का दौरा नहीं किया है।
उद्योग के भागीदारों ने यह भी कहा कि 2022 की तरह इस बार आईटी फर्में परिसरों से नियुक्ति करने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा रही हैं। इसकी एक वजह यह है कि पहले कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर भर्तियां की गई हैं और काफी कर्मचारी अभी बेंच पर हैं यानी किसी परियोजना में उन्हें लगाया नहीं गया है।
दक्षिण भारत के एक इंजीनियरिंग संस्थान के प्लेसमेंट निदेशक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘कैंपस प्लेसमेंट का सीजन अगस्त-सितंबर से शुरू हाता है। लेकिन ज्यादातर बड़ी कंपनियों का अभी प्लेसमेंट के लिए आना बाकी है। इन्फोसिस आम तौर पर नवंबर-दिसंबर तक आती है लेकिन फरवरी का महीना चल रहा है और कंपनी की ओर से अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।’
करियरनेट के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी अंशुमन दास ने कहा, ‘2023 में नियुक्तियां कम रहने के आसार हैं। पिछले साल कंपनियों ने परिसरों में जितनी संख्या में भर्तियां की थीं, इस बार संख्या उसकी आधी रह सकती है।’ संस्थानों को डर सता रहा है कि 2023 में उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को शायद कम ऑफर मिलें क्योंकि 2022 बैच के कई छात्रों को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी अभी तक कंपनियों ने नियुक्त नहीं किया है।
एक अन्य नामी इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक ने कहा, ‘इंजीनियरिंग कॉलेजों से शीर्ष चार आईटी कंपनियां बड़े पैमाने पर छात्रों को नियुक्त करती हैं। अन्य क्षेत्र की कंपनियां भी भर्ती के आती हैं लेकिन वे गिने-चुने छात्रों को ही नियुक्त करती हैं। मुझे डर है कि 2024 बैच पर भी कहीं इसका असर न पड़े।’
विप्रो और इन्फोसिस को इस बारे में जानकारी के लिए ईमेल किया गया जिसका दोनों कंपनियों ने अलग-अलग तरह से जवाब दिया है। विप्रो ने कहा, ‘हमारी प्रतिभा हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है। हम सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को नियुक्त करने की अपनी रणनीति पर अडिग हैं और फ्रेशर हमारी प्रतिभा एवं विकास रणनीति के मुख्य स्तंभ हैं। हमने चालू वित्त वर्ष में अभी तक 17,000 फ्रेशर को अपने साथ जोड़ा है।’
वित्त वर्ष 2023 के तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान नई भर्तियों के बारे में पूछे जाने पर इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2024 के लिए फिलहाल हमने कुछ तय नहीं किया है। इसके बारे में हम चौथी तिमाही के अंत में निश्चित तौर पर विचार करेंगे। जहां तक नई नियुक्ति का सवाल है तो हम मांग के हिसाब से ऐसा करते हैं और वित्त वर्ष 2023 में पूरे साल तथा उससे पहले हमने अच्छी संख्या में भर्तियां की हैं।’
उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि 2023 बैच के छात्रों के लिए कठिन समय हो सकता है। इस बैच के लिए वास्तविक प्लेसमेंट की प्रक्रिया 2024 शैक्षणिक सत्र की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से पहले पूरी हो सकती है।
दास ने कहा, ‘उद्योग को उम्मीद है कि वर्ष 2023 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में मांग में तेजी आ सकती है। लेकिन इस समय तक 2024 में उत्तीर्ण करने वाले छात्रों की
नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होती है। ऐसे में कंपनियां परिसर के नए छात्रों को लेना चाहेंगी न कि उन्हें, जो पहले से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। 2022 में नियुक्ति पत्र पाने वाले कई छात्रों को अभी तक कंपनियों ने नियुक्त नहीं किया है।’
वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के नतीजों से ही नियुक्तियों में नरमी के संकेत दिखने लगे थे। टीसीएस ने नतीजों में कहा था कि कर्मचारियों की बढ़ोतरी की रफ्तार कम हुई है। टीसीएस में तिमाही आधार पर कुल कर्मचारियों में 2,197 की कमी देखी गई और कुल कर्मचारियों की संख्या 6,13,974 रही जो इससे पहले की तिमाही में 6,16,171 थी।