मुंबई शहर (बीएमसी क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र) में नवंबर में 12,219 संपत्तियां पंजीकृत हुईं, जो 2013 के बाद से सबसे अच्छा नवंबर महीना है। नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। पंजीकरण में एक साल पहले के मुकाबले 20 फीसदी की वृद्धि हुई।
संपत्ति के दमदार पंजीकरण से स्टांप शुल्क संग्रह भी 1,038 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 12 फीसदी अधिक है। एक महीने पहले के लिहाज से देखें तो पंजीकरण में 5 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि स्टांप शुल्क स्थिर रहा। समीक्षाधीन अवधि में आवासीय मांग हावी रही, जो सभी पंजीकरणों का 80 फीसदी है। पंजीकरण में नई बिक्री के साथ-साथ दोबारा बिक्री की गई संपत्तियां भी शामिल हैं।
इस साल के पहले 11 महीनों में, मुंबई में 1.35 लाख से अधिक पंजीकरण दर्ज किए गए, जिससे राज्य को 12,224 करोड़ रुपये से अधिक की रकम मिली। पंजीकरण में एक साल पहले के मुकाबले 5 फीसदी की वृद्धि हुई।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘मुंबई के आवासीय बाजार ने नवंबर में भी अपनी स्थिर गति जारी रखी है, पंजीकरण में एक साल पहले के मुकाबले 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है और 2013 के बाद से शहर के लिए सबसे अच्छा नवंबर रहा है।
विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत मांग और उच्च मूल्य वाले मकानों की ओर स्पष्ट रुझान के कारण राजस्व में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। पहले 11 महीनों में पंजीकरण 1,35,000 इकाइयों को पार कर गया है, जिससे बाजार संरचनात्मक रूप से उच्च आधार रेखा पर काम कर रहा है और मासिक गतिविधि लगातार स्वस्थ बनी हुई है। मात्रा और राजस्व दोनों में स्थिरता एक परिपक्व मांग चक्र और मुंबई भर में खरीदारों के निरंतर विश्वास को दर्शाती है।’
उच्च मूल्य वाले मकानों ने इस गतिविधि को बढ़ाया है। 5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली संपत्तियों की नवंबर के पंजीकरण में 7 फीसदी हिस्सेदारी रही, जो पिछले साल से 5 फीसदी अधिक है। यह लक्जरी मांग की मजबूती को दर्शाता है। इसके अलावा, 1 करोड़ रुपये से कम के ब्रैकेट में गिरावट देखी गई। 2 से 5 करोड़ रुपये की श्रेणी स्थिर रही, जबकि 1-2 करोड़ रुपये का खंड 2024 के 31 फीसदी से बढ़कर 2025 में 33 फीसदी हो गया।