त्योहारी सीजन के बाद भी मांग मजबूत बनी रहने की उम्मीद से पिछले हफ्ते निफ्टी ऑटो इंडेक्स दो बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, जिसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती, घटती मुद्रास्फीति और शादियों के सीजन से मदद मिली। यह दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में मजबूती के बाद हुआ है, जहां ज्यादातर वाहन निर्माताओं ने सभी क्षेत्रों में दो अंकों में बिक्री वृद्धि दर्ज की है।
पिछले एक साल में निफ्टी ऑटो इंडेक्स प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांकों में 21 फीसदी की बढ़त के साथ दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सूचकांक रहा। तीन शेयरों ने 45 फीसदी से अधिक की बढ़त के साथ इस बढ़त में अहम भूमिका निभाई : आयशर मोटर्स (46.5 फीसदी), टीवीएस मोटर कंपनी (46.2 फीसदी) और मारुति सुजूकी इंडिया (45.2 फीसदी)। अशोक लीलैंड में 36.6 फीसदी और हीरो मोटोकॉर्प में 29.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
हालांकि संभावनाएं उत्साहजनक बनी हुई हैं, लेकिन इस तेजी ने ज्यादातर शेयरों के मूल्यांकन को 5 साल के औसत से ऊपर पहुंचा दिया है, जिससे निकट भविष्य में बढ़त सीमित हो सकती है। बड़े नामों में केवल महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) और मारुति सुजूकी ही ब्लूमबर्ग के सर्वसम्मति वाले लक्ष्यों के आधार पर 11 फीसदी से ज्यादा की संभावित बढ़त दिखा रही हैं। घरेलू मांग के अलावा, ब्रोकरेज फर्मों को दोपहिया वाहनों और यात्री वाहनों के निर्यात में सुधार से अतिरिक्त वृद्धि की उम्मीद है। वाणिज्यिक वाहनों की मांग को बुनियादी ढांचे पर बढ़ते खर्च से फायदा होने की उम्मीद है जबकि ट्रैक्टरों की मांग ग्रामीण धारणा में मजबूती से बढ़ सकती है।
निकट भविष्य में मुख्य कारक नवंबर का बिक्री प्रदर्शन है। मुमुक्ष मंडलेशा की अगुआई में आनंद राठी के विश्लेषकों का अनुमान है कि ऑटो सेक्टर सभी श्रेणियों में दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज करेगा और त्योहारों के बाद मांग स्थिर रहेगी, जिसकी वजह जीएसटी में बदलाव, शादियों की खरीदारी और कम स्टॉक है।
उनका अनुमान है कि खुदरा क्षेत्र की मजबूती और ग्रामीण खपत के चलते दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर तेजी से बढ़ेगी। अनुकूल आधार और मजबूत माल ढुलाई मांग के चलते वाणिज्यिक वाहनों की थोक बिक्री भी बेहतर रहने की उम्मीद है जबकि मजबूत खुदरा बिक्री, कम इन्वेंट्री और नई पेशकश के चलते सार्वजनिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि भी बेहतरी के साथ महीने का अंत कर सकती है।
ब्रोकरेज फर्म जीएसटी सुधारों, शादियों के सीजन, ग्रामीण मांग, बेहतर ब्याज दरों और खर्च के लिए बढ़ती आय का हवाला देते हुए इस क्षेत्र के प्रति सकारात्मक बनी हुई है। वाहन निर्माताओं में इसके पसंदीदा शेयर हीरो, मारुति सुजूकी और अशोक लीलैंड हैं।
नोमूरा को उम्मीद है कि नवंबर में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 15 फीसदी और यात्री वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 21 फीसदी की वृद्धि होगी। विश्लेषक कपिल सिंह और सिद्धार्थ बेरा ने वाणिज्यिक वाहनों की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि पर प्रकाश डाला है, जो इस महीने 20 फीसदी तक बढ़ सकती है।
ब्रोकरेज के अनुसार, जीएसटी कटौती के बाद से वाणिज्यिक वाहनों की मांग मजबूत हुई है क्योंकि बेहतर परिचालन अर्थशास्त्र और स्थिर माल ढुलाई दरों ने मांग को बरकरार रखा है।
दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन के बाद ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि बड़ी ऑटो कंपनियां अक्टूबर-दिसंबर (तीसरी तिमाही) में बेहतर प्रदर्शन करेंगी। निर्मल बांग को उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में सभी श्रेणियों में बिक्री में वृद्धि को त्योहारों के बाद की खरीदारी, शादियों की मांग, जीएसटी 2.0, कम मुद्रास्फीति और आसान फाइनैंसिंग से मदद मिलेगी।
विश्लेषक यश अग्रवाल का मानना है कि निर्यात में सुधार से दोपहिया और चार पहिया वाहनों दोनों को मदद मिलेगी, जबकि बुनियादी ढांचे की गतिविधियों में वृद्धि से वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है। लास्टमाइल ट्रांसपोर्ट और ई-कॉमर्स गतिविधियों से भी छोटे वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है, जिसे जीएसटी 2.0 से मदद मिली है। बेहतर फसल परिदृश्य और ग्रामीण आय के कारण ट्रैक्टरों की मांग में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।
इसके शीर्ष चयनों में चार पहिया में एमऐंडएम और मारुति सुजूकी, दोपहिया में आयशर और हीरो तथा ऑटो पार्ट्स क्षेत्र में सुप्रजीत इंजीनियरिंग, एएसके ऑटोमोटिव और सिएट शामिल हैं।