Maratha reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर ओबीसी और मराठा दोनों समुदाय के नेता अनशन पर बैठे हैं। मराठा मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण दे जबकि ओबीसी नेता ओबीसी कोटे में किसी भी तरह के बदलाव न करने की मांग कर रहे हैं। कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने राज्य के बीड शहर में आगामी 27 सितंबर तक निधेषाज्ञा लागू कर दी है।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता लक्ष्मण हाके ने गुरुवार को आरक्षण मुद्दे पर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए कहा कि कहा कि अगर सरकार 1911 के गजट के आधार पर जीआर जारी करने का विचार कर रही है, तो महाराष्ट्र में ओबीसी आयोग की क्या जरूरत है?
अगर एकनाथ शिंदे सरकार जरांगे की बात सुनने के बाद जीआर जारी करती है, तो ओबीसी समुदाय उसी के अनुसार जवाब देगा। अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हाके ने सवाल किया क्या मुख्यमंत्री शिंदे को कानून की जानकारी भी है जो वह आरक्षण के मुद्दे पर इस तरह से कार्य कर रहे हैं।
मराठा नेता मनोज जरांगे मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सगे सोयरे (रक्त संबंधी) के सिद्धांत पर मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण देने के लिए 1911 के गजट के साथ-साथ सतारा, बॉम्बे और हैदराबाद में उस दौर में प्रकाशित अधिसूचनाओं पर विचार करे। जरांगे की इन मांगों का ओबीसी समुदाय विरोध कर रहा है।
हाके ने कटाक्ष करते हुए कहा कि 16 सितंबर से अंतरवाली सराटी में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे जरांगे को रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने जरांगे से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के चिह्न का इस्तेमाल करते हुए अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने को कहा। जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि मराठा समुदाय सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा है, तब तक उन्हें आरक्षण नहीं दिया जा सकता। कोई भी अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण को समाप्त नहीं कर सकता।
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महाराष्ट्र में मराठा, ओबीसी और अन्य समुदायों द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन के मद्देनजर बीड जिला प्रशासन ने 27 सितंबर तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है। हाके का आंदोलन स्थल वाडी गोद्री जरांगे के आंदोलन स्थल अंतरवाली सराटी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है।
बीड प्रशासन द्वारा गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मराठा, ओबीसी और धनगर जैसे विभिन्न समुदायों के सदस्य आंदोलन कर रहे हैं, इस बात की आशंका है कि किसी भी छोटी सी वजह से कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है, इसलिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के वास्ते 14 से 27 सितंबर तक बीड में निषेधाज्ञा लागू की जाती है। आदेश में सरकारी कर्मचारियों को छूट दी गई है।